2 yrs - Translate

Restore ED With Tadarise 20mg

https://www.pharmev.com/product/tadarise-20-mg/

Tadarise 20mg is used to treat sexual problems in men such as erectile dysfunction and impotence in men. This medicine contains an ingredient called tadafil which helps men to know strong erection during intercourse. Men should take this medicine 30 minutes before intercourse. The effect of this medicine lasts for 4 to 6 hours. This medicine should not be taken by women and children. You can also take this medicine before or after a meal. Take this medicine as advised by your doctor.

image

image

image

image

image
2 yrs - Translate

उज्जयिनी नरेश महाराजा चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
अपने भारत देश में बहुत से राजा-महाराजा हुऐ हैं, जिन्होंने अपने पराक्रम से देश का नाम समुचे विश्व में रोशन किया है। महान राजा अशोक हों या अन्य राजा सभी को लोगों ने बहुत याद किया है। फिर भी, इतिहास में एक ऐसा भी राजा हुआ है जिसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है, वह राजा थे वीर विक्रमादित्य जो बड़ा बलवान औऱ यश्स्वी था। उन्होंने राजा ने पुरे विश्व में भारत का मान बढ़ाया था। आईये जानते हैं कि वह कौन थे?
महाराज विक्रमदित्य के बारे में देश को लगभग शून्य बराबर ज्ञान है, जिन्होंने भारत को सोने की चिड़िया बनाया था, और स्वर्णिम काल लाया था।
उज्जैन के राजा थे गन्धर्वसैन , जिनके तीन संताने थी , सबसे बड़ी लड़की थी मैनावती , उससे छोटा लड़का भृतहरि और सबसे छोटा वीर विक्रमादित्य… बहन मैनावती की शादी धारानगरी के राजा पदमसैन के साथ कर दी , जिनके एक लड़का हुआ गोपीचन्द , आगे चलकर गोपीचन्द ने श्री ज्वालेन्दर नाथ जी से योग दीक्षा ले ली और तपस्या करने जंगलों में चले गए , फिर मैनावती ने भी श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से योग दीक्षा ले ली ,
आज ये देश और यहाँ की संस्कृति केवल विक्रमदित्य के कारण अस्तित्व में है अशोक मौर्य ने बोद्ध धर्म अपना लिया था और बोद्ध बनकर 25 साल राज किया था भारत में तब सनातन धर्म लगभग समाप्ति पर आ गया था

रामायण, और महाभारत जैसे ग्रन्थ खो गए थे, महाराज विक्रम ने ही पुनः उनकी खोज करवा कर स्थापित किया विष्णु और शिव जी के मंदिर बनवाये और सनातन धर्म को बचाया विक्रमदित्य के 9 रत्नों में से एक कालिदास ने अभिज्ञान शाकुन्तलम् लिखा, जिसमे भारत का इतिहास है अन्यथा भारत का इतिहास क्या मित्रो हम भगवान् कृष्ण और राम को ही खो चुके थे
हमारे ग्रन्थ ही भारत में खोने के कगार पर आ गए थे, उस समय उज्जैन के राजा भृतहरि ने राज छोड़कर श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से योग की दीक्षा ले ली और तपस्या करने जंगलों में चले गए , राज अपने छोटे भाई विक्रमदित्य को दे दिया , वीर विक्रमादित्य भी श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से गुरू दीक्षा लेकर राजपाट सम्भालने लगे और आज उन्ही के कारण सनातन धर्म बचा हुआ है, हमारी संस्कृति बची हुई है

महाराज विक्रमदित्य ने केवल धर्म ही नही बचाया उन्होंने देश को आर्थिक तौर पर सोने की चिड़िया बनाई, उनके राज को ही भारत का स्वर्णिम राज कहा जाता है विक्रमदित्य के काल में भारत का कपडा, विदेशी व्यपारी सोने के वजन से खरीदते थे भारत में इतना सोना आ गया था की, विक्रमदित्य काल में सोने की सिक्के चलते थे , आप गूगल इमेज कर विक्रमदित्य के सोने के सिक्के देख सकते हैं।

हिन्दू कैलंडर भी विक्रमदित्य का स्थापित किया हुआ है आज जो भी ज्योतिष गणना है जैसे , हिन्दी सम्वंत , वार , तिथीयाँ , राशि , नक्षत्र , गोचर आदि उन्ही की रचना है , वे बहुत ही पराक्रमी , बलशाली और बुद्धिमान राजा थे ।
कई बार तो देवता भी उनसे न्याय करवाने आते थे , विक्रमदित्य के काल में हर नियम धर्मशास्त्र के हिसाब से बने होते थे, न्याय , राज सब धर्मशास्त्र के नियमो पर चलता था विक्रमदित्य का काल राम राज के बाद सर्वश्रेष्ठ माना गया है, जहाँ प्रजा धनि और धर्म पर चलने वाली थी।

