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* *फिल्मों में स्थापित मां साबित हो रही हैं निसात सिरीन*
*हिंदी भोजपुरी के अलावा अन्य भाषा की तमाम फिल्मों में भी मां की जोरदार किरदार निभा चुकी हैं निसात सिरिन*
निसात सिरीन एक ऐसा नाम है कि जिन्हें फिल्म वाली मां के रूप में लोग जानते हैं, हिंदी भोजपुरी के अलावा कई अनेक भाषाई फिल्मों में इन्होंने मुख्य नायक तथा नायिका के मां का जोरदार किरदार निभाया है।
पिछले दिनो कुशीनगर में नहाटा फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बन रहे भोजपुरी फिल्म शकुंतला फिल्म की शूटिंग के दौरान मुलाकात हुई, इस फिल्म में ये मुख्य नायक प्रिंस सिंह राजपूत की मां का किरदार कर रही हैं। फिल्म में मुख्य नायिका पायस पंडित की सास और सुशील सिंह की पत्नी के रोल में हैं।
मुंबई की पली बढ़ी निसात सरीन किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं ये फिल्म वाली मां के रूप में प्रसिद्ध हो चुकी है। भोजपुरी भाषाई क्षेत्र की न होने के बावजूद फर्राटेदार भोजपुरी बोलती और समझती हैं, इन्हे इंग्लिश का भी बेहतर ज्ञान है। सिरीन 21 वर्षो से फिल्म में काम कर रही हैं, हिंदी और भोजपुरी भाषा की तमाम फिल्मों में इन्होंने मां के किरदार में अपने अभिनय का जोरदार छाप छोड़ी है। फिल्म खट्टा मीठा, तुम मिलो तो सही, कुश्ती, बंधन टूटे ना , संयोग से बनी संगिनी, पवित्र रिश्ता, डोली अरमानों की, छोटी सरदारनी, ये इश्क है आदि फिल्मों में इन्होंने बेहतर अभिनय किया है इस प्रकार इनके कई दर्जन हिंदी भोजपुरी फिल्में हैं जिसमे इनके किरदार को काफी सराहना मिली है।रियल लाइफ में भी ये एक व्यवहार कुशल महिला हैं।

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* *फिल्मों में स्थापित मां साबित हो रही हैं निसात सिरीन*
*हिंदी भोजपुरी के अलावा अन्य भाषा की तमाम फिल्मों में भी मां की जोरदार किरदार निभा चुकी हैं निसात सिरिन*
निसात सिरीन एक ऐसा नाम है कि जिन्हें फिल्म वाली मां के रूप में लोग जानते हैं, हिंदी भोजपुरी के अलावा कई अनेक भाषाई फिल्मों में इन्होंने मुख्य नायक तथा नायिका के मां का जोरदार किरदार निभाया है।
पिछले दिनो कुशीनगर में नहाटा फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बन रहे भोजपुरी फिल्म शकुंतला फिल्म की शूटिंग के दौरान मुलाकात हुई, इस फिल्म में ये मुख्य नायक प्रिंस सिंह राजपूत की मां का किरदार कर रही हैं। फिल्म में मुख्य नायिका पायस पंडित की सास और सुशील सिंह की पत्नी के रोल में हैं।
मुंबई की पली बढ़ी निसात सरीन किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं ये फिल्म वाली मां के रूप में प्रसिद्ध हो चुकी है। भोजपुरी भाषाई क्षेत्र की न होने के बावजूद फर्राटेदार भोजपुरी बोलती और समझती हैं, इन्हे इंग्लिश का भी बेहतर ज्ञान है। सिरीन 21 वर्षो से फिल्म में काम कर रही हैं, हिंदी और भोजपुरी भाषा की तमाम फिल्मों में इन्होंने मां के किरदार में अपने अभिनय का जोरदार छाप छोड़ी है। फिल्म खट्टा मीठा, तुम मिलो तो सही, कुश्ती, बंधन टूटे ना , संयोग से बनी संगिनी, पवित्र रिश्ता, डोली अरमानों की, छोटी सरदारनी, ये इश्क है आदि फिल्मों में इन्होंने बेहतर अभिनय किया है इस प्रकार इनके कई दर्जन हिंदी भोजपुरी फिल्में हैं जिसमे इनके किरदार को काफी सराहना मिली है।रियल लाइफ में भी ये एक व्यवहार कुशल महिला हैं।

