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सारे आरोपी मुस्लिम है ।
मेहजबीन मुस्लिम नर्स है, IVF में काम करती है ,
हिंदू बच्चे चोरी होते है, फिर बेच दिए जाते है,
अंग अंग बेच कर कमाई होती है
ये भी हिंदू आबादी खत्म करने का बड़ा खेला है ।
जात पंत सिर्फ हमारे लिए है, उनके लिए सिर्फ काफिर, उनको फिर देश, संविधान से कोई लेना देना नहीं है भाई, अंतिम लड़ाई सड़क पर ही लड़ी जाएगी और जा रही है
👏🙏🤔
बांसुरी के इतिहास में
उन कीड़ों का कोई जिक्र नहीं
जिन्होंने भूख मिटाने के लिए
बांसों में छेद कर दिए थे..
और जब-जब हवा उन छेदों से गुजरती
तो बांसों का रोना सुनायी देता
कीड़ों को तो पता ही नहीं था
कि वे संगीत के इतिहास में हस्तक्षेप
कर रहे हैं
और एक ऐसे वाद्य का आविष्कार
जिसमें बजाने वाले की सांसें बजती हैं
मैंने कभी लिखा था
कि बांसुरी में सांस नहीं बजती
बांस नहीं बजता
बजाने वाला बजता है
अब
जब-जब बजाता हूं बांसुरी
तो राग चाहे जो हो
उसमें कीड़ों की भूख
और बांसों का रोना भी सुनायी देता है.
नरेश सक्सेना
तिलक है, ब्यूटी पार्लर है, बारात है, मेंहदी है, संगीत है, रोशनी है, आतिशबाजी है, महंगा बैंड बाजा-रोडलाइट है, फोटो हैं, डीजे है, सड़क पर डांस है, शराब है, कैटरर है, स्टॉल है, सब कुछ तो है ... पर
जनवासा नहीं है, पंगत नहीं है, पत्तल नहीं है, पीयर धोती पहने समधी नहीं है, स्नेह से गालियां देती समधिनें नहीं हैं । बुजुर्गों का सम्मान नहीं है...
मुहब्बत नहीं है, प्यार नहीं है, मनुहार नहीं है,
नाई का न्योता नहीं है ।
व्हाट्सएप पर निमंत्रण है ।
ना मेजबान का पता है।
ना मेहमान की खबर है।
ना कोई आपको पहचानता है,
ना आप किसी को जानते हैं।
घूमते बेयरों के हाथ से कुछ ले लीजिए।
बारात आई नहीं है... वरमाला हुई नहीं है।
बस आपको लिफाफा थमाकर निकल जाना है।
प्रिवेडिंग शूट की 'आकर्षक' फिल्म चल रही है।
और तीन जगह जाना है।
यही तो आज का जमाना है।