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हाथी, घोड़ा, पालकी...
जय कन्हैया लाल की...
जय जगन्नाथ!
काशी में भगवान श्री जगन्नाथ जी की ऐतिहासिक डोली यात्रा निकाली गई। डोली को कंधे पर लेने का और पूरी यात्रा में श्रद्धालुओं के संग पैदल चलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
इसके साथ ही परंपरागत लक्खा मेला का शुभारंभ हुआ। लगभग 7 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में भगवान श्री जगन्नाथ जी, भाई बलराम जी और बहन सुभद्रा जी ने भक्तों को दर्शन दिए। हजारों श्रद्धालुओं ने मार्ग भर पुष्पवर्षा कर भगवान का स्वागत किया।
यह धार्मिक परंपरा लगभग 350 वर्षों से काशी में मनाई जा रही है। डोली यात्रा अस्सी घाट से शुरू होकर लोलार्क कुंड, नवाबगंज, कश्मीरीगंज, शंकुलधारा होते हुए रथयात्रा चौराहे तक पहुँची। मार्ग में डमरू दल की गूंज और “जय श्री जगन्नाथ” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय रहा। शंकुलधारा स्थित द्वारकाधीश मंदिर में भगवान की भव्य आरती उतारी गई।
श्री जगन्नाथ जी की यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि काशी की आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है, जिसमें शामिल होकर श्रद्धालु पुण्य अर्जित करते हैं और काशी के अध्यात्म में एकाकार हो जाते हैं।
#jaijagannathji #jaijagganath #jaijagannath

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हाथी, घोड़ा, पालकी...
जय कन्हैया लाल की...
जय जगन्नाथ!
काशी में भगवान श्री जगन्नाथ जी की ऐतिहासिक डोली यात्रा निकाली गई। डोली को कंधे पर लेने का और पूरी यात्रा में श्रद्धालुओं के संग पैदल चलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
इसके साथ ही परंपरागत लक्खा मेला का शुभारंभ हुआ। लगभग 7 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में भगवान श्री जगन्नाथ जी, भाई बलराम जी और बहन सुभद्रा जी ने भक्तों को दर्शन दिए। हजारों श्रद्धालुओं ने मार्ग भर पुष्पवर्षा कर भगवान का स्वागत किया।
यह धार्मिक परंपरा लगभग 350 वर्षों से काशी में मनाई जा रही है। डोली यात्रा अस्सी घाट से शुरू होकर लोलार्क कुंड, नवाबगंज, कश्मीरीगंज, शंकुलधारा होते हुए रथयात्रा चौराहे तक पहुँची। मार्ग में डमरू दल की गूंज और “जय श्री जगन्नाथ” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय रहा। शंकुलधारा स्थित द्वारकाधीश मंदिर में भगवान की भव्य आरती उतारी गई।
श्री जगन्नाथ जी की यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि काशी की आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है, जिसमें शामिल होकर श्रद्धालु पुण्य अर्जित करते हैं और काशी के अध्यात्म में एकाकार हो जाते हैं।
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इसके साथ ही परंपरागत लक्खा मेला का शुभारंभ हुआ। लगभग 7 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में भगवान श्री जगन्नाथ जी, भाई बलराम जी और बहन सुभद्रा जी ने भक्तों को दर्शन दिए। हजारों श्रद्धालुओं ने मार्ग भर पुष्पवर्षा कर भगवान का स्वागत किया।
यह धार्मिक परंपरा लगभग 350 वर्षों से काशी में मनाई जा रही है। डोली यात्रा अस्सी घाट से शुरू होकर लोलार्क कुंड, नवाबगंज, कश्मीरीगंज, शंकुलधारा होते हुए रथयात्रा चौराहे तक पहुँची। मार्ग में डमरू दल की गूंज और “जय श्री जगन्नाथ” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय रहा। शंकुलधारा स्थित द्वारकाधीश मंदिर में भगवान की भव्य आरती उतारी गई।
श्री जगन्नाथ जी की यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि काशी की आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है, जिसमें शामिल होकर श्रद्धालु पुण्य अर्जित करते हैं और काशी के अध्यात्म में एकाकार हो जाते हैं।
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From Odisha to Ontario, Bhagwan Jagannath rath yatra rolls across the whole world. Rath Yatra isn’t just India’s, it’s the world’s devotion in motion. Jai Jagannath 🙏🏻❤️