अखिलेश भैया लगता है आजकल सांड कुछ ज्यादा ही खाना खाने लगे हे 😂😂

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रामोजी फिल्म सिटी दुनिया का सबसे बङा फिल्म स्टूडियो परिसर माना जाता है।[1] यह भारत के राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से २५(25) किलो मीटर दूर नल्गोंडा मार्ग में अब्दुल्लापुरमेट में स्थित है। यह स्टूडियो 2000 एकड़(8.2वर्ग किलोमीटर) से भी अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस स्टूडियो में ५०(5 शूटिंग फ्लोर है। रामोजी फिल्म सिटी दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो कॉम्प्लेक्स है[2][3][4] और इस तरह गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा प्रमाणित किया गया है।[5] यह १९९६ में तेलुगु मीडिया टाइकून रामोजी राव द्वारा स्थापित किया गया था।[6] द गार्डियन ने रामोजी फिल्म सिटी को "एक शहर के भीतर शहर" के रूप में वर्णित किया।[2]

यहाँ एक साथ १५(15) से २५(25) फिल्मों की शूटिंग की जा सकती है। आरएफसी में फिल्म की प्री-प्रोडक्शन से पोस्ट प्रोडक्शन तक की तमाम सुविधाएं एक जगह मौजूद हैं यानी फिल्म का आइडिया लेकर आइये और फिल्म कैन करके जाइये.फिल्म-निर्माण के अलावा रामोजी फिल्म सिटी एक प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र भी है, जहां हरसाल दस लाख से भी ज्यादा लोग आते हैं। आरएफसी को

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रामोजी फिल्म सिटी दुनिया का सबसे बङा फिल्म स्टूडियो परिसर माना जाता है।[1] यह भारत के राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से २५(25) किलो मीटर दूर नल्गोंडा मार्ग में अब्दुल्लापुरमेट में स्थित है। यह स्टूडियो 2000 एकड़(8.2वर्ग किलोमीटर) से भी अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस स्टूडियो में ५०(5 शूटिंग फ्लोर है। रामोजी फिल्म सिटी दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो कॉम्प्लेक्स है[2][3][4] और इस तरह गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा प्रमाणित किया गया है।[5] यह १९९६ में तेलुगु मीडिया टाइकून रामोजी राव द्वारा स्थापित किया गया था।[6] द गार्डियन ने रामोजी फिल्म सिटी को "एक शहर के भीतर शहर" के रूप में वर्णित किया।[2]

यहाँ एक साथ १५(15) से २५(25) फिल्मों की शूटिंग की जा सकती है। आरएफसी में फिल्म की प्री-प्रोडक्शन से पोस्ट प्रोडक्शन तक की तमाम सुविधाएं एक जगह मौजूद हैं यानी फिल्म का आइडिया लेकर आइये और फिल्म कैन करके जाइये.फिल्म-निर्माण के अलावा रामोजी फिल्म सिटी एक प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र भी है, जहां हरसाल दस लाख से भी ज्यादा लोग आते हैं। आरएफसी को

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रामोजी फिल्म सिटी दुनिया का सबसे बङा फिल्म स्टूडियो परिसर माना जाता है।[1] यह भारत के राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से २५(25) किलो मीटर दूर नल्गोंडा मार्ग में अब्दुल्लापुरमेट में स्थित है। यह स्टूडियो 2000 एकड़(8.2वर्ग किलोमीटर) से भी अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस स्टूडियो में ५०(5 शूटिंग फ्लोर है। रामोजी फिल्म सिटी दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो कॉम्प्लेक्स है[2][3][4] और इस तरह गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा प्रमाणित किया गया है।[5] यह १९९६ में तेलुगु मीडिया टाइकून रामोजी राव द्वारा स्थापित किया गया था।[6] द गार्डियन ने रामोजी फिल्म सिटी को "एक शहर के भीतर शहर" के रूप में वर्णित किया।[2]

यहाँ एक साथ १५(15) से २५(25) फिल्मों की शूटिंग की जा सकती है। आरएफसी में फिल्म की प्री-प्रोडक्शन से पोस्ट प्रोडक्शन तक की तमाम सुविधाएं एक जगह मौजूद हैं यानी फिल्म का आइडिया लेकर आइये और फिल्म कैन करके जाइये.फिल्म-निर्माण के अलावा रामोजी फिल्म सिटी एक प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र भी है, जहां हरसाल दस लाख से भी ज्यादा लोग आते हैं। आरएफसी को

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तुम्हारी बिरादरी वालों को यूपी का पर्यटन बढ़ाने के दिए लखनऊ महोत्सव, सैफई महोत्सव में बुराइयां दिखती है

पर 2012-17 के बीच अखिलेश यादव ने यूपी की अर्थव्यवस्था को कैसे दोगुना किया ये नहीं दिखता है तुम्हें

पिछड़े समाज के खिलाफ कितनी नफरत भरी है

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नादेड़ साहिब गुरूद्वारे की स्थापना सन् 1708 में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा करवायी गयीं थी। यह स्थान श्री गुरू गोविंद सिंह जी महाराज के अद्वितीय जीवन की अंतिम सुनहरी यादों से जुडा है। यह स्थान सिक्खों के लिए उतना ही महत्व रखता है जितना कि हिन्दुओं के लिए काशी तथा कुरूक्षेत्र।

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नादेड़ साहिब गुरूद्वारे की स्थापना सन् 1708 में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा करवायी गयीं थी। यह स्थान श्री गुरू गोविंद सिंह जी महाराज के अद्वितीय जीवन की अंतिम सुनहरी यादों से जुडा है। यह स्थान सिक्खों के लिए उतना ही महत्व रखता है जितना कि हिन्दुओं के लिए काशी तथा कुरूक्षेत्र।

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नादेड़ साहिब गुरूद्वारे की स्थापना सन् 1708 में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा करवायी गयीं थी। यह स्थान श्री गुरू गोविंद सिंह जी महाराज के अद्वितीय जीवन की अंतिम सुनहरी यादों से जुडा है। यह स्थान सिक्खों के लिए उतना ही महत्व रखता है जितना कि हिन्दुओं के लिए काशी तथा कुरूक्षेत्र।

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