Entdecken BeiträgeEntdecken Sie fesselnde Inhalte und vielfältige Perspektiven auf unserer Discover-Seite. Entdecken Sie neue Ideen und führen Sie bedeutungsvolle Gespräche
हां, ये नेहरू जी ही हैं...👇
महाकुंभ में डुबकी नेहरू जी भी लगाते थे।
तस्वीर भी खिंचवाते थे। वे भी नेता ही थे और सबसे बड़े नेता भी थे लेकिन कभी किसी ने उनकी डुबकी पर सवाल नहीं उठाए। गरीबी दूर करने के लिए तो परिश्रम ही करना पड़ता है। महाकुंभ में जाना और गंगा जी में डुबकी लगाना आस्था का विषय है और इसे उसी तरह लेना चाहिए। उन्हीं नेहरू जी की पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज महाकुंभ में स्नान पर सवाल उठा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि इससे गरीबी दूर होगी क्या? जो आस्था नेहरू जी की थी, वही आस्था मेरी भी है। और मेरी आस्था पर सवाल उठाने और अनर्गल-वाहियात टिप्पणी करने वालों का विरोध मैं हमेशा करूंगा। मुझे इस बात कि कोई परवाह नहीं है कि मुझे कौन, क्या समझता है और क्या कहता है।
योगी जी कब्रिस्तानों से किराया वसूलना शुरू कीजिए... जिहादी रंगबाजी ख़त्म करने का यही तरीका है !
वक्फ संशोधन विधेयक पर बनी जेपीसी ने 21 जनवरी को लखनऊ में यूपी सरकार के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की । ये स्वाभाविक प्रक्रिया है जगदंबिका पाल के नेतृत्व में गठित जेपीसी हर राज्य में जाकर सरकारों से रिपोर्ट ले रही है कि वक्फ की कितनी जमीन वैध है कितनी अवैध है । इस कमेटी में ओवैसी भी शामिल हैं । लखनऊ की बैठक में इस कमेटी के सामने यूपी सरकार के प्रतिनिधियों ने जो तथ्य रखे हैं वो बहुत चौंकाने वाले हैं ।
बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जेपीसी को बताया कि यूपी के अंदर करीब 60 हजार कब्रिस्तान, दरगाह और मस्जिदें, सरकारी और ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से बनी हुई है । सिर्फ ये आकंड़ा जानकर चौंक गए तो ठहरिए, वक्फ की फर्जी संपत्तियों का आंकड़ा इससे भी कहीं बड़ा है । दरअसल यूपी के अंदर शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कुल 55,812 बीघा जमीन पर अपना दावा ठोंका है । लेकिन यूपी सरकार की पड़ताल से पता लगा है कि इसें से 43,852 बीघा जमीन के कागज ही नहीं हैं ये सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा है । वक्फ के पास सिर्फ 11,962 बीघा जमीन के ही कागज हैं । अगर हम इसे किलोमीटर में बदलें तो आंकड़े निम्नलिखित हैं...
शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड का यूपी में कुल दावा- 140 वर्ग किलोमीटर
सरकारी जमीन पर वक्फ का अवैध कब्जा - 117 वर्ग किलोमीटर
जिसके कागज वक्फ बोर्ड के पास हैं- सिर्फ 23 वर्ग किलोमीटर
(जेपीसी को दिए गए सरकारी आंकड़े)
- आंकड़ा चौंकाने वाला हैं सिर्फ यूपी के अंदर ही कितने बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है । जेपीसी के मेंबर इमरान मसूद ने योगी सरकार पर खीझ निकालते हुए कहा है कि ये बड़ी ज्यादती है कि यूपी सरकार कब्रिस्तान की जमीन को भी वक्फ की जमीन नहीं मान रही है ।
- अब ज़रा दोबारा राजस्व विभाग के अधिकारियों के बयानों पर गौर कीजिए दरअसल कब्रिस्तान, दरगाह और मस्जिद के नाम पर मुसलमानों ने यूपी की बेहिसाब सरकारी जमीन कब्जा कर ली है और बहुत ही चालाकी से इन्हें सेकुलर पार्टियों के राज में वक्फ संपत्ति रजिस्टर करवा लिया गया है ।
- एक एक मुसलमान 10-10 बच्चे पैदा करता है और कब्र को लेकर इस्लाम की मान्यता ये है कि कयामत के रोज मुर्दा कब्र से उठेगा फिर हिसाब किताब होगा यानी हर मुसलमान को अलग कब्र चाहिए और जमीन का एक टुकड़ा भी चाहिए । अब ऐसे में अरबों मुर्दे धीरे धीरे हिंदुस्तान की ही जमीन निगलते चले जाएंगे । ऐसे में योगी आदित्यनाथ सरकार और देश की समस्त सरकारों को उन सभी कब्रिस्तानों का किराया वसूलना चाहिए जो सरकारी जमीनों पर बन गए हैं । जिन परिवारों के मुर्दे दफन हैं वो किराया सरकार को दें ।
- योगी जी भी वक्फ पर संधोधन लेकर आए हैं और इसमें ये प्रावधान है कि अगर अवैध तरीके से वक्फ के नाम पर सरकारी संपत्ति पर कब्जा है तो कब्जे की तारीख से पूरा हर्जाना वसूला जाएगा । जितनी भी कमाई हुई है वो सब सरकार के खाते में जमा होनी चाहिए ।