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ब्रह्मलीन हुए तपस्वी संत श्री सियाराम बाबा,
12 वर्षों की तपस्या और एक लंगोट में बसा 'सियाराम बाबा' का जीवन!
१२ वर्षों तक मौन रहने वाले बाबा ने जब पहली बार शब्द बोले, तो वो थे 'सीयाराम।' तब से उनका नाम सियाराम बाबा पड़ गया। बाबा कहते थे, 'इस संसार में कोई किसी का साथी नहीं है, केवल कर्म ही सच्चा साथी है।
सियाराम बाबा आज मोक्षदा एकादशी सुबह ६ बजकर १० मिनट पर प्रभु मिलन हो गया है !!
गुरुदेव आप सदैव भक्तों के दिल में रहेंगे ।
जय श्री राम . ॐ शांति शांति शांति
सत सत नमन 🌺🙏
