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सोनम शुक्ला की बिटिया के खाते में 3000 रुपए स्कॉलरशिप आई। बच्ची मां से कहती, ये पैसे घर खर्च में लगा दो। मां दिवाली आ रही है, आपके पास अच्छी साड़ी नहीं है, आप नई साड़ी ले लेना। मां बेटी के प्यार को देखकर हंसती है और फिर मना कर देतीं हाई. 5 दिन पहले दरिंदों ने बच्ची को जिंदा जला दिया. बेटी की पासबुक भास्कर के रिपोर्टर को दिखाते हुए मां रोने लगती हैं। अभी तक कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं. गुरफान, जावेद, फैजान और प्रिंस पाल अभी तक फरार. इस परिवार को न्याय कब?

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7 years of biggest failure of Modi govt, #demonetisation which is never discussed by BJP neither given accounts of same

2nd biggest is implementation of GST

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Judith Love Cohen was an American aerospace engineer who helped create the Abort-Guidance System that rescued the Apollo 13 astronauts.

When she went into labor, she went to work.

She took a printout of a problem she was working on to the hospital. She called her boss and said she finished the problem and gave birth to Jack Black

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Judith Love Cohen was an American aerospace engineer who helped create the Abort-Guidance System that rescued the Apollo 13 astronauts.

When she went into labor, she went to work.

She took a printout of a problem she was working on to the hospital. She called her boss and said she finished the problem and gave birth to Jack Black

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Judith Love Cohen was an American aerospace engineer who helped create the Abort-Guidance System that rescued the Apollo 13 astronauts.

When she went into labor, she went to work.

She took a printout of a problem she was working on to the hospital. She called her boss and said she finished the problem and gave birth to Jack Black

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चंडीगढ़ से चेन्नई, जयपुर से गुवाहटी

2000 के नोट बदलवाने को लाइनों में लगे लोग

कसूर इनका सिर्फ इतना है कि इन्होंने अनपढ़ राजा चुना है

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•बिहार में आंगनबाड़ी सेविकाएं राजधानी पटना की सड़कों पर पुलिस के डंडे और वाटर कैनन की धार झेलती हुई अडिग हैं। महिला सशक्तिकरण का राग अलापने वाली यह राज्य सरकार उस सड़क पर अपनी पुलिस से यह कृत्य करा रही है जिस सड़क के किनारे विधान भवन स्थित है, जहां से राज्य के नीति नियम तय होते हैं।

•इस बार सत्ता में आने से पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की सामाजिक व्यवस्था में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही इन आंगनबाड़ी सेविकाओं को वादा किया था कि, उनकी सरकार बनी तो सेविकाओं का मानदेय बढ़ेगा।

•इन सेविकाओं को दुनिया भर की जिम्मेदारी दी गई है। ये कागजों पर ही केवल सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक की ड्यूटी कर रही हैं।वास्तविकता किसी बंधुआ मजदूरी से भी भयावह है।इनकी जिम्मेदारियों में शामिल है:-
अपने पोषक क्षेत्र में प्रतिदिन गृह भ्रमण,गर्भ में आए शिशु के खयाल रखने से लेकर जन्म व मृत्यु का लेखा जोखा,टीकाकरण, टी. एच. आर., अपने पोषक क्षेत्र में किशोरियों की देखभाल, चुनावों में जिम्मेदारी, जनगणना की जिम्मेदारी,इत्यादि।

•इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण स्कूल पूर्व शिक्षा की जिम्मेदारी है जो एक शिक्षित समाज की मजबूत नींव तैयार करता है।इसके अंतर्गत बच्चों को उनके घर से आंगनबाड़ी केंद्र लाना व सुरक्षित उन्हें वापस घर पहुंचाना,यदि वे केंद्र पर शौच आदि कर दें तो उनकी भी सफाई करना,उनके लिए तय रूटीन के तहत पोषण की व्यवस्था, इत्यादि।

•इन सब ने कोरोना के समय में रात - रात तक अपने पोषक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा किसी भी स्वास्थ्य आपदा के समय समाज में इनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहती है।

•कोई भी हतप्रभ हो जाएगा और यह सहज ही स्वीकार कर लेगा कि लगभग दिनभर के काम के लिए इन कर्मठ व लगनशील कार्यकर्ताओं को दिया जाने वाला साढ़े 5 हजार रूपए प्रति माह का वेतन इनके उन अथक परिश्रमों के बदले में किया गया एक गंभीर मजाक है।

•किसी भी जगह मजदूरी कर रहा व्यक्ति न्यूनतम 400 रूपए प्रतिदिन की मजदूरी पाता है, जबकि इन तमाम पहाड़ सी जिम्मेदारियों का वहन करने वाली सेविकाएं प्रतिदिन 198 रूपए प्राप्त करती हैं। कई राज्यों ने अपने यहां इन सेविकाओं की जिम्मेदारी को समझकर उन्हें सम्मानजनक पारिश्रमिक से नवाजा है लेकिन बिहार राज्य की सरकार के तहत काम कर रहे अधिकारी वेतन वृद्धि की उचित मांग कर रही सेविकाओं को चयन मुक्त करने का नोटिस जारी कर रहे हैं।यह बंधुआ मजदूरी ही है कि काम करना है तो करो अन्यथा नौकरी छोड़ घर जाओ!

•राज्य सरकार को इस संबंध में मजबूत कदम उठाने ही होंगे क्योंकि ये सेविकाएं ग्रासरूट लेवल पर अंततः सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का एकमात्र जरिया हैं। यदि इनकी नहीं सुनी गई तो यह सामाजिक न्याय की भी अवहेलना होगी!
सक्षम सेविकाओं से ही सशक्त बिहार निर्मित होगा!

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तेजस्वी यादव के इस बयान पर अपनी राय कमेंट बॉक्स में बताएं

नीतीश के बयान पर तेजस्वी की सफाई, कहा- गलत मतलब ना निकालें, सीएम ने सेक्स एजुकेशन की बात की...

बिहार विधानसभा में मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को लेकर ऐसा विवादित बयान दिया जिस पर पटना से लेकर दिल्ली तक हंगामा मच गया.

बिहार बीजेपी के साथ ही केंद्रीय मंत्रियों ने भी उनकी जमकर आलोचना की लेकिन बिहार के डिप्टी तेजस्वी यादव ने उनका बचाव किया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि "मुख्यमंत्री के बयान को दूसरे नजरिए से देखना सही नहीं है और वो केवल सेक्स एजुकेशन की बात कर रहे थे जिसकी पढ़ाई स्कूलों में भी होती है."

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तीर्थराजी देवी, यूपी के कुशीनगर में रहती थीं। वो मजदूरी करतीं, पति कपड़े धोने का काम करते।

तारीख- 9 नवंबर 2016, नोटबंदी की अगली सुबह

तीर्थराजी 1 हजार के 4 नोट लेकर बैंक पहुंचीं। ये उनकी जमा पूंजी थी।

बैंक बंद था। चाय की दुकान से पता चला कि नोटबंदी हो गई, सदमा लगा, मौत हो गई।

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