#g20summit2023 को लेकर धौलाकुआं रास्ते में शिवलिंग आकार के फव्वारे लगाए गए हैं। इन शिवलिंग के आकार के फव्वारों को लेकर सियासत शुरू हो गई है।

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#g20summit2023 को लेकर धौलाकुआं रास्ते में शिवलिंग आकार के फव्वारे लगाए गए हैं। इन शिवलिंग के आकार के फव्वारों को लेकर सियासत शुरू हो गई है।
जब हम अपने जीवन में सफलता हासिल करते हैं तब सबसे ज्यादा खुशी हमारे माता पिता को होती हैं, जो दिन रात हमारी सफलता के लिए मेहनत करते और हमें सारी सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। ऐसा ही किया है कनाडा में गोल्ड जीतने वाली चतरू चौधरी के माता पिता ने, जिन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद चतरू को पढ़ाया और उन्हें सफलता की सीढ़ी तक पहुंचाया।
राजस्थान के लापला गांव की रहने वाली चतरू चौधरी राजस्थान पुलिस में हाड़ी रानी बटालियन अजमेर में कांस्टेबल के रूप में काम करती हैं उन्होंने अभी हाल ही में कनाडा में आयोजित हुई वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में भाग लेकर 10 किलोमीटर मैराथन दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया है। लेकिन उन्होंने अपने जीवन में यह सफलता कड़ी मेहनत और संघर्ष से हासिल की हैं।
चतरू के माता पिता पढें लिखे नहीं हैं, लेकिन वह पढ़ाई का महत्व जानते थे। उनके पिता गुमनाराम मजदूरी का काम करते हैं। उन्होंने शुरू से ही अपनी बेटी की पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा। उनके पिता ने मेहनत मजदूरी कर उन्हें हर सुविधा उपलब्ध कराई, लोगों के ताने सुनने के बावजूद उनके पिता ने उन्हें राजस्थान पुलिस में भर्ती कराया। आज जब उनकी बेटी ने विदेशी भूमि पर गोल्ड मेडल हासिल किया तो उनके माता पिता सबसे ज्यादा खुश नज़र आए। चतरू कनाडा जाने के लिए जब पासपोर्ट और वीजा बना रही थी तब उन्होंने अपनी माँ से वादा किया था कि वह उन्हें हवाई जहाज से यात्रा कराएंगी। अब गोल्ड जीतने के बाद वह अपना यह वादा पूरा करने में लगी हैं।
चतरू ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से लड़कर आगे बढ़ती गई, अपने और अपने माता पिता के सपनों को पूरा किया। चतरू आज देश की सभी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा हैं।