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बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान इन दिनों अपनी फिल्म जवान को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में फिल्म का प्रीव्यू सामने आया है। जिसे देखने के बाद एक्टर के फैंस के बीच फिल्म को लेकर एक्साइटमेंट बढ़ गई है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने भी फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। फिल्ममेकर ने फिल्म को लेकर भविष्यवाणी की है कि शाहरुख खान की ‘जवान’ ब्लॉकबस्टर साबित होगी।

दरअसल, जब एक यूजर ने विवेक अग्निहोत्री को ट्वीट कर कहा, ‘अगर हिम्मत है तो शाहरुख खान से भिड़ो। ‘जवान’ के साथ ‘द वैक्सीन वॉर’ रिलीज करो।’ सोशल मीडिया यूजर के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, विवेक अग्निहोत्री ने लिखा कि ‘हम बॉलीवुड गेम का हिस्सा नहीं है। ये क्लैश आदि जैसे शब्द सिर्फ स्टार और मीडिया के लिए है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि शाहरुख खान की जवान ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर साबित होगी। लेकिन इसे देखने के बाद कृपया एक वैक्सीन युद्ध में भारत की सबसे बड़ी जीत के बारे में हमारी छोटी सी फिल्म भी देखें जिसके बारे में आप कुछ भी नहीं जानते हैं। वैक्सीन युद्ध।’

वहीं विवेक अग्निहोत्री ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि ‘हम एक डाइवर्स कंट्री हैं। मुझे यकीन है कि यहां हर तरह के दर्शकों के लिए जगह है। हर परिवार अपने बच्चों को मार धाड़ (एक्शन) फिल्मों में नहीं ले जाना चाहता। कुछ लोग बच्चों को ऐसी फिल्में दिखाना पसंद करते हैं जो प्रेरित करें, शिक्षित करें और प्रबुद्ध करें। वैक्सीन वॉर…एक सच्ची कहानी।’

बता दें कि विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ 15 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी। लेकिन अब इसकी रिलीज को टाल दिया है। अब यह फिल्म दशहरा के मौके पर इसे 24 अक्टूबर को रिलीज होगी। फिल्म में अनुपम खेर, नाना पाटेकर, पल्लवी जोशी और राइमा सेन मुख्य भूमिकाओं में हैं।

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नाना पाटेकर के पिता के आख़िरी दिनों में नाना के घर की माली हालत इतनी ख़राब थी कि उनके दवाइयों के लिये भी नाना को ख़ूब मशक्कत करनी पड़ती थी। नाना तब जेब्रा क्रॉसिंग और फ़िल्मी पोस्टर की पेंटिंग का काम किया करते थे, साथ ही वे थियेटर में भी सक्रिय थे।

अपने एक इंटरव्यू में नाना पाटेकर ने बताया था कि नाटक 'महासागर' के शो के दौरान उनके पिताजी की तबीयत काफी ख़राब थी, लेकिन पैसों के इंतज़ाम के लिए नाटक में जाना ज़रूरी था। उस दिन नाटक के तीन शो रखे गए थे। तभी अचानक मालूम चला कि उनके पिता अब नहीं रहे। नाटक को कैंसिल करने की बात हुई, लेकिन इससे सबका नुकसान होता इसलिए नाना ने ख़ुद ही कहा कि नाटक ज़रूर होगा।

सबसे ख़ास बात कि एक शो को पूरा करने के बाद नाना ने अपने साथी कलाकारों के साथ अस्पताल जाकर पिता का अंतिम संस्कार किया और अंतिम संस्कार के बाद वापस आकर 'महासागर' के दो और शोज़ पूरे किए।

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जाने-माने राइटर व ऐक्टर कादर ख़ान एक ज़माने के मशहूर विलेन थे और कभी परदे पर दहशत का दूसरा नाम समझे जाते थे, लेकिन 90 के दशक तक आते-आते उन्होंने कॉमेडी व कैरेक्टर रोल करने शुरू कर दिये और विलेन की इमेज को पूरी तरह से तोड़ दिया। दरअसल कादर ख़ान ने अपनी ख़तरनाक विलेन की इमेज तोड़कर कॉमिक किरदार करने का फैसला अपने परिवार और अपने स्टूडेंट्स की वजह से लिया था।
कादर खान जब फिल्मों में विलेन का किरदार करते थे तो उनके बेटों को स्कूल में अन्य स्टूडेंट्स चिढ़ाया करते थे। यहां तक कि एक बार उनके बेटे सरफराज का इस चक्कर में झगड़ा भी हो गया था। इधर कादर खान की पत्नी भी उन्हें फिल्मों में विलेन बनने से रोकने लगी थीं। इतना ही नहीं उनके कॉलेज के स्टूडेंट्स भी उन्हें विलेन का रोल न करने के सलाह दिया करते थे।
यहाँ हम बता दें कि फिल्मों में करियर बनाने के पहले, कादर खान 'एमएच सैबू सिद्दिक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग' में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे। इन चौतरफा दबावों की वज़ह से ही कादर खान ने विलेन के किरदार लेने धीरे-धीरे छोड़ दिये थे।

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