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#कर्ण को अपनी जिंदगी में कभी जीत नहीं मिली इसके बावजूद भी उसे विश्व का #सर्वश्रेष्ठ_योद्धा माना जाता है।
स्थान: श्री #हनुमान_गढ़ी_मंदिर #अयोध्या जी मंदिर।
समय: #साल_1998 का एक अघोषित दिन।
मंदिर परिसर में लगे ठंडे पानी की मशीन के पास बैठा एक छोटा सा वानर मुंह में दो बिजली के तारों को लिए चबाए जा रहा था, मानों कोई फल हो।
पूरा मंदिर खाली करा लिया गया था, एक एक श्रद्धालु और एक एक दर्शनार्थी।
केवल #पुलिस_बल और #बम_निरोधक_दस्ता वहां उस समय हनुमान गढ़ी मंदिर के भीतर था, और वे सभी के सभी उस छोटे से वानर को #बिजली_का_तार चबाते हुए देख रहे थे।
पर मंदिर पूरा खाली क्यों था और पुलिस के साथ में बम निरोधक दस्ता वहां क्या कर रहा था?
इसे थोड़े से में बता रहा हूं क्योंकि 1998 में घटी ये #सत्य_घटना आज तक किसी अखबार या न्यूज चैनल में ये घटना दिखाई नही गई है अयोध्या के अति संवेदनशील होने के कारण।
साल 1998 में करीब #बीस_किलो_आरडीएक्स अयोध्या में आने की खबर उत्तरप्रदेश की #एसटीएफ यानी विशेष पुलिस दस्ते को लगी थी, जिसमे से अधिकांशतः आरडीएक्स को समय रहते पुलिस की मुस्तैदी से जब्त कर लिया गया और अयोध्या में किसी प्रकार का धमाका नही हुआ।
परन्तु एक आतंकी बम निरोधक दस्ते का भेष बनाकर अयोध्या के सबसे प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर में घुस गया और उसने #टाइमर सेट करके वहां ठंडे पानी की मशीन में बम लगा दिया।
जब तक पुलिस ने उसे बाहर भागते समय पकड़ा और पूछताछ शुरू की तब तक केवल एक मिनट का समय शेष रह गया था मंदिर में बम के विस्फोट के लिए, ऐसा उस #आतंकी ने स्वयं बताया था।
तुरत फुरत पूरा का पूरा पुलिस बल जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर अविनाश मिश्रा कर रहे थे, मंदिर में घुसे और वो टाइम बम को खोजने लगे।
मंदिर का हर एक कोना हर एक गलियारा छान मारा पर बम जैसा कुछ भी किसी को दिखाई नही दे रहा था की तभी सबने देखा…..
मंदिर के प्रांगण में बने ठंडे पानी की मशीन के पास एक छोटा #वानर बैठकर अपने हाथों में दो तार लिए उनसे खेल रहा था और मुंह में लेकर चबाए जा रहा था, जैसे कुछ काट रहा हो।
पुलिस को अंदेशा हो गया की हो ना हो इसी मशीन में बम फिट किया गया है, उन्होंने उस वानर के मुंह से तार छुड़ाने के लिए केले उसकी ओर फेंके।
और केले जैसे ही उस वानर की ओर फेंके गए वैसे ही वो तार छोड़कर बिना केले लिए वहां से उतरकर चला गया या यूं कहूं #लुप्त हो गया।
तुरंत ही बम निरोधक दस्ता वहां बुलवाया गया और जैसे ही मशीन खोली गई, उसमे से एक टाइमर सेट किया गया बम पाया गया।
"सर इस बम को तो डिफ्यूज (नष्ट) किया जा चुका है! ये देखिए टाइमर #3_सेकेंड पर रुक चुका है!"
"उस छोटे से बंदर ने तार काटकर बम को फटने से रोक दिया है!"
बड़े उत्साह के साथ बम निरोधक दस्ते के उस सिपाही ने सूचना दी।
और कुछ ही देर में सारे पुलिस बल ने हनुमान गढ़ी मंदिर के शिखर पर वही छोटे से वानर को देखा, जो शिखर के कलश को सहला रहा था।
मित्रों आप ही बताइए वो छोटा सा वानर था या फिर भक्त प्रवर श्री हनुमान जी महाराज संसार से कुछ कह रहे थे!
निश्चित ही वो हनुमान बाबा थे और वो ये डंके की चोट पर सारे संसार को बता रहे थे की अवध मेरे प्रभु श्रीराम की है और इसकी ओर जब जब संकट आएगा तब तब एक वानर आकर इस अवध की रक्षा करेगा।
अपने प्रभु की परम प्रिय नगरी पर आंच भी नही आने देगा!
जब #शादी की तारीख फिक्स हो जाती है तो लड़की का बाप लड़के के बाप से पूछता है कितनी #बारात लाओगे?
लड़के का बाप कहता है तीन सौ।
लड़की का बाप बोलता है इतनी बारात बहुत ज्यादा हो जाएगी, दो सौ बारात ले आना।
लड़के का बाप कहता है दो सौ बारात में हमें नहीं होगी हमारी #इज्जत चली जाएगी। गांव में हर घर से कम से कम एक आदमी तो पूछना ही पड़ेगा तो सिर्फ गांव के दो सौ लोग हो जाएंगे फिर हमारे रिश्तेदार और घर की औरतें हो जाएंगी, जिसे नहीं पूछेंगे वही बुरा मान जाएगा इसलिए कम से कम तीन सौ लोग आएंगे। हम तो आपके हालात देखकर तीन सौ बाराती ला रहे हैं वरना हमारा परिवार इतना बड़ा है कि और इतने नाते रिश्तेदार हैं कि हमें चार सौ बाराती से ज्यादा लाना चाहिए।
कुछ दिनों बाद जब उसी लड़के वालों के घर में कोई बीमार हो जाता है तो पूरे गांव में कोई एक यूनिट #खून देने वाला नहीं मिलता। सोशल मीडिया में अपील करना पड़ता है। अगर किसी से झगड़ा हो जाता है तो पूरे गांव में दो लोग ऐसे नहीं मिलते जो कोर्ट में चलकर ज़मानत ले लें।
मेरा मानना है कि *बारात में सिर्फ उन्हें ही लेकर जाना चाहिए जो*
*_एक यूनिट #ब्लड दे सकें और जो कोर्ट में खड़े होकर तुम्हारी #जमानत_* ले सकें।
बस यही तुम्हारे हैं बाकी सब #गैर हैं।