إستكشف المشاركات استكشف المحتوى الجذاب ووجهات النظر المتنوعة على صفحة Discover الخاصة بنا. اكتشف أفكارًا جديدة وشارك في محادثات هادفة
"दिवेर का युद्ध"
महाराणा प्रताप ने कुंवर अमरसिंह को मेवाड़ का सेनापति घोषित किया अकबर के चाचा सुल्तान खां का सामना कुंवर अमरसिंह से हुआ कुंवर अमरसिंह ने सुल्तान खां पर भाले से भीषण प्रहार किया भाला इतने तेज वेग से मारा था कि सुल्तान खां के कवच, छाती व घोड़े को भेदते हुए जमीन में घुस गया और वहीं फँस गया
"टोप उड्यो बख्तर उड्यो, सुल्तान खां रे जद भालो मारियो | राणो अमर यूं लड्यो दिवेर में, ज्यूं भीम लड्यो महाभारत में ||"
सुल्तान खां मरने ही वाला था कि तभी वहां महाराणा प्रताप आ पहुंचे सुल्तान खां ने कुंवर अमरसिंह को देखने की इच्छा महाराणा के सामने रखी तो महाराणा ने किसी और राजपूत को बुलाकर सुल्तान खां से कहा कि "यही अमरसिंह है" सुल्तान खां ने कहा कि "नहीं ये अमरसिंह नहीं है, उसी को बुलाओ" तब महाराणा ने कुंवर अमरसिंह को बुलाया सुल्तान खां ने कुंवर अमरसिंह के वार की सराहना की महाराणा ने सुल्तान खां को तकलीफ में देखकर कुंवर अमरसिंह से कहा कि "ये भाला सुल्तान खां के जिस्म से निकाल लो" कुंवर अमरसिंह ने खींचा पर भाला नहीं निकला, तो महाराणा ने कहा कि "पैर रखकर खींचो तब कुंवर अमरसिंह ने भाला निकाला ।। 🙏🚩
साभार : Raajghraanno
#जय_क्षात्र_धर्म ⚔️💪🚩
#जय_श्री_राम 🙏🚩
#जय_श्री_कृष्णा 🙏🚩