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गजब का शानदार व्यक्तित्व है वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डाक्टर हरिओम जी का, विरले ही मिलते हैं ऐसे व्यक्तित्व के लोग, हम मुरीद हो चुके हैं इनके व्यक्तित्व और कार्यशैली के,
आम जनमानस को भरपूर सम्मान तो देते ही हैं, पत्रकार भी इनसे बहुत सम्मान पाते हैं और इनका भी सम्मान करते हैं।
बेहतर व्यक्तित्व के लिए आप का वंदन करते हुए आप के आजीवन प्रसन्नता की मंगल कामना करता हूं।
अजय प्रताप नारायण सिंह
प्रदेश अध्यक्ष
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति उत्तर प्रदेश

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गजब का शानदार व्यक्तित्व है वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डाक्टर हरिओम जी का, विरले ही मिलते हैं ऐसे व्यक्तित्व के लोग, हम मुरीद हो चुके हैं इनके व्यक्तित्व और कार्यशैली के,
आम जनमानस को भरपूर सम्मान तो देते ही हैं, पत्रकार भी इनसे बहुत सम्मान पाते हैं और इनका भी सम्मान करते हैं।
बेहतर व्यक्तित्व के लिए आप का वंदन करते हुए आप के आजीवन प्रसन्नता की मंगल कामना करता हूं।
अजय प्रताप नारायण सिंह
प्रदेश अध्यक्ष
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति उत्तर प्रदेश

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गजब का शानदार व्यक्तित्व है वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डाक्टर हरिओम जी का, विरले ही मिलते हैं ऐसे व्यक्तित्व के लोग, हम मुरीद हो चुके हैं इनके व्यक्तित्व और कार्यशैली के,
आम जनमानस को भरपूर सम्मान तो देते ही हैं, पत्रकार भी इनसे बहुत सम्मान पाते हैं और इनका भी सम्मान करते हैं।
बेहतर व्यक्तित्व के लिए आप का वंदन करते हुए आप के आजीवन प्रसन्नता की मंगल कामना करता हूं।
अजय प्रताप नारायण सिंह
प्रदेश अध्यक्ष
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति उत्तर प्रदेश

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*जय जवान जय किसान लोकशक्ति नामक किसानों के संगठन का कुनबा बढ़ रहा*
*तमाम किसान संगठनों के क्रियाकलाप से क्षुब्ध सत्यभान सिंह चौहान ने चार माह पूर्व किसान हित में बनाया नया संगठन*
लखनऊ। मैनपुरी के मूल निवासी और पेशे से शिक्षक रहे सत्यभान सिंह चौहान एक जुझारू प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं जिनके बारे में बताया जाता है कि किसान समस्याओं को लेकर हमेशा संघर्ष करते रहे हैं।उन्होंने तमाम किसान संगठनों के क्रियाकलापों से क्षुब्ध होकर चार माह पूर्व जय जवान जय किसान लोकशक्ति नाम से किसानों का एक नया संगठन खड़ा कर दिया है।
सत्यभान सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित इस नए संगठन से इन चार महीनों में आठ हजार से भी अधिक लोगों ने सदस्यता ले ली है, उत्तर प्रदेश के अलावा यह संगठन बिहार, झारखंड, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड में भी बहुत तेजी से फैल रहा हैं वैसे तो कर्नाटका, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल आदि राज्यों में भी इस नए संगठन से लोग जुड़ चुके हैं और तेजी से लोगों को जोड़ भी रहे हैं।
किसानों, नौजवानों तथा महिलाओं के हक और हुकूक के लिए संघर्ष को संकल्पित इस संगठन का कुनबा बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। पिछले दिनों निजी कार्यवश लखनऊ पहुंचे श्री चौहान का कहना है कि जय जवान जय किसान लोकशक्ति संगठन जनवरी तक अपनी नींव मजबूत करने के उद्देश्य से तेज तेज सदस्यता अभियान शुरू की है।

