Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
E-रिक्शा और ऑटो चलाने वाले लोग दिन भर में सब खर्चे काटकर 200 से 250 रू बचा लेते है
मगर चौराहा पर सवारी भरते समय में ज्यादातर पुलिस वाले उनका 1000 से लेकर 1500 तक का चालान काट देते है जिससे उनकी सप्ताह भर की कमाई तो चालान भरने में ही चली जाती है और हाँ ज्यादातर इन लोगो का e-रिक्शा और ऑटो लोन पर लिया होता है अब बताओ ऐसे में वह गरीब मजदूर अपने परिवार को कैसे पाले,
हाँ अच्छा है ऐसा हमारे देश मे नही होता है ये तो मैं यूगांडा की बात कर रहा हूँ ! बाकी आप सब समझदार है 🙏
यहाँ सतत #संघर्ष विफलता,
कोलाहल का यहाँ राज है,
अन्धकार में दौड़ लग रही,
मतवाला यह सब समाज है.