image
peyoba created a new article
2 yrs - Translate

Can we get a MetaMask extension for Android? If yes, how? | # MetaMask browser extension

peyoba created a new article
2 yrs - Translate

Can we get a MetaMask extension for Android? If yes, how? | # MetaMask browser extension

palmidarde created a new article
2 yrs - Translate

What activities can you do with the Ledger Live download? | #ledger Live Login

Book Call Girls In Gandhinagar And Escort Services 24x7

Book Call Girls In Gandhinagar And Escort Services 24x7

Busty, Blonde, Black, And Brown Call Girls Are Available On Gandhinagar Escorts To Make You Feel Satisfied Through Their Erotic Services.

image

image

image

image

image
2 yrs - Translate

हरियाणा के पलवल के होडल में एक धर्मभक्त वीर परिवार में जन्मी व पली बढ़ी वीरांगना, महाराजा सूरजमल जी की धर्मपत्नी, भरतपुर साम्राज्य की महारानी राजमाता किशोरी देवी जी को कौन नहीं जानता। पूरे बृज प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक जिनके साहस को आज भी याद किया जाता है जिनकी राजनीतिक कुशलता के चर्चे महाराष्ट्र तक होते थे।
महारानी किशोरी देवी, महाराजा सूरजमल के हर फैसले में उनके साथ रहती थी, परिवार को संभालना, महाराज की अनुपस्तिथि में साम्राज्य को संभालना, उनके साथ युद्धों में भी विचरण करना आदि हर कार्य मे हाथ बंटाती थी।
महारानी किशोरी देवी को हर राजसत्ता बड़े सम्मानसे देखती थी। मराठे उन्हें बहन मानते थे।
भरतपुर साम्राज्य की विशालता व सुदृढ़ता में महारानी किशोरी देवी का सबसे अहम योगदान था।
महाराजा सूरजमल के दिल्ली विजय अभियान में साथ रहने की बात हो या महाराजा जवाहर सिंह को दिल्ली विजय के आदेश की बात हो हर समय महारानी ने अपने ह्रदय को कठोर करके साहस का परिचय दिया।
महारानी किशोरी देवी का कोई पुत्र नहीं था लेकिन महाराजा सूरजमल के हर पुत्र को बिलकुल अपनी कोख के पुत्र से भी बढ़कर पाला। महाराजा जवाहर सिंह उनके सबसे प्रिय पुत्र थे और जवाहर सिंह भी उन्हें बहुत प्यार करते थे और उनके एक आदेश पर दुनिया से भिड़ने का साहस रखते थे।
महारानी किशोरी देवी बहुत धार्मिक थी। वे गिरिराज महाराज की बहुत बड़ी भक्त थी। राज्य के हर धार्मिक रीति रिवाज को निभाती थी।
महाराजा सूरजमल जी की मृत्यु के बाद के कठिन काल मे भी महारानी ने राज्य को अपने जीवित रहते बिखरने नहीं दिया। ये उन्ही की अथाह राजनैतिक कुशलता का ही परिणाम था कि हर तरफ दुशमन होने के बावजूद भी भरतपुर साम्राज्य को कोई मिटा नहीं पाया।
महारानी अपनी प्रजा का बहुत खयाल रखती थी। और हर व्यक्ति के साथ न्याय करती थी। और सबसे सौम्य तरिके से पेश आती थी।राज्य का हर नागरिक उन्हें बड़े सम्मान से राजमाता कहता था।
जय महारानी किशोरी देवी। जय महाराजा सूरजमल।

image