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*जय जवान जय किसान लोकशक्ति नामक किसानों के संगठन का कुनबा बढ़ रहा*
*तमाम किसान संगठनों के क्रियाकलाप से क्षुब्ध सत्यभान सिंह चौहान ने चार माह पूर्व किसान हित में बनाया नया संगठन*
लखनऊ। मैनपुरी के मूल निवासी और पेशे से शिक्षक रहे सत्यभान सिंह चौहान एक जुझारू प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं जिनके बारे में बताया जाता है कि किसान समस्याओं को लेकर हमेशा संघर्ष करते रहे हैं।उन्होंने तमाम किसान संगठनों के क्रियाकलापों से क्षुब्ध होकर चार माह पूर्व जय जवान जय किसान लोकशक्ति नाम से किसानों का एक नया संगठन खड़ा कर दिया है।
सत्यभान सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित इस नए संगठन से इन चार महीनों में आठ हजार से भी अधिक लोगों ने सदस्यता ले ली है, उत्तर प्रदेश के अलावा यह संगठन बिहार, झारखंड, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड में भी बहुत तेजी से फैल रहा हैं वैसे तो कर्नाटका, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल आदि राज्यों में भी इस नए संगठन से लोग जुड़ चुके हैं और तेजी से लोगों को जोड़ भी रहे हैं।
किसानों, नौजवानों तथा महिलाओं के हक और हुकूक के लिए संघर्ष को संकल्पित इस संगठन का कुनबा बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। पिछले दिनों निजी कार्यवश लखनऊ पहुंचे श्री चौहान का कहना है कि जय जवान जय किसान लोकशक्ति संगठन जनवरी तक अपनी नींव मजबूत करने के उद्देश्य से तेज तेज सदस्यता अभियान शुरू की है।

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*जय जवान जय किसान लोकशक्ति नामक किसानों के संगठन का कुनबा बढ़ रहा*
*तमाम किसान संगठनों के क्रियाकलाप से क्षुब्ध सत्यभान सिंह चौहान ने चार माह पूर्व किसान हित में बनाया नया संगठन*
लखनऊ। मैनपुरी के मूल निवासी और पेशे से शिक्षक रहे सत्यभान सिंह चौहान एक जुझारू प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं जिनके बारे में बताया जाता है कि किसान समस्याओं को लेकर हमेशा संघर्ष करते रहे हैं।उन्होंने तमाम किसान संगठनों के क्रियाकलापों से क्षुब्ध होकर चार माह पूर्व जय जवान जय किसान लोकशक्ति नाम से किसानों का एक नया संगठन खड़ा कर दिया है।
सत्यभान सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित इस नए संगठन से इन चार महीनों में आठ हजार से भी अधिक लोगों ने सदस्यता ले ली है, उत्तर प्रदेश के अलावा यह संगठन बिहार, झारखंड, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड में भी बहुत तेजी से फैल रहा हैं वैसे तो कर्नाटका, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल आदि राज्यों में भी इस नए संगठन से लोग जुड़ चुके हैं और तेजी से लोगों को जोड़ भी रहे हैं।
किसानों, नौजवानों तथा महिलाओं के हक और हुकूक के लिए संघर्ष को संकल्पित इस संगठन का कुनबा बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। पिछले दिनों निजी कार्यवश लखनऊ पहुंचे श्री चौहान का कहना है कि जय जवान जय किसान लोकशक्ति संगठन जनवरी तक अपनी नींव मजबूत करने के उद्देश्य से तेज तेज सदस्यता अभियान शुरू की है।

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*जय जवान जय किसान लोकशक्ति नामक किसानों के संगठन का कुनबा बढ़ रहा*
*तमाम किसान संगठनों के क्रियाकलाप से क्षुब्ध सत्यभान सिंह चौहान ने चार माह पूर्व किसान हित में बनाया नया संगठन*
लखनऊ। मैनपुरी के मूल निवासी और पेशे से शिक्षक रहे सत्यभान सिंह चौहान एक जुझारू प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं जिनके बारे में बताया जाता है कि किसान समस्याओं को लेकर हमेशा संघर्ष करते रहे हैं।उन्होंने तमाम किसान संगठनों के क्रियाकलापों से क्षुब्ध होकर चार माह पूर्व जय जवान जय किसान लोकशक्ति नाम से किसानों का एक नया संगठन खड़ा कर दिया है।
सत्यभान सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित इस नए संगठन से इन चार महीनों में आठ हजार से भी अधिक लोगों ने सदस्यता ले ली है, उत्तर प्रदेश के अलावा यह संगठन बिहार, झारखंड, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड में भी बहुत तेजी से फैल रहा हैं वैसे तो कर्नाटका, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल आदि राज्यों में भी इस नए संगठन से लोग जुड़ चुके हैं और तेजी से लोगों को जोड़ भी रहे हैं।
किसानों, नौजवानों तथा महिलाओं के हक और हुकूक के लिए संघर्ष को संकल्पित इस संगठन का कुनबा बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। पिछले दिनों निजी कार्यवश लखनऊ पहुंचे श्री चौहान का कहना है कि जय जवान जय किसान लोकशक्ति संगठन जनवरी तक अपनी नींव मजबूत करने के उद्देश्य से तेज तेज सदस्यता अभियान शुरू की है।

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