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किसी सृजन को कानूनी सुरक्षा देना ही बौद्धिक सम्पदा अधिकार
आईपीआर में कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, पेटेंट का विशेष महत्व
जीएल बजाज में हुई बौद्धिक सम्पदा अधिकार और महत्ता पर कार्यशाला
मथुरा। किसी व्यक्ति या व्यवसाय के पास मौजूद अमूर्त सम्पत्तियों से जुड़े सभी अधिकार जोकि ऐसी सम्पत्तियों को गैरकानूनी उपयोग या शोषण से बचाये जा सकें, बौद्धिक सम्पदा अधिकार कहलाते हैं। ऐसे अधिकार बौद्धिक सम्पदा के रचनाकारों को दिए जाते हैं ताकि उनकी रचनाओं का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना कोई दूसरा न कर सके। बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का उपयोग किसी निश्चित समय अवधि के लिए निर्दिष्ट सम्पत्ति या वस्तुओं के उपयोग पर धारक के एकाधिकार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। इन अधिकारों का उल्लंघन दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। यह बातें सोमवार को जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) द्वारा बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) और नवप्रवर्तकों व उद्यमियों के लिए इसकी महत्ता विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि बौद्धिक सम्पदा अधिकार विशेषज्ञ पूजा कुमार ने छात्र-छात्राओं को बताईं।