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हनुमान जी की ये कथा थाईलैंड के रामकियेन नामक रामायण में मिलती है जिसके अनुसार रावण की एक बेटी थी।

जिसका नाम सुवर्णमछा था। वो देखने में बहुत ही सुंदर थी। उसे सोने की जलपरी कहां गया है।

राम सेतु निर्माण के समय हनुमान जी और वानर सेना समुद्र में पत्थर फेंक कर जमाते थे, लेकिन कुछ समय बाद वे गायब हो जाते थे।

जब हनुमान जी को इस घटना का पता चला तो वे समुद्र में उतर कर देखने लगे कि आखिरी चट्टान कहां गायब हो रही है। उन्होंने देखा कि पानी के अंदर रहने वाले लोग उन्हें कहीं ले जा रहे हैं।

तब उन लोगों के पीछे हनुमान जी गए और देखते हैं कि एक मत्स्यकन्या उन सबकी नेता है तो उसे चुनौती देते हैं,

परंतु वो कन्या हनुमान जी को देखकर ही उनके प्रेम में पड़ जाती है। हनुमान जी ये समझ जाते हैं और तब वापस समुद्र के तल पर ले आते हैं और उससे पूछते हैं। तुम कौन हो वह बताती है कि मैं रावण की बेटी हूं,

फिर हनुमान जी कन्या को समझाते हैं कि रावण ने कितने बुरे कार्य किए हैं और क्यों हम यह पुल बना रहे हैं तब वह कन्या समझ जाती है और सभी चट्टान लौटा देती है

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Monsoon further advanced over the parts of Saurashtra, Gujarat, MP, Vidharbha, Chattisgarh and Odisha today, 16th June 2025.

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