Mr. & Mrs. Reshammiya Snapped Today At Mumbai Airport 😍
Himesh Reshammiya Ji Will Perform Tomorrow In Banaras, Uttar Pradesh ❤
#himeshreshammiya #soniakapoorreshammiya

Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
Mr. & Mrs. Reshammiya Snapped Today At Mumbai Airport 😍
Himesh Reshammiya Ji Will Perform Tomorrow In Banaras, Uttar Pradesh ❤
#himeshreshammiya #soniakapoorreshammiya
23 मई, 1984 भारत के लिए गर्व का दिन था। इस दिन बछेंद्री पाल 8,848 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
इनके अलावा, एवरेस्ट फ़तह करने वाली एक और महिला हैं जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे, नाम है संतोष यादव।
हरियाणा के रेवाड़ी जिले में जन्मीं संतोष यादव का जीवन संघर्ष भरा था। वह बताती हैं, "मैं अपने स्कूल के लिए घर से 5 किलोमीटर पैदल चलकर जाती थी। स्कूल में पक्की फ़र्श नहीं थी, न ही बैठने के लिए सीटें या गद्दे लगे थे, इसलिए हम बोरे लेकर जाते थे। रास्ते में अगर कभी बारिश होती थी, तो अपने बस्ते से ही खुद को भीगने से बचाते!”
उन्हें पढ़ाई का बहुत शौक़ था, लेकिन परिवार की मानसिकता इससे अलग थी। किसी तरह पिता को मनाकर, संतोष जयपुर के महारानी कॉलेज में पढ़ने चली गईं। वहां उनके हॉस्टल से अरावली की पहाड़ियाँ दिखती थीं।
“मैं अक्सर अपने कमरे से गाँव में रहने वाले लोगों को अरावली पर चढ़ते हुए देखा करती थी। लेकिन थोड़ी देर बाद वे गायब हो जाते। इससे मेरी उत्सुकता बढ़ती गई और मैंने भी पहाड़ पर चढ़ने के बारे में सोचा। फिर पैसे बचाए और उत्तरकाशी के नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग में एक कोर्स के लिए एडमिशन लिया।"
- संतोष यादव।
उसके बाद उन्होंने भारत के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करवाया। वह 1992 और 1993 में दो बार और कांगसुंग से एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला बनीं।