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"द केरल स्टोरी" गंभीर विषय है.. इसे सामान्य ना लें..!

कुछ समय पहले किसी फिल्मी हस्ती में हिम्मत नहीं थी कि वो कश्मीर का वह सच दिखा सके..जिसके कारण कश्मीर घाटी करीब करीब हिन्दू विहीन हो गयी। उतनी ही हिम्मत की जरुरत थी "'द केरला स्टोरी"' को बनाने में जिसे सुदीप्तो सेन ने बखूबी कर दिखाया..!
फ़िल्म के कुछ संवाद जैसे..
"हमारे मिशन के लिए लड़कियों को करीब लाओ..उन्हें खानदान से ज़ुदा करो..जिस्मानी रिश्ते बनाओ..हो सके तो प्रेग्नेंट कर दो..और जल्द से जल्द अगले मिशन के लिए हैंडओवर करो"..!
ऐसे अनेक संवाद है जो आपको हिलाकर रख देंगे..!
लेकिन पूरी फ़िल्म की सच्चाई एक संवाद में छुपी है..जब एक लड़की दहशत गर्दों से बचकर अपने पिता से माफ़ी मांगते हुए कहती है की "हमारे इन हालातों के जिम्मेदार आप भी है..जिन्होंने बचपन से हमें पाश्चात्य और अन्य बाहरी संस्कार दिए.. कभी भी हमें अपने धर्म के बारे में नहीं सिखाया"..!!
मुझे लगता है इस फ़िल्म को केंद्र और राज्य सरकारों को लड़कियों और महिलाओं के लिए निःशुल्क कर देना चाहिए..! क्योंकि ये कोई सामान्य विषय नहीं है..!
इसके बावजूद अगर कोई लड़की या माता पिता ना समझे तो ये उनकी परेशानी है..!
केरल स्टोरी की पूरी टीम को बधाई
क्योंकि सच कड़वा होता है..!!
#सत्यार्थप्रकाश
#धर्मोरक्षतिरक्षितः

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"जिसका खून शुद्ध सनातनी होगा वो सनातनी इस पोस्ट पर गर्व करेगा"..💪
👉नोट:- सनातन विरोधी पोस्ट पर न आएं..🙂
🚩जय_जय_श्रीकृष्ण🚩

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🌹🙏🌹 #ॐ_नमो_लक्ष्मीनारायण 🌹🙏🌹
🌹🙏#ओमनमोभगवतेबासुदेवायनमो??
@everyone
#radheyradhey 🙏🌹
#krishna 🙏🌹

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यह दुर्गा भाभी हैं, वही दुर्गा भाभी जिन्होंने साण्डर्स वध के बाद राजगुरू और भगतसिंह को लाहौर से अंग्रेजो की नाक के नीचे से निकालकर कोलकत्ता ले गयी. इनके पति क्रन्तिकारी भगवती चरण वर्मा थे. ये भी कहा जाता है कि चंद्रशेखर आजाद के पास आखिरी वक्त में जो माउजर था, वो भी दुर्गा भाभी ने ही उनको दिया था.
14अक्टूबर 1999 में वो इस दुनिया से गुमनाम ही विदा हो गयी कुछ एक दो अखबारों ने उनके बारे में छापा बस.
आज आज़ादी के इतने साल के बाद भी न तो उस विरांगना को इतिहास के पन्नों में वो जगह मिली जिसकी वो हकदार थीं और न ही वो किसी को याद रही चाहे वो सरकार हो या जनता.
एक स्मारक का नाम तक उनके नाम पर नही है कहीं कोई मूर्ति नहीं है उनकी. सरकार तो भूली ही जनता भी भूल गयी,
ऐसी वीर वीरांगनाओं को हम शत शत नमन करते है 🙏
और भविष्य मे ऐसे तमाम वीरों को सम्मान दिलाने के लिये प्रयासरत रहें .

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