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त्रिचिरापल्ली(त्रिचि) दक्षिण तमिलनाडू प्रवास...26,27
प्रातःकाल ही सुप्रसिद्ध भव्यतम श्रीरंगम देवस्थानम् के दर्शन का सुयोग बन गया।
मान्यता है कि यह प्रभु श्रीरामजी के कुल दैवत का स्थान है। लगभग 1006 वर्ष पूर्व पूज्यश्री रामानुजाचार्य जी ने भी यहीं से सामाजिक समरसता का सन्देश जगत को दिया था।उनका भी समाधि-स्थान यहाँ अवस्थित है।
साथ में मित्रवर सर्वश्री मुरलीधर,समदर्शी तथा मल्लिकार्जुन हैं।
त्रिचिरापल्ली(त्रिचि) दक्षिण तमिलनाडू प्रवास...26,27
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मान्यता है कि यह प्रभु श्रीरामजी के कुल दैवत का स्थान है। लगभग 1006 वर्ष पूर्व पूज्यश्री रामानुजाचार्य जी ने भी यहीं से सामाजिक समरसता का सन्देश जगत को दिया था।उनका भी समाधि-स्थान यहाँ अवस्थित है।
साथ में मित्रवर सर्वश्री मुरलीधर,समदर्शी तथा मल्लिकार्जुन हैं।
त्रिचिरापल्ली(त्रिचि) दक्षिण तमिलनाडू प्रवास...26,27
प्रातःकाल ही सुप्रसिद्ध भव्यतम श्रीरंगम देवस्थानम् के दर्शन का सुयोग बन गया।
मान्यता है कि यह प्रभु श्रीरामजी के कुल दैवत का स्थान है। लगभग 1006 वर्ष पूर्व पूज्यश्री रामानुजाचार्य जी ने भी यहीं से सामाजिक समरसता का सन्देश जगत को दिया था।उनका भी समाधि-स्थान यहाँ अवस्थित है।
साथ में मित्रवर सर्वश्री मुरलीधर,समदर्शी तथा मल्लिकार्जुन हैं।