Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
मनुष्य का निर्णय बुद्धिमत्ता से अधिक परिस्थितियों के आधार पर होता है।
यह तो घटनाओं के बाद कि समीक्षा होती है। क्या गलत हुआ क्या सही हुआ।
उस समय वही सही था।
बाली का एक ही पुत्र था। अंगद, जिसे उसने भगवान राम को समर्पित कर दिया था।
पांडवों का सबसे यशस्वी पुत्र थे। अभिमन्यु, जिनकी वीरता को देखकर भीष्म जैसे महान योद्धा ने कहा था। मैं युवा था तो तुम्हारी तरह था।
लंका कौन जाय ! अंगद बोले मैं जा तो सकता हूँ। लेकिन लौटने में संदेह है।
चक्रव्यूह कौन तोड़ेगा ! अभिमन्यु ने कहा तोड़ तो सकते हैं। लेकिन सांतवें द्वार को तोड़ने का ज्ञान नही है।
यहां श्रेष्ठजनों ने निर्णय अलग अलग लिया।
अंगद को लंका नही भेजा गया।
अभिमन्यु को चक्रव्यूह तोड़ने के लिये भेज दिया गया।
यह निर्णय अलग अलग इसलिये है। परिस्थिति अलग अलग है।
रामदल को पास हनुमानजी के रूप में एक विकल्प मिल गया।
पांडवों के पास कोई विकल्प नही था।
यद्यपि स्वामी विवेकानंद कहते है। मनुष्य परिस्थितियों का निर्माणकर्ता, भोगकर्ता दोनों है। यह सत्य होते हुये भी। उतना सत्य नही है।।
Computer Science Engineering in AI & ML | KIT | #be artificial intelligence and machine learning # BE CSE AI & machine learning colleges # computer science engineering in AI & ML
Autonomous Vehicle Market Analysis by Trends, Size, Share, Growth Opportunities, and Emerging Technologies | #adaptive Cruise Control # Automatic Emergency Braking # Automatic Parking
Washing Machine Sale | Sathya Online Shopping | #buywashingmachineonline #washingmachineonline #washingmachineoffers #washingmachinesale #washingmachineoffersonline