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रूस यूक्रेन में अभी भी युद्ध चल रहा है। रूस की सर्दी शरीर को जमा देने वाली होती है।
ऐसे में बिहार के हाजीपुर से रूसी सैनिकों के लिए जूते निर्यात किए जा रहे हैं। यह जूते -40° के टेंपरेचर में भी कारगर साबित होते हैं।
हाजीपुर से हर साल करीब 100 करोड़ के जूते निर्यात किए जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इन जूतों को बनाने वालों में 70% महिला कर्मचारी होती हैं।
न घने जंगलों की चिंता, न गोलीबारी का भय...
आतंकियों का बहादुरी के साथ सामना करते रहे कैप्टन बृजेश थापा।
ये कैप्टन ब्रजेश थापा हैं, बेहद कम उम्र के हैं, आतंकियों से लड़ते-लड़ते बलिदान हो गए।
आतंकियों को खदेड़ तक घने जंगल तक पहुंचा दिया था, घने जंगल के बीच लिया लोहा।
2019 में सेना में भर्ती हुए थे कैप्टन ब्रजेश थापा।