Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
जब आप कहते हो कि आज भी आरक्षण क्यों तो उसका जवाब इस ख़बर में है।
अजमेर के एक गांव में एक बारात आनी थी, दुल्हन के परिवार ने पुलिस से कहा हमें सुरक्षा दीजिए क्योंकि
हमारे यहां दूल्हे के घोड़ी चढ़कर आने पर पहले अप्रिय घटनाएं हुईं हैं, बताया जा रहा है कि
25 बाराती
30 घराती
75 पुलिस वाले
थे तब जाकर दूल्हा को घोड़ी पर बैठाकर सकुशल बारात पहुंच पाई।
हमारे समाज में आज भी यह गंदगी है, न जाने किसी के घोड़ी पर बैठने से किसी को क्या दिक्कत होती है।
जब आप कहते हो कि आज भी आरक्षण क्यों तो उसका जवाब इस ख़बर में है।
अजमेर के एक गांव में एक बारात आनी थी, दुल्हन के परिवार ने पुलिस से कहा हमें सुरक्षा दीजिए क्योंकि
हमारे यहां दूल्हे के घोड़ी चढ़कर आने पर पहले अप्रिय घटनाएं हुईं हैं, बताया जा रहा है कि
25 बाराती
30 घराती
75 पुलिस वाले
थे तब जाकर दूल्हा को घोड़ी पर बैठाकर सकुशल बारात पहुंच पाई।
हमारे समाज में आज भी यह गंदगी है, न जाने किसी के घोड़ी पर बैठने से किसी को क्या दिक्कत होती है।
जब आप कहते हो कि आज भी आरक्षण क्यों तो उसका जवाब इस ख़बर में है।
अजमेर के एक गांव में एक बारात आनी थी, दुल्हन के परिवार ने पुलिस से कहा हमें सुरक्षा दीजिए क्योंकि
हमारे यहां दूल्हे के घोड़ी चढ़कर आने पर पहले अप्रिय घटनाएं हुईं हैं, बताया जा रहा है कि
25 बाराती
30 घराती
75 पुलिस वाले
थे तब जाकर दूल्हा को घोड़ी पर बैठाकर सकुशल बारात पहुंच पाई।
हमारे समाज में आज भी यह गंदगी है, न जाने किसी के घोड़ी पर बैठने से किसी को क्या दिक्कत होती है।
