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70s , 80s दशक के समय का सिनेमा हॉल । इसमें फिल्म देखने का जो आनंद था वो आज मल्टीप्लेक्स में नहीं । धक्का मुक्की करते हुए टिकट कटाना , टिकट का साईज छोटा होना , हाऊसफुल हो जाने पर ब्लैक में टिकट बेचने वाले को ढूंढना और ब्लैक में टिकट खरीद कर फिल्म देखना , इंटरवल में मूंगफली इत्यादि बेचने वालों का हॉल में इन और उनसे खाने का सामान खरीदना ।गाने के बुकलेट वालों से बुकलेट खरीदना । नृत्य के सीन में पर्दै पर सिक्का फेंकना ,विलेन के कमीनेपन पर उसे गालियां देना । हीरो के द्वारा विलेन को पीटने पर हॉल में तालियां और सीटियां बजना । ये सब अतीत की बातें हो गई है।
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जय सिया राम!!
आज हम देश विदेश में जो घटनाएं घटित हो रही जिनका वर्णन गोस्वामी तुलसीदास जी पहले ही रामचरित मानस में कर दिया है
यदि आप राजनीति, समाज, और भी संगठनों से जोड़े है तो अपने जीवन में रामचरित मानस का अनुसरण जरूर करना ,
आप पूरी रामचरित मानस नही पड़ सकते आपके पास समय नहीं है तो मत पढ़िए जब भी समय मिले श्री रामचरित मानस के #उत्तरकांड में जो आज के राजा और लोगो के स्वभाव और कैसे हम को समाज और देश में रहना है और आज के मनुष्यों की कैसी प्रवृत्ति है वो साफ साफ समझ में आने लगेगी जो राजनीति से जोड़े है उनको तो जरूर रामचरित मानस के #उत्तरकांड को पड़ना चाहिए
आज जो हमारे मध्य प्रदेश में जो हो रहा है उसको आप श्री रामचरित मानस की इस चौपाई से समझ सकते हो और आगे अब क्या होगा इसका भी ज्ञान आपको पहले ही हो जाएगा
सूद्र करहिं जप तप ब्रत नाना। बैठि बरासन कहहिं पुराना॥
सब नर कल्पित करहिं अचारा। जाइ न बरनि अनीति अपारा॥5॥।
पूजहि विप्र सकल गुण हीना । शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा॥
आज हमारे लिए बड़े दुख और चिंता का विषय है आज हमारी सरकार जो काम करने जा रही है उसे पता लगता है की कलियुग चरम सीमा पर है हम किसी संत का अपमान नही करते पर जिसका स्थान जहां होता है वो वहीं शोभामान होता है आज 100 करोड़ की लागत से जो सागर में रैदास जी का मंदिर बनाया जा रहा है वो पूर्णतः अनुचित कार्य है आज हम राजा और राजा की राजनीतियों खुद के पतन मे लग गए है यदि इन 100 करोड़ की लागत से हमारे पूजनीय हमारे धर्म के प्रणेता श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज का मंदिर बनता तो हम और हमारा धर्म बचा रहता हम आपको बताने की जरूरत नहीं आप ऊपर चौपाई को पड़कर खुद समझ सकते हो ये उचित कार्य हो रहा है या अनुचित यदि अपने आप और अपने खुद के धर्म कर्म को सुरक्षित रखना चाहते है तो राजनीति से दूर रहे दूसरे की बातों में न आए आज हर चीज गूगल पर आपको मिल जाती है आप जब अपने कार्य से निवृत हो जाओ तो आप गूगल पर रामचरित मानस के उत्तरकांड को खोलकर पड़ सकते है और हो सके इन राजनेताओं के झांसे में न आए जो सर जहां झुकना है वही झुकाएं सावधान रहे सतर्क रहे
जय श्री राम