2 yrs - Translate

ज़िंदगी ने तारीख़ दी-
दिल को हाज़िर करने की।
कहती है इसे अदा समझो-
जीने में माहिर करने की।
उसको जिद है अपने जादू से-
मुझको साहिर करने की।
मैंने कहा मैं आदमी अदब का-
बात क्यूँ शातिर करने की।
फिर रूठ गई ये कहकर वो-
बात न कभी फिर करने की।
ठुकरा के उसकी चालें-
इन होठों को स्थिर करने की।
मैंने चुकाई है अक्सर क़ीमत-
नाराज़गी ज़ाहिर करने की।

image
2 yrs - Translate

नारी जद जौहर करे, नर देवड़ सिर होड़।
मरणो अठे मसखरी, यो मेवाड़ी चित्तौड़।।
चरित्रता, त्याग, वीरता और अभूतपूर्व शौर्य के प्रतीक रानी पद्मिनी जी के जौहर दिवस पर सभी वीरांगनाओं को सादर नमन!

image

image

image

image

image

image

image

image

image