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प्रभा देवी, एक ऐसी महिला जिनकी शिक्षा किताबों से नहीं, बल्कि प्रकृति के असीम ज्ञान से हुई है। 76 वर्ष की उम्र में, उन्होंने अकेले ही उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के पालशत गाँव में एक हरा-भरा जंगल खड़ा कर दिया। यह जंगल, जिसमें 500 से अधिक विभिन्न प्रकार के पेड़ हैं, उनकी अटूट मेहनत और प्रकृति के प्रति उनके गहरे प्रेम का प्रतीक है।
उनकी कहानी हमें सिखाती है कि शिक्षा केवल स्कूलों और कॉलेजों में ही नहीं मिलती, बल्कि जीवन के अनुभवों से भी मिलती है। प्रभा देवी ने खुद ही पेड़ों की देखभाल करना सीखा और आज वे "Friend of Trees" के नाम से जानी जाती हैं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी पेड़ों के लिए समर्पित कर दी।
प्रभा देवी का जीवन हमें यह भी सिखाता है कि उम्र कभी भी सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकती। उनके बच्चे शहरों में रहते हैं, लेकिन वे अपने गाँव को छोड़कर नहीं जाना चाहतीं। वे जानती हैं कि पेड़ हमारे भविष्य के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं, और वे अपने तरीके से पर्यावरण को बचाने में लगी हैं।