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अनुच्छेद 370 हटने के बाद
जम्मू-कश्मीर में आया सुशासन का नया दौर...

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India’s poverty rate falls drastically in a decade!

Economic growth, targeted welfare programs and better access to education and healthcare have led to this transformation.

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नेहरू की वो भूल,
जो बनी भारत के लिए शूल।

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महान दार्शनिक, ओजस्वी वक्ता, युग प्रवर्तक एवं युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी के निर्वाण दिवस पर कोटि-कोटि नमन।

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धारा 370 समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुआ विकास और समृद्धि का एक नया सवेरा...

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पर्यावरण संरक्षण के लिए,
भावी पीढ़ी की सुरक्षा के लिए...

#एक_पेड़_माँ_के_नाम

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"वही राष्ट्र वास्तव में महान है, जिसके पास सैनिक शक्ति एवं ताकत है, किन्तु जो स्वार्थ हेतु उसका दुरुपयोग नहीं करता।"

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

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अग्निवीर को लेकर देश भर में झूठ फैलाने वाले राहुल गांधी को भारतीय सेना ने दिखाया आईना...

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नालन्दा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में रत्नरंजक, रत्नोदधि और रत्नसागर नामक तीन पुस्तकालय भी थी जिसमे दुनिया भर का ज्ञान था और करीब 90 लाख किताबो का संग्रह था।

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‘द फ्लाइंग सिख' के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह, भारतीय खेल के इतिहास में एक ऐतिहासिक व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने प्रेरणादायक उपलब्धियों के माध्यम से देश का नाम रोशन किया। उनका जन्म 20 नवंबर 1929 को पाकिस्तान के गोविंदपुर गाँव में हुआ था, लेकिन उनका ध्यान खेल की दुनिया में भारत में ही आया। मिल्खा सिंह की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि 1960 में ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के लिए चार गोल्ड मेडल जीतने में थी। उन्होंने 200 मीटर दौड़ में चार्ल्स एडिवार्ड्स को पीछे छोड़ा और इसे भारतीय खेल के इतिहास की सबसे बड़ी जीत कहा गया।
इसके अलावा, मिल्खा सिंह ने 1958 में तेहरान एशियाई खेलों में भी गोल्ड मेडल जीता था, जो उनके खेली गई विश्वासप्रमीय उपलब्धियों में एक है। उन्होंने देश का मान बढ़ाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई और भारतीय खेल को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठितता दी। कई महत्वपूर्ण जीते अपने नाम करने के बाद साल 2021 में उनका निधन हो गया उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। उनके जाने से भारतीय खेल और धावकों को एक बड़ी कमी महसूस हुई है।

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