Keşfedin MesajlarıKeşfet sayfamızdaki büyüleyici içeriği ve farklı bakış açılarını keşfedin. Yeni fikirleri ortaya çıkarın ve anlamlı konuşmalara katılın
उठो अर्जुन गांडीव उठाओ फिर कुरुक्षेत्र को जाना है
प्रत्यंचा पर तीर चढाओ ये संसार बचाना है
फिर शकुनी के पासे हैं फिर से द्युत के धंदे है
फिर दुर्योधन जाग उठा है फिर से राजन अंधे है
शिविर में छुप के जो बैठे हैं वे सेना के प्रमुख हुए
भीष्म पितामह बंधनमुक्त हैं विदुर भी नीति विमुख हुए
पहन के कुंडल और कवच को कर्ण स्वार्थ हैं बाँट रहे
उसी स्वार्थ की तलवारों से द्रोण अंगूठे काट रहे
अब न कोई कृष्ण तुम्हारा, तुमको चक्र घुमाना है
उठो अर्जुन गांडीव उठाओ फिर कुरुक्षेत्र को जाना है
साहस सबके कुंद पड़े हैं, धार कुंद है शस्त्रों पर
दुशासन के हाथ बढे फिर पांचाली के वस्त्रों पर
बना के पांडव अपना बैठे मुख मंडल लाचारों सा
अभिमन्यु भी रस्ता भूले चक्रव्यूह के द्वारों का
दिव्यदृष्टि पाकर के भूले दृष्टिहीन हैं संजय भी
धरमराज के धरम पे थोड़ा अब होता है संशय भी
हारें दोनों तरफ के कौरव ऐसा बाण चलाना है
उठो अर्जुन गांडीव उठाओ फिर कुरुक्षेत्र को जाना है
सारांश✍️
Black Day form Democracy & Secularism.
#nupursharmacontroversy #hindusunderattackinindia
महाराष्ट्र: #nawabmalik को नहीं मिली राज्य सभा चुनाव में वोट डालने की इजाज़त।😃
मलिक फिलहाल जेल में बंद हैं, जस्टिस नाइक ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है।😄😄