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2 Jahre - übersetzen

पढ़ाई में मन कैसे लगाएं ?
लाइफ में अगर आपको एक महान यानि सफल इंसान बनना है । तो आपको मन लगा के पढना होगा उसके लिए आपको अपने तरफ से एक अच्छी पढाई पढनी होगी अब ऐसे में जब आपका पढ़ाई में मन ही नहीं लगता तो आप एक अच्छी पढाई कैसे कर सकते है तो मैं आपको इस पोस्ट में बताऊंगा की किस तरह आप अपनी पढाई में दिल लगा के पढ़ सकते है और इसको अपनी एक आदत बना सकते है।
आज कल स्कूल कोलेजो में पढाई में इतना कॉम्पीटीसन है की अगर आप 40% या 50% मार्क्स से पास होते हो तो आपको कोई नहीं पूछता कॉलेज में एडमिशन के लिए भी आपको हाई परसेंटेज(%) चाहिए वरना आपको कोई भी कॉलेज एडमिशन नहीं देता हा वो बात अलग है की आप डोनेशन देके कॉलेज में एडमिशन ले लो तो ऐसे में आप जब तक पढाई को मन लगाके नहीं पढोगे तो आपका पढना बेकार है तो चलिए में आपको अच्छी पढाई करने के फायदे और नुकसान के बारे में थोडा सा बता देता हु और कैसे आप पढाई में मन लगा सकते है।
➡️पढाई में मन लगाके पढने के फायदे:—
1.अगर आप किसी किताबो को अच्छे से और मन लगाके पढ़ते हो तो आपको वो किताब जो पढ़ रहे है उसे पढने में रूचि आने लगेगा और फिर आपको जल्दी समझ आने लगेगा .
2.अगर आप ध्यान लगाके पढ़ते हो तो आपको कोई भी टॉपिक जल्दी याद होगा I
3.आपको नींद नहीं लगेगी जब आप ध्यान से पढेंगे तो ।
पढाई में मन लगाके ना पढने के नुकसान:—
1.अगर आप पढ़ते वक्त ध्यान से नहीं पढोगे तो जो आपने याद किया वो आप अगले दिन भूल जाओगे ।
2.अगर आप पढ़ते वक्त इधर उधर देखोगे या ध्यान से नहीं पढोगे तो आपको पढाई बोअरिंग (Boring) लगने लगेगा
3.आप जो पढ़ रहे है उसे याद करने या समझने में टाइम लगेगा
4.अगर ध्यान लगाके नहीं पढोगे तो आपको नींद आना शुरू हो जायेगा
तो अब आप दोनों के बीच में अंतर देख सकते है तो अगर आप जब पढ़ रहे है अगर उस वक्त आपने पढाई में ध्यान नहीं लगाया तो आपको क्या क्या नुकशान हो सकते है तो नुशान सहने से अच्छा है की पढ़ते वक्त हम अपना ध्यान सिर्फ और सिर्फ पढाई में लगाये।
➡️पढाई में मन लगाने के तरीके
1.टाइम टेबल (Time Table) बनाये पढ़ने के लिए
टाइम टेबल बनाके पढ़ने के फायदे :-
•जब आप टाइम टेबल बनाके पढेंगे तो आपको पता होगा की कब क्या पढना है
•टाइम को मैनेज कर पाएंगे
➡️2.ग्रुप बनाके पढ़े (Group Study)
ग्रुप स्टडी करने के फायदे :—
•पढ़ते वक्त कभी बोर नहीं होगे
•जल्दी समझ में आएगा।
•प्रॉब्लम शेयर और डिसकस(discuss) कर सकते हो।
3.हमेसा नोट्स बनाके पढ़े
नोट्स पढने के फायदे:—
•रिवीजन के लिए बेस्ट होता है
•एग्जाम में मदद करता है
•टाइम बचाता है
4.पढाई के लिए एक जगह चुने
5.पढाई का सारा सामान पढ़ते वक्त अपने पास रखे ।
पढ़ाई में मन लगाने के लिए सबसे जरूरी चीज है कि अपने सब्जेक्ट में किसी भी तरह आप अपनी रुचि जागृत करें।
एक बार आपकी रुचि उस सब्जेक्ट में जागृत हो गई तो फिर बहुत सब्जेक्ट आपको कभी भी बोरिंग नहीं लगेगा।
हमेशा कोशिश करें कि आप सब्जेक्ट की प्रैक्टिकल एप्लीकेबिलिटी को जरूर जाने। चीजें कैसे होती हैं जानने से पहले वह क्यों होती है यह जानना जरूरी है।
कभी कभी जब हमें कोई फार्मूला समझ में नहीं आता तब हम उसे सीधा सीधा रट लेते हैं। यह बहुत ही गलत तरीका होता है।
जिस भी सब्जेक्ट को पढ़ें उसे पूरे तरीके से एक्सप्लोर करे और उससे जुड़े सारे रोचक तथ्य पढ़ें। छोटे-छोटे प्रयोग करें और कॉन्सेप्ट्स को पूरी तरीके से समझे। ऐसा करने से आपको सारे कॉन्सेप्ट्स सही तरीके से समझ आ जाएंगे और लंबे समय तक याद रहेंगे।
जब भी पढ़ाई करें ग्रुप में पढ़ाई करें और उसे ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ डिस्कस करें। ऐसा करने से आपको अपनी पढ़ाई बोरिंग नहीं लगेगी।
सोशल नेटवर्किंग के लिए समय निर्धारित करें। हर वक्त सोशल नेटवर्क इस्तेमाल करने से आपका ध्यान भंग होता है।
पढ़ाई के बीच अगर ब्रेक लेना हो तो उस समय थोड़ी एक्सरसाइज कर ले और बॉडी को हाइड्रेट करने की कोशिश करें।
पढ़ते वक्त हमेशा अपने मोबाइल को अपने पास से दूर किसी सेफ जगह पर रखें जहां पर आप बार-बार ना जाते हो। ऐसा करने से आपका ध्यान कम भंग होगा।
अगर आपको पीडीएफ पढ़ने हो या माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस पर काम करना हो तो सिर्फ लैपटॉप का प्रयोग करें मोबाइल प्रयोग करने की कोशिश ना करें। मोबाइल पर आपका मन ज्यादा भटकता है

