Yogi Uvach

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एक तो मुझे ये गाँधी परिवार की क़ुरबानी वाली अवधारणा समझ नहीं आती।

कोई भी चुनाव हो... इनके चशमो चिराग तो यही गाते हैं कि हमारी दादी ने देश के लिए क़ुरबानी दी, हमारे पापा ने देश के लिए क़ुरबानी दी।

अरे भैया कौन सी क़ुरबानी... कौन सा बलिदान??

पंजाब में सब सही चल रहा था... अकाली दल को रोकने के लिए इंदिरा गाँधी एक विकल्प ढूंढ रही थी... फिर उन्हें भिंडरावाले मिला... उसको दिल्ली बुला कर बकायादा संजय गाँधी ने साक्षात्कार ले कर अपने काम के लिए तैयार किया।

फिर इनका प्यादा भिंडरावाले महत्वकांक्षी हो गया... ऊपर से पाकिस्तान ने भी उसके सर पर हाथ रख दिया... उसे ख़ालिस्तान का सपना दिखाया और फिर वह कांग्रेस के हाथों से निकल गया।

फिर उसे मरवाने के लिए स्वर्ण मंदिर पर चढ़ाई कर दी... सैंकड़ो सिख मारे गए... बाद में इस घटना का बदला लेने के लिए 2 सिख अंगरक्षकों ने इंदिरा गाँधी को मार दिया।

यह कोई क़ुरबानी या बलिदान नहीं था... खुद के कुकर्मो का फल था... जिन कुकर्मो के कारण 70-80 के दशक में हजारों हिन्दू मारे गए पंजाब में... और फिर 84 के दंगों के बाद हजारों सिख मारे गए... पंजाब आतंकवाद की आग में 2 दशक झुलसा रहा... जिसमें हजारों लोग मारे गए।

अपने कुकर्मो के कारण हत्या हो जाना देश के लिए क़ुरबानी नहीं होती।

रही बात राजीव गाँधी की... तो वह अपने और अपनी माँ द्वारा किये गए दुर्घटना के शिकार हुए।

वैसे तो श्रीलंका में आजादी के बाद से ही तमिल और स्थानीय आबादी सिंहली लोगों के बीच द्वन्द शुरू हो गया था... 70 के दशक में यह और भी उग्र हो गया... और फिर प्रभाकरण ने LTTE बनाया।

शीत युद्ध का जमाना था... भारत जहाँ सोवियत के खेमे में था... श्रीलंका अमेरिका के करीब था... ऐसे में इंदिरा गाँधी को लगा कि वह तमिल और सिंहली लोगों के इस मुद्दे को सुलझा कर इस क्षेत्र में बढ़त हासिल कर सकती हैं।

इसीलिए उन्होंने श्रीलंका सरकार और LTTE के बीच मध्यस्थता की... और भूटान की राजधानी में दोनों पक्ष के बीच बातचीत शुरू करवाई।

अब यहाँ इंदिरा गाँधी खेल कर गई... तमिलनाडु की कुछ पार्टियों को खुश करने और खुद की महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए उन्होंने LTTE के लड़ाकों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया था।

आपको जानकार आश्चर्य हो सकता है कि तमिलनाडु में LTTE के ढेरों प्रशिक्षण शिविर थे... जिसमें सबसे बड़ा था कोलाथुर का शिविर... इसके अतिरिक्त कर्नाटक, उत्तरप्रदेश (नैनीताल... तब नैनीताल UP में ही था) में भी प्रशिक्षण शिविर थे। प्रभाकरण बाकायदा RAW के अफसरों के साथ घूमता था... मैंने कहीं पढ़ा था कि वह महू के आर्मी प्रशिक्षण केंद्र भी गया था।

यह 80 के दशक के शुरुआत की बात है... LTTE दिन प्रतिदिन घातक होता चला गया... क्यूंकि उन्हें आर्मी स्तर का प्रशिक्षण और हथियार दिए जा रहे थे।

इंदिरा गाँधी की हत्या हुई... और उसके बाद खेल बिगड़ने लगा... राजीव गाँधी ने श्रीलंका सरकार और LTTE के बीच बात करवाई... लेकिन बात बनी नहीं। LTTE को लगने लगा था कि राजीव गाँधी उनके साथ खेल कर रहे हैं।

और जल्दी ही वह समय भी आया... जब इंदिरा गाँधी द्वारा पोषित LTTE का प्रभाकरण उनके बेटे का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया था।

राजीव गाँधी ने पीस कीपिंग फ़ोर्स भेज दी... बिना किसी तैयारी के... कश्मीर के पहाड़ो पर तैनात यूनिट को रातो रात श्रीलंका के जंगलो में तैनात किया गया... हमारे 1165 सैनिक मारे गए थे इस पूरी प्रक्रिया में।

और इसके बाद तो LTTE और भारतीय सरकार के रिश्ते बेहद ख़राब हो गए थे... जिसका परिणीति राजीव गाँधी की हत्या में हुई।

बताइये... क्या यह देश के लिए क़ुरबानी थी? या अपने कुकर्मो का फल??

