image
9 w - Translate

“सरकार के खिलाफ बोलने वाला कोई भी व्यक्ति गिरफ्तार कर लिया जाता है। सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत गिरफ्तारी नाजायज़ और अनुचित है ”

- प्रशांत भूषण

image
9 w - Translate

हम कल क्या होंगे, यह किस्मत नहीं, हमारी आज की मेहनत तय करती है।
और इसका सच्चा उदाहरण हैं बिहार के 23 साल के अमित।
अमित आर्थिक कठिनाइयों के कारण रातभर गार्ड की ड्यूटी करते हैं, और उसी दौरान हाथ में कॉपी लेकर बिहार पुलिस बनने का सपना भी जीते हैं।
कंटेंट क्रिएटर सुहैल रसूल ने इंस्टाग्राम पर उनका वीडियो शेयर किया, जिसमें अमित ड्यूटी के साथ गणित के सवाल हल करते दिखे। जल्द ही यह वीडियो वायरल हो गया और लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन गया।
आज अमित की मेहनत और जज़्बा देशभर के युवाओं को याद दिला रहा है कि सपनों की राह मुश्किल हो सकती है, लेकिन नामुमकिन कभी नहीं।

image
9 w - Translate

एक इलेक्ट्रिशियन का बेटा, जिसके पास अपना बैट खरीदने तक के पैसे नहीं थे।
कोच ने मदद की, माँ ने कई बार पेट आधा खाली रखकर बेटे का सपना ज़िंदा रखा।
रोज़ 40 किमी सफर करके मैदान पहुँचना… यही था उसका संघर्ष।
आज वही बच्चा हैदराबाद का तिलक वर्मा
IPL से लेकर टीम इंडिया तक, हर जगह अपने बल्ले से कहानी लिख रहा है।
ये कहानी याद दिलाती है – हालात कितने भी कठिन हों, अगर जुनून सच्चा हो तो सपने ज़रूर पूरे होते हैं।
जीत की बहुत+बहुत बधाई टीम इंडिया

image

image
9 w - Translate

यूपी के हरदोई जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, सकीना खान नाम की युवती का लंबे समय से रवि यादव नाम के युवक से प्रेम संबंध चल रहा था। युवती अपने प्रेमी के साथ खेतों में मिलने जाया करती थी। इस दौरान दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं और युवती गर्भवती हो गई।
मामला तब और गंभीर हो गया जब परिजनों को इसकी जानकारी मिली। परिवार पहले तो इस रिश्ते के खिलाफ था और शादी कराने के लिए तैयार नहीं था। लेकिन युवती की ज़िद और हालातों को देखते हुए आखिरकार घर वालों को झुकना पड़ा और रवि यादव से विवाह के लिए हामी भरनी पड़ी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना समाज के सामने प्रेम और परंपरा के बीच टकराव की तस्वीर पेश करती है।

image

image
9 w - Translate

बिना हाथों के दुनिया की नंबर 1 तीरंदाज को हराकर जम्मू कश्मीर की इस बेटी ने जीता गोल्ड मेडल...
भारत की पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने इतिहास रच दिया है, उन्होंने साउथ कोरिया के ग्वांगजू के वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप 2025 में तुर्की की खिलाड़ी ओज़नूर क्यूर गिर्दी को 146- 143 से मात देकर गोल्ड मेडल जीता 🔥
शीतल देवी हाथों की तरफ से दिव्यांग है एक बीमारी के कारण जन्म के समय से ही उनके हाथ नहीं है. इसके बावजूद भी शीतल ने अपना जज्बा और जुनून नहीं खोया और भारत देश का नाम आर्चरी के क्षेत्र में रौशन किया!!
शीतल देवी निशाना लगाने के लिए अपने पैर और ठोडी- गर्दन का इस्तेमाल करती है और सटीक निशाना लगाती है. इतना सटीक की कोई सही हाथ वाला व्यक्ति भी नहीं लगा सकता!!
शीतल देवी ने इस टूर्नामेंट में अपने नाम 3 मेडल किए है, 1 गोल्ड, 1 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज.

image
9 w - Translate

Har har Mahadev

image

image