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2 Jahre - übersetzen

एक युद्ध ऐसा है जो लगभग समान वीर, युद्धप्रवीण लोगों के बीच हो तो इसका अनुमान कोई नहीं लगा सकता कि यह युद्ध कितने समय तक चलेगा और कौन जीतेगा।
लेकिन एक घटना ऐसी घटे कि यह युद्ध एक दिन में खत्म हो सकता है।
जो करना है वह भी यह नहीं है कि दूसरे पक्ष को पराजित करना है। अपने पक्ष के एक योद्धा को बस एक दिन के लिये बचा लेना है।
यह है महाभारत का 14वां दिन।
यदि आज कौरव जयद्रथ को बचा ले तो उनकी विजय निश्चित है। अर्जुन आत्मदाह कर लेंगे उनके अतिरिक्त कोई सामना कर नहीं सकता।
यह जो ग्राफिक्स है....
वह द्रोण की व्यूहरचना है! इसमें दस लाख सैनिक और दस हजार योद्धा हैं। मेरे पुराने नोट्स से मिल गया।
चक्रश्टक — सबसे बाहरी सुरक्षा चक्र था। वह रथ के पहिया जैसा था जिसका व्यास 20 कोस था। रथी और सैनिकों का संयोजन ऐसे किया गया था।
उसके अंदर कमलचक्र था। जो कमल के पत्र जैसा घना था। यहाँ और भी बलशाली सैनिक और अर्धरथी थे। यह 12 कोस में था।
सबसे अंदर सुचिव्यूह था जो दो कोस में फैला था। जिसमें कौरव सेना के प्रमुख योद्धा थे। बीच में जयद्रथ था।
इतना भयानक, विनाशकारी युद्ध इस एक दिन में हुआ कि जो सभी दिनों पर भारी था।
इस दिन भीम की वीरता और बल का परिचय मिलता है। उन्होंने दुर्योधन के 24 भाइयों को मार दिया था।
लेकिन अर्जुन तो फिर अर्जुन ही हैं। वह इस व्युह को तोड़कर अंदर चले गये थे। जब भगवान की माया से जयद्रथ सुचिचक्र से बाहर आ गया, अर्जुन ने मार दिया।
उस काल में युद्धकला कितनी विकसित थी। द्रोणाचार्य किस स्तर के गुरु थे और अर्जुन कितना महान योद्धा है।
65 और 71 के युद्ध में कमलचक्र का प्रयोग हुआ था।
कभी कभी प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिये SPG भी इसका अनुसरण करती है।
मनुष्य के इतिहास में इसे सबसे सर्वोत्तम सुरक्षा चक्र कहा जाता है।।

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2 Jahre - übersetzen

बहादुरी और मूर्खता में
बहुत पतली रेखा है।
न्यूज़ चैनलों और बुध्दिजीवियों
को देखिये तो वह इस पतली रेखा
को मिटाकर मूर्खता को बहादुरी
बता रहे है।
भारतीय इतिहास में अपने
जनमानस के सामूहिक नरंसहार
को बचाने के लिये वीर योद्धाओं
ने समझौते किये,अपना जीवन
तक अर्पित कर दिया।
#वामी_इतिहासकार उसके
महत्व को समझ न पाये।
विश्व इतिहास में सबसे महानतम
योद्धाओं में एक नाम महाराणा
प्रताप का है।
वीरता और बुद्धिमत्ता
के साक्षात देव थे।
उनके सामने जो दुश्मन था वह
उस काल का सबसे शक्तिशाली
शासक था।
रूस,यूक्रेन में जितना अंतर है,
उससे अधिक अंतर था।
25 : 1 का अनुपात था अकबर
और राणा कि सेनाओं में।
अकबर की तोप खानों से सुसज्जित
एक लाख की सेना उनके सामने है।
उनके साथ 15-20 हजार सैनिक है।
उसमें से एक चौथाई कोल भील है।
इसके लिये उन्होंने रणनीति बनाई,
ऐसा स्थान चुना जँहा बहुत बड़ी
संख्या में सैनिक हमला न कर सकें।
उनको घेर कर मारा जा सके।
हल्दीघाटी !
यह वही सकरा स्थान जिसका नाम
भारत का हर व्यक्ति जानता है।
मुगलों के सभी दुर्दांत लड़ाके
हल्दीघाटी में मारे गये।
इस युद्ध में इतने मुगल सैनिक मारे
गये कि अकबर में राणा का भय घर
कर गया।
उसने कभी भी सामने आकर
युद्ध नहीं किया।
राणा प्रताप कभी पराजित नहीं हुये।
वह वीरता,रणनीति के प्रतीक है।
जिसे बहादुरी और मूर्खता में अंतर
समझ न आये उन्हें देवपुरुष राणा
प्रताप को अध्ययन करना चाहिये।

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