image
2 yrs - Translate

भारत की मेजबानी में पहली बार होने जा रहे वनडे वर्ल्ड कप की ट्रॉफी लॉन्च हो गई है। ICC ने अंतरिक्ष में ट्रॉफी की लॉन्चिंग की। इसके साथ ही ट्रॉफी के वर्ल्ड टूर का ऐलान भी हो गया। 27 जून से शुरू होने वाले वर्ल्ड टूर के तहत यह ट्रॉफी 18 देशों का सफर करके भारत लौटेगी।

image
2 yrs - Translate

🌺☘🌺☘🌺☘🌺☘🌺☘🌺
*आनंद एक आभास है जिसे हर कोई ढूंढ रहा है*
*दु:ख एक अनुभव है जो आज हर एक के पास है*
*फिर भी जिंदगी में वही कामयाब है जिसको खुद पर विश्वास है!*

🌼🍃🌼🍃🌼🍃🌼🍃
🌿 *__*❤
*⚜️🙏🌹ऊँ नमः नारायण 🌹🙏⚜️*
*🙏ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः 🙏*
*🌹शुभ गरूवार 🌹* *दिनांक 29-06=2023🌹*

*🌹वीरवार सुबह की एवं आषाढ़ सुदी एकादशी की आपको एवं आपके समस्त परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 🌹🙏*
*🙏प्रातःकाल वंदना🙏*
🍂💛🍂💛🍂💛🍂💛
*🙏🌹आपका दिन शुभ मंगलमय हो🌹*

image
2 yrs - Translate

यमुना के तट पर टहलते कन्हैया से बलराम ने पूछा, "तो सोच लिया है कि तुम इस विषैले जल में उतरोगे? एक बार पुनः सोच लो कन्हैया! कालिया नाग अत्यंत विषैला है..."
कृष्ण ने गम्भीरता के साथ कहा, "जाना तो पड़ेगा दाऊ! जो आमजन की रक्षा के लिए स्वयं विष के समुद्र में भी उतरने का साहस कर सके, वही नायक होता है। और अपने युग की पीड़ा को दूर करने का प्रयास न करना अपने पौरुष का अपमान है। जाना तो पड़ेगा।"
बलराम ने बड़े भाई का दायित्व निभाते हुए रोकने का प्रयास किया, "पर कन्हैया! तुम ही क्यों? इस विपत्ति को टालने का कोई अन्य मार्ग भी तो होगा, हम वह क्यों नहीं ढूंढते?"
कन्हैया ने दृढ़ हो कर कहा, "कोई भी विपत्ति, 'वो प्राकॄतिक हो या व्यक्ति प्रायोजित' एक न एक दिन समाप्त अवश्य होती है। यदि मनुष्य अपने परिश्रम से उसे समाप्त न करे तो समय समाप्त करता है, पर विपत्ति समाप्त होती अवश्य है। पर भविष्य इतिहास के हर दुर्दिन के साथ यह भी स्मरण रखता है कि तब उससे उलझा कौन था। कौन लड़ा और कौन चुपचाप देखता या अपना काम करता रहा। हमारा जाना इसलिए भी आवश्यक है कि भविष्य में कभी इस तरह का विष फैले,तो तब के लोग आज से प्रेरणा ले कर उस विष को समाप्त करने के लिए लड़ें और अपने कालखण्ड को उस दुर्दिन से बाहर निकालें।"
बलराम ने कन्हैया को समझाने का प्रयास किया, " क्यों न हम गाँव से कुछ लोगों को बुला लें? आखिर उनका भी तो कर्तव्य है यह!"
कृष्ण मुस्कुराए।कहा, "यह मेरा युग है दाऊ!इस युग पर खड़े होने वाले प्रत्येक प्रश्न का उत्तर मुझे ही देना होगा।इस कालखण्ड की हर विपत्ति को दूर करना मेरा कर्तव्य है,मैं किसी अन्य की राह क्यों देखूं? मैं अपना कर्तव्य अवश्य पूरा करूँगा, क्योंकि इसीलिए तो आया हूँ।
बलराम ने फिर आपत्ति करनी चाही,"किन्तु कन्हैया..." पर कन्हैया ने उनकी बात काटते हुए कहा- "अब लीला न कीजिये भइया! लीला करना मेरा काम है। आप जानते हैं कि मैं जाऊंगा और शीघ्र ही उस दुष्ट को मार कर आऊंगा।आप अपना कार्य कीजिये,जाइये गाँव में..."
बलराम जी मुस्कुराते हुए गाँव की ओर मुड़े और कृष्ण यमुना के जल की ओर।कालिया नाग के आतंक की समाप्ति होनी थी सो हो गयी।कुछ ही क्षणों में कालिया के फन पर नाचते कन्हैया जब ऊपर आये तो समूचे गोकुल ने देखा,उनका कान्हा कृष्ण हो गया था।

image

image