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दिनांक 17 दिसंबर को श्री बद्रीनाथ विधानसभा के नागनाथ पोखरी में 18वा हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव राजकीय मेले में प्रतिभाग किया था। मेले के आयोजक विधायक Lakhpat Singh Butola जी ओर समस्त मेला समिति को बहुत बहुत बधाई।

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दिनांक 17 दिसंबर को श्री बद्रीनाथ विधानसभा के नागनाथ पोखरी में 18वा हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव राजकीय मेले में प्रतिभाग किया था। मेले के आयोजक विधायक Lakhpat Singh Butola जी ओर समस्त मेला समिति को बहुत बहुत बधाई।

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दिनांक 17 दिसंबर को श्री बद्रीनाथ विधानसभा के नागनाथ पोखरी में 18वा हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव राजकीय मेले में प्रतिभाग किया था। मेले के आयोजक विधायक Lakhpat Singh Butola जी ओर समस्त मेला समिति को बहुत बहुत बधाई।

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लहसुन की कीमत सुन कर IPhone के मालिको ने सेव को हटा कर लहसुन लगाने का फैंसला किया है।

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गढ़रत्न नरेंद्र नेगी जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ बाल कलाकार दक्ष कार्की जी को।

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सुदर्शन पर्वत हमारे उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय का एक पर्वत है। ये दृश्य गंगोत्री धाम से देखा जा सकता है। सुदर्शन पर्वत की ऊंचाई 6,529 मीटर (21,421 फीट) है। यह पूरी तरह से उत्तराखंड में स्थित संयुक्त 87वां सबसे ऊंचा स्थान है। नंदा देवी, इस श्रेणी का सबसे ऊँचा अद्धभुत पर्वत है।.☺️💛♥️
हर हर महादेव 🙏🚩

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सुबह सुबह गरमा गरम जलेबी ❣️

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बधाई वैभव। हर उत्तराखंडी को तुम पर गर्व है।

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कल्पना कीजिए, एक ऐसी दुनिया की जहां हर तरफ अंधेरा हो और आप उस अंधेरे में भी तैराकी करके दुनिया जीतने का सपना देखें। यह कोई कहानी नहीं, बल्कि नागपुर, महाराष्ट्र की कंचनमाला पांडे की सच्चाई है। जन्म से नेत्रहीन कंचनमाला ने वह कर दिखाया, जो सामान्य व्यक्ति के लिए भी असंभव सा लगता है। बचपन से ही आर्थिक तंगी और सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हुए, उन्होंने अपने भीतर की कमजोरी को अपनी ताकत बनाया। 2017 में, कंचनमाला ने मेक्सिको में आयोजित वर्ल्ड पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वह अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला तैराक बनीं।
उनकी यात्रा संघर्षों से भरी रही। आर्थिक कठिनाइयों के कारण उनके पास न तो महंगे स्विमसूट थे और न ही आधुनिक सुविधाएं। कई बार उन्होंने बिना किसी सहायता के प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। लेकिन उनकी मेहनत और अटूट इच्छाशक्ति ने उन्हें हर चुनौती से पार पाने का हौसला दिया। उनका परिवार और दोस्तों का समर्थन उनकी ताकत बना। कंचनमाला की यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची रोशनी आँखों में नहीं, बल्कि हौसलों और इरादों में होती है। उनकी सफलता हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो सपने देखने और उन्हें साकार करने की हिम्मत रखता है। 🌟

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