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जो कहते हैं भारत 1947 से पहले कुछ नहीं था,
उन्हें ये 100 साल पुरानी शाही साड़ी देखनी चाहिए।
बड़ौदा की राधिका राजे द्वारा पहनी ये साड़ी
शुद्ध कपास और सोने के धागों से बनी है।
आज भी इसकी चमक वैसी ही है जैसे सौ साल पहले थी।
ये हमारे पूर्वजों की कला, तकनीक और कौशल का
‘जीता-जागता इतिहास’ है। 🇮🇳🧵✨
साहब रहम करो गरीब पर इनके लिए तो आप ही भगवान हो, आप ही कानून हो, आप ही जेल हो, आप ही न्याय हो!
हिम्मत कैसी हुई सायला थाने के #कांस्टेबल_घेवरचंद से टोल मांगने की? शुक्र है कि सिर्फ #गला_दबाया, #थप्पड़_मारा, जेल नहीं भेजा।
@nitin_gadkari
जी बताओ क्या घेवरचंद अपने तेवरो के साथ अपनी निजी कार से भारतमाला पर सफर नहीं कर सकता?
टोल तो आम आदमी पर ही लागू होता है।
📍सांगाणा (जालोर)
देवभूमि उत्तराखंड की प्रतिभाशाली बेटी रोनिका राणा ने लोक संस्कृति और कला के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है! गढ़वाल विश्वविद्यालय के लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र की छात्रा रोनिका का चयन प्रतिष्ठित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD), दिल्ली में हुआ है।
रुद्रप्रयाग के रतूड़ा की मूल निवासी रोनिका ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद गढ़वाल विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था। उनके इस चयन से विश्वविद्यालय के साथ-साथ उनके परिवार में भी खुशी का माहौल है।
विभाग के शिक्षक और संगीतकार डॉ. संजय पांडे ने बताया कि पिछले दो वर्षों में रोनिका ने लगभग 40 नाटकों में अभिनय कर रंगमंच की बारीकियों को सीखा है। उनकी कड़ी मेहनत, लगन और लोक कलाओं के प्रति रुझान ने उन्हें यह सफलता दिलाई। डॉ. पांडे ने इसे गढ़वाल विश्वविद्यालय और रुद्रप्रयाग के लिए गौरव का क्षण बताया, क्योंकि पूरे देश से NSD में केवल 30 छात्रों का चयन होता है।
रोनिका की इस शानदार सफलता पर रंगकर्मियों, छात्रों और शिक्षकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। 💐
#uttarakhand