उत्तर प्रदेश के बरेली में एक गांव में 750 घर मुस्लिम के थे और एक घर अनुसूचित जाति का था
अनुसूचित जाति के परिवार में एक बुजुर्ग का निधन हुआ तो पूरे गांव के मुसलमानो ने उसे गांव में दाह संस्कार यानी हिंदू रीति रिवाज से दाह संस्कार नहीं करने दिया
मुस्लिम अड़ गए कि तुम्हें इस्लामिक रीति से शव को दफन करना होगा
भारी मात्रा में पुलिस फोर्स गई तब जाकर पुलिस ने दाह संस्कार करवाया
मनुस्मृति मनुस्मृति कहकर छाती कूटने वाले दोगलो इस्लामिक कट्टरता पर कब बोलोगे ? और हां इस्लामी कट्टरता से सबसे बड़ा नुकसान आजकल दलितों का हो रहा है
