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हैप्पी फ़ादर्स डे🌹
एक पिता ने अपने पुत्र की बहुत अच्छी तरह से परवरिश की। उसे अच्छी तरह से पढ़ाया, लिखाया, तथा उसकी सभी आर्थिक, शैक्षणिक, सभी कामनाओ की सभी तरह से पूर्ती की। फलस्वरूप उसका पुत्र एक सफल इंसान बना और एक मल्टी नेशनल कंपनी में सीईओ बन गया। उच्च पद, अच्छा वेतन, सभी सुख सुविधाए उसे कंपनी की और से प्रदान की गई। समय गुजरता गया उसका विवाह भी हो गया। उसकी एक लड़की भी हो गई। पिता अब बुढ़ा हो चले थे।
एक दिन पिता को पुत्र से मिलने की इच्छा हुई और वो अपने पुत्र से मिलने उसके शहर में उसके ऑफिस में गये। वहां उसने देखा की उसका पुत्र एक शानदार ऑफिस का मालिक बना हुआ है उसके ऑफिस में सैकड़ो कर्मचारी उसके मातहत कार्य कर रहे है। ये सब देख कर पिता का सीना गर्व से फूल गया। वो उसके चेंबर में जाकर, उसके कंधे पर हाथ रख कर खड़ा हो गया और प्यार से अपने पुत्र से पुछा "इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है"?
पुत्र ने पिता को बड़े प्यार से हंसते हुए कहा "मेरे आलावा कौन हो सकता है पिताजी"। पिता को इस जवाब की आशा नहीं थी, उन्हें विश्वास था की उसका बेटा गर्व से कहेगा पिताजी इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान आप है जिन्होंने मुझे इस दुनिया का इतना शक्तिशाली इंसान बनाया ! उनकी आँखे छलछला आई। वो चेंबर के गेट को खोल कर बाहर निकलने लगे ! उनका मन नहीं माना तो उन्होंने एक बार पीछे मुड़ कर पुनः अपने बेटे से पुछा एक बार फिर बताओ इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान कौन है?
पुत्र ने इस बार कहा "पिताजी आप है इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान "। पिता आश्चर्यचकित हो गए उन्होंने कहा "अभी तो तुम अपने आप को इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान बता रहे थे अब तुम मुझे बता रहे हो "। पुत्र ने हँसते हुए उन्हें अपने सामने बैठाते हुए कहा "पिताजी उस समय आपका हाथ मेरे कंधे पर था और जिस पुत्र के कंधे पर या सर पर पिता का हाथ हो वो पुत्र तो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान ही होगा ना, बोलिए पिताजी"?
पिता की आँखे भर आई उन्होंने अपने पुत्र को कसकर अपने गले लगा लिया। यही दुनिया का सबसे बड़ा सच है जिस किसी पुत्र-पुत्री के कंधे पर या सर पर माता-पिता का हाथ होता है वो ही इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान होता है। माता-पिता की छत्र छाया का कितना महत्व होता है, ये हमेशा हमें उनके जाने के बाद ही महसूस होता है। माता पिता हमारे जीवन में वट वृक्ष की तरह होते हे जिनकी छाया मात्र से हम जितना चाहे फल फूल सकते हैं।
आपातकाल का विरोध करने पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक छात्र को गिरफ्तार कर इस स्तर की यातनाएं दी गईं कि वो कमीज तक पहनने में असमर्थ हो गए थे...
आपातकाल के दौरान क्रूर शासक इंदिरा गांधी द्वारा सत्याग्रहियों पर किए गए अत्याचारों को लेकर भारतीय जनता पार्टी एक श्रृंखला चला रही है।
उस दौरान सत्याग्रहियों को दी गई यातनाएं और उनकी आपबीती ‘Torture of Political Prisoners in India’ नामक किताब में संकलित की गई हैं।