"राष्ट्रहित सर्वोपरि" 💪💪

जय श्री राम 🙏

हर हर महादेव 🔱🙏🚩

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जब तक देशवासी इन बॉलीवुड के भांडों को उनकी असली जगह नहीं बताएंगे।
तब तक ये इस तरह के जिहादियों का समर्थन करते रहेंगे और पत्थरबाजों की फंडिंग भी करते रहेंगे ?

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ॐ श्रीं जगन्नाथाय नम: ॐ श्रीं जगन्नाथाय नम:
*"*"*आज प्रात: कालीन मंगला आरती दर्शनम*"*"*
१६ अक्टूबर (२०२४) बुधवार
||| जय श्रीं महाप्रभु जगन्नाथ जू सरकार जी महाराज |||
*"*"*पूरी धाम् उड़ीसा*"*"*
*"*"*सुप्रभातम्*"*"*
आज की अद्भुत एवं अलौकिक झाँकी...
श्रीं महाप्रभु जगन्नाथ जू सरकार की कृपा आप सभी पर बनी रहे..
ऐसी मंगल कामना …!!

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सालिम मियाँ मोहब्बत में इस कदर दीवाने हुए कि पहले तो दो बच्चों की अम्मा से मोहब्बत कर बैठे
उसके बाद अनबन होने पर महिला को निपटा कर बच्चे को जिंदा ही दफन कर दिए, जिसको बाद में पुलिस द्वारा निकालने पर वह मृत मिला
महिलाएं समझना ही नहीं चाहती कि अपना मरद कैसा भी हो अपना होता है, अवैध संबंधों का अंजाम ज्यादातर बुरा ही होता है
सालिम मियाँ ने खुद की जिंदगी तो नर्क बनाई ही साथ मे न जाने कितनों की जिंदगी उजाड़ के रख दी
मामला मेरठ के लोहियानगर थाना इलाके के नरहाडा गांव का है

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Aapne kitne Rupye se petrol kharidna suru kiya tha?

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😂...हाय रे इस मोदी ने सब कुछ बेच दिया, सब कुछ बर्बाद कर दिया...
भारत विरोधी गैंग की इसी छातीकूट के बीच...
आपको याद होगा कि आज से पूरे 6 साल पहले HAL के बंगलौर स्थित मुख्यालय में पहुंचकर बहुत #झूठ और नकारात्मकता फैलाई थी कि सरकार ने HAL को बेच दिया है, बंद करने का प्लान कर लिया है, कर्मचारियों का वेतन बंद कर दिया है, ब्ला ब्ला ब्ला....
रा'हुल-गांधी द्वारा फैलाए गए इस झूठ और नकारात्मकता का दुष्प्रभाव यह हुआ कि HAL का शेयर जो 15.10.2018 को ₹390 पर था वह लगभग डेढ़ साल में लगातार गिरकर 15.05.2020 को मात्र ₹250 रुपए का रह गया...
लेकिन उसके बाद लोगों को रा'हुल-गांधी द्वारा फैलाया गया झूठ समझ में आ गया और HAL में सरकार किस तरह के आमूल-चूल सुधार कर रही है, वह स्पष्ट दिखाई देने लगे तो फिर HAL के शेयर ने रफ्तार पकड़ ली और ऐसी रफ्तार पकड़ी कि मात्र साढ़े 4 वर्ष की अवधि में ही उसके शेयर की कीमत 18 गुना बढ़कर 15.10.2024 को 4525 रुपए पर पहुंच गई है.
आपको क्या लगता है रा'हुल-गांधी ने सिर्फ राजनीति करने के लिए के कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए उकसाया था...?
आज न सिर्फ HAL भारतीय को तेजस की सप्लाई दे रहा है बल्कि उसके पास सारे विश्व से तेजस के ऑर्डर की लाइन लगी हुई है और पिछले वित्त वर्ष में उसका मुनाफा बढ़कर 7600 करोड़ रुपए हो गया है. 💪

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ये बागपत जिले का बड़ौत टाउन है अगर किसी ने बड़ौत का नाम नही सुना तो आपको बता दु विश्वप्रसिद्ध चाट युद्ध इसी कस्बे में लड़ा गया था। हर सुख सुविधा से सम्पूर्ण है हिन्दू आबादी 85℅ है। अबकी बार अपनी रामलीला के लिये प्रसिद्ध है क्यो। क्योकि सेकुलर हिन्दू कट्टर मुल्ले से भी खतरनाक होते है।

बड़ौत रामलीला कमेटी ने ग्राउंड के मेले तो 90% खाने पीने के स्टाल और झूले सब शांतिदूत समुदाय को बेच दिये।

अली चाय जैसे स्टाल और हर दुकान मे गोल टोपी देखकर् आपको खुशी जूस कार्नर की याद नही आएगी। वही स्वाद और दे थूक दे थूक इंशा हल्ला। हर स्टाल पे गोल टोपी पहने हुए सूर जैसे हम हिन्दुओ को हमारी औकात दिखा रहा है कि त्योहार तुम्हारे तो कमाई हमारी।

गंगा जुमनी तहजीब की गजब मिसाल पेश की है।

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