image
33 C - Traduzir

मुझ पर होली का रंग ऐसे चढ़ा है जो अभी तक उतर ही नहीं रहा 🤭

image
33 C - Traduzir

Brainmine Tech is a leading Graphic Design Company in Pune offering creative and innovative design solutions to help businesses stand out. We specialize in logo design, branding, brochures, social media graphics, and website design, delivering high-quality visuals that reflect your brand identity. Our expert team combines creativity with strategic thinking to create designs that engage and inspire your audience. - https://www.brainminetech.com/....graphic-design-page.

33 C - Traduzir

बालार्क ऋषि की तपोभूमि, वीर शिरोमणि महाराजा सुहेलदेव जी के शौर्य की भूमि जनपद बहराइच की तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) के मुख्य भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में आज सम्मिलित हुआ।
तहसील में जिन अधिकारियों की तैनाती होगी, उनके लिए आवास भी यहीं बनेगा और यहीं रहकर वे आमजन की समस्याओं का समाधान करेंगे।
जनपद वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!बालार्क ऋषि की तपोभूमि, वीर शिरोमणि महाराजा सुहेलदेव जी के शौर्य की भूमि जनपद बहराइच की तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) के मुख्य भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में आज सम्मिलित हुआ।
तहसील में जिन अधिकारियों की तैनाती होगी, उनके लिए आवास भी यहीं बनेगा और यहीं रहकर वे आमजन की समस्याओं का समाधान करेंगे।
जनपद वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!

image

image

home extension manchester

https://manchesterhomes.co.uk/pages/about-us/

Discover Manchester Homes for exceptional home extension services. Transform your living space with our expert team dedicated to quality and customer satisfaction.

Contact us

Address: Unit 144, 30 The Downs Altrincham, WA14 2PX
Phone: 0161 408 1883 | 7872184180
Email: Lawrence@manchesterhomes.co.uk

Bot Verification

33 C - Traduzir

सपनों की उड़ान की कोई उम्र नहीं होती… और ये बात सिर्फ़ 7 साल की उम्र में दुनिया को दिखा दी है मदुरै की छोटी सी स्टार – संयुक्ता नारायणन ने।

जब बच्चे खेलना-कूदना सीख रहे होते हैं, तब संयुक्ता ने बना डाला गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड – वो भी एक ऐसे फील्ड में, जिसमें अनुशासन, मेहनत और हिम्मत की ज़रूरत होती है: Taekwondo।

संयुक्ता के माता-पिता – श्रुति और नारायणन, खुद ताइक्वांडो मास्टर्स हैं। इन दोनों ने अपने-अपने नाम कई गिनीज़ रिकॉर्ड्स दर्ज करवाए हैं – जैसे 30 सेकंड में सबसे ज़्यादा जलते हुए कंक्रीट ब्लॉक्स तोड़ना, और सबसे ज़्यादा एल्बो स्ट्राइक्स।

जब संयुक्ता छोटी थीं, वो घर की दीवारों पर टंगे हुए अपने माता-पिता के रिकॉर्ड सर्टिफिकेट्स को निहारती रहती थीं… और तभी से मन में ठान लिया था – "मुझे भी यही करना है!"
ताइक्वांडो की ट्रेनिंग शुरू की जब वो सिर्फ़ 3 साल की थीं। पिता के साथ डोजो जाना, बड़े बच्चों को किक्स मारते देखना… और फिर एक दिन, खुद से कह देना – "पापा, अब टारगेट पैड मुझे दीजिए।"
इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सिर्फ़ 5 साल में वाइट बेल्ट से ब्लैक बेल्ट तक का सफ़र तय किया। 5 किलोमीटर की दौड़, पूरा ताइक्वांडो सिलेबस याद करना, और रोज़ाना की कठिन ट्रेनिंग… इतनी कम उम्र में इतना अनुशासन वाकई अद्भुत है।

image
33 C - Traduzir

जब दुनिया कहती है कि बढ़ती उम्र के साथ कदम धीमे हो जाते हैं, तो मीनाक्षी अम्मा उन्हें गलत साबित करती हैं। 75 साल की मीनाक्षी अम्मा भारत के सबसे प्राचीन मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू की सबसे उम्रदराज गुरु हैं।
सात साल की उम्र में जब पिता के साथ पहली बार उन्होंने कलारीपयट्टू देखा, तब से यह कला उनके जीवन का हिस्सा बन गई। उस दौर में लड़कियों को इसे सीखने की इजाज़त नहीं थी, लेकिन मीनाक्षी अम्मा ने इस परंपरा को चुनौती दी। उन्होंने न सिर्फ खुद सीखा, बल्कि इस कला को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया।
आज, उनके गुरुकुल में 150 से ज़्यादा छात्र इस कला को सीखते हैं। सबसे खास बात यह है कि यहाँ लड़के-लड़कियां दोनों सिखते होते हैं, क्योंकि उनके लिए यह सिर्फ एक Martial Art नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का ज़रिया है। इस ट्रेनिंग में न सिर्फ तलवार और लाठी का इस्तेमाल सिखाया जाता है, बल्कि बिना किसी हथियार के Self Defence के गुर भी सिखाए जाते हैं।
शादी के बाद भी उन्होंने इस कला को जारी रखा, लेकिन समाज के डर से अभ्यास दरवाज़ों के पीछे करना पड़ा। उनके पति का सपना था कि यह प्राचीन कला हर किसी के लिए सुलभ हो, चाहे वह किसी भी जाति या Gender का हो। उनके पति ने खुद अपने जीवन में भेदभाव का सामना किया था और इसलिए उन्होंने प्रण लिया कि इस कला को हर व्यक्ति तक पहुँचाएंगे।
आज, मीनाक्षी अम्मा इस सपने को जी रही हैं। उनके गुरुकुल में न कोई भेदभाव नहीं है । हर वह व्यक्ति जो सीखने का जुनून रखता है, यहाँ Training ले सकता है।
आज वह सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के लिए प्रेरणा हैं। उनकी मेहनत और योगदान को सलाम करते हुए उन्हें ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया। लेकिन उनके लिए असली जीत तब होती है, जब उनके Students , चाहे लड़के हों या लड़कियां—खुद को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करते हैं।
मीनाक्षी अम्मा हमें सिखाती हैं कि सीमाएं तो समाज बनाता है, लेकिन असली योद्धा वो होते हैं, जो अपने हौसले से हर बंदिश को तोड़ देते हैं। आज भी वह 60 से ज़्यादा प्रदर्शन कर चुकी हैं, और उनकी ऊर्जा वैसी ही बनी हुई है, जैसी बचपन में थी।
सलाम है मीनाक्षी अम्मा, आपके जज्बे को।

image
33 C - Traduzir

On astronaut Sunita Williams' return to Earth, this letter by PM Modi reflects the shared sentiment of every Indian.
#sunitawilliamsreturn

image

image