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*न बुद्धिभेदं जनयेदज्ञानां कर्मसङ्गिनाम्।जोषयेत्सर्वकर्माणि विद्वान्युक्तः समाचरन्॥*
हिंदी अनुवाद: जो अज्ञानी लोग कर्म में आसक्त हैं, उनके मन में भ्रम उत्पन्न न करें। ज्ञानी पुरुष को चाहिए कि वह स्वयं कर्म में संलग्न रहते हुए उन्हें भी कर्म करने के लिए प्रेरित करे।
*जय वीर हनुमान,जय श्री कृष्ण,श्री शिवाय नमस्तुभ्यम्*
बाढ़ प्रभावित परिवारों हेतु सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की गई है कोई बताएगा इसमें किस व्यक्ति की कौन सी जाती है?
चलो कोई यही बता दो कि इन तक भोजन सामग्री पहुंचाने वाले किस जाति के है विपत्ति आते ही जाती धर्म भूल जाते हैं,
परंतु जैसे ही समय परिवर्तित होगी बुरा दौर खत्म होगी फिर कोई इसमें से बोलेगा हम यादव है हम भूमीहार है हम राजपूत है हम पासवान है ।
कास इस जाति व्यवस्था की दलदल से उपर उठकर कोई ये सोचते कि सिर्फ एक गरीब है दुसरे अमीर है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए आरक्षण जैसी सुविधाएं सबको मिल पाती फिर देश खुशहाल हो जाता।
नोट: तस्वीरें सोशल मीडिया वॉल से।