Découvrir des postesExplorez un contenu captivant et des perspectives diverses sur notre page Découvrir. Découvrez de nouvelles idées et engagez des conversations significatives
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग की कार्यकारी संस्था उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय है जो उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण औद्योगिक विकास के लिए सरकारी नीतियों का कार्यान्वयन करती है| उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय प्रदेश के औद्योगिक उत्पादन और निवेश के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करने की ...
यूक्रेन-रूस युद्ध: मंडी गोबिंदगढ़ के कारोबारी बोले-हालात न सुधरे तो 15 दिन में स्टील उद्योगों पर आएगा बड़ा संकट
ऑल इंडिया स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद वशिष्ट ने बताया कि यूक्रेन-रूस युद्ध से जहां स्टील के दाम बढ़ेंगे वहीं आयात और निर्यात पर गहरा असर होगा। वशिष्ट ने कहा कि स्टील से तैयार विभिन्न माल यूक्रेन रशिया में निर्यात होता है जो अब कम हो गया है। स्टील की मांग कब बढ़ेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। फिलहाल स्टील कारोबार को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर हालात ऐसे रहे तो लोहा कारोबार को इसका नुकसान हो सकता है। लड़ाई से जूझ रहे देशों से कब स्टील की मांग शुरू होगी इसका कोई अनुमान नहीं है, जिस कारण आने वाले दिनों में यह कारोबार प्रभावित हो सकता है।
लोहे के कारोबार पर होगा असर
मंडी गोबिंदगढ़ स्माल स्केल इंडस्ट्री के प्रवक्ता प्रदीप भल्ला ने कहा कि यूक्रेन में लोहे के कारोबार पर असर होगा। एक्सपोर्ट माल की दिक्कत होगी, मंडी गोबिंदगढ़ से तैयार आयरन फ्लैट और राउंड पहले लुधियाना जाता है जहां से साइकिल, मोटरसाइकिल, गरारी और अन्य तरह के पार्ट्स बनकर आयात होते हैं। यह सारा काम मंडी गोबिंदगढ़ की एमएसएमई से तैयार होकर जाता है। दोनों देशों की आपसी लड़ाई से जहां इंडस्ट्री प्रयोग के लिए कोयले व गैस के रेट बढ़ेंगे वहीं फ्लैट, रॉ मटीरियल के दाम बढ़ सकते हैं।
वहीं मंडी गोबिंदगढ़ की फर्नेस सेमी प्रोडक्ट बनाती है, जहां से तैयार आयरन फ्लैट से आगे विभिन्न तरह का सामान बनता है। बाहरी देशों में हमारे स्टील से सामान बनकर जा रहा है वह प्रभावित होगा, रॉ मटीरियल की कमी आएगी, फ्यूल की कमी आएगी और वह महंगा होगा। अगर चल रहे युद्ध का जल्दी समाधान न निकला तो 15 दिनों तक सभी कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
यूक्रेन-रूस युद्ध: मंडी गोबिंदगढ़ के कारोबारी बोले-हालात न सुधरे तो 15 दिन में स्टील उद्योगों पर आएगा बड़ा संकट
ऑल इंडिया स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद वशिष्ट ने बताया कि यूक्रेन-रूस युद्ध से जहां स्टील के दाम बढ़ेंगे वहीं आयात और निर्यात पर गहरा असर होगा। वशिष्ट ने कहा कि स्टील से तैयार विभिन्न माल यूक्रेन रशिया में निर्यात होता है जो अब कम हो गया है। स्टील की मांग कब बढ़ेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। फिलहाल स्टील कारोबार को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर हालात ऐसे रहे तो लोहा कारोबार को इसका नुकसान हो सकता है। लड़ाई से जूझ रहे देशों से कब स्टील की मांग शुरू होगी इसका कोई अनुमान नहीं है, जिस कारण आने वाले दिनों में यह कारोबार प्रभावित हो सकता है।
लोहे के कारोबार पर होगा असर
मंडी गोबिंदगढ़ स्माल स्केल इंडस्ट्री के प्रवक्ता प्रदीप भल्ला ने कहा कि यूक्रेन में लोहे के कारोबार पर असर होगा। एक्सपोर्ट माल की दिक्कत होगी, मंडी गोबिंदगढ़ से तैयार आयरन फ्लैट और राउंड पहले लुधियाना जाता है जहां से साइकिल, मोटरसाइकिल, गरारी और अन्य तरह के पार्ट्स बनकर आयात होते हैं। यह सारा काम मंडी गोबिंदगढ़ की एमएसएमई से तैयार होकर जाता है। दोनों देशों की आपसी लड़ाई से जहां इंडस्ट्री प्रयोग के लिए कोयले व गैस के रेट बढ़ेंगे वहीं फ्लैट, रॉ मटीरियल के दाम बढ़ सकते हैं।
वहीं मंडी गोबिंदगढ़ की फर्नेस सेमी प्रोडक्ट बनाती है, जहां से तैयार आयरन फ्लैट से आगे विभिन्न तरह का सामान बनता है। बाहरी देशों में हमारे स्टील से सामान बनकर जा रहा है वह प्रभावित होगा, रॉ मटीरियल की कमी आएगी, फ्यूल की कमी आएगी और वह महंगा होगा। अगर चल रहे युद्ध का जल्दी समाधान न निकला तो 15 दिनों तक सभी कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
यूक्रेन-रूस युद्ध: मंडी गोबिंदगढ़ के कारोबारी बोले-हालात न सुधरे तो 15 दिन में स्टील उद्योगों पर आएगा बड़ा संकट
ऑल इंडिया स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद वशिष्ट ने बताया कि यूक्रेन-रूस युद्ध से जहां स्टील के दाम बढ़ेंगे वहीं आयात और निर्यात पर गहरा असर होगा। वशिष्ट ने कहा कि स्टील से तैयार विभिन्न माल यूक्रेन रशिया में निर्यात होता है जो अब कम हो गया है। स्टील की मांग कब बढ़ेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। फिलहाल स्टील कारोबार को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर हालात ऐसे रहे तो लोहा कारोबार को इसका नुकसान हो सकता है। लड़ाई से जूझ रहे देशों से कब स्टील की मांग शुरू होगी इसका कोई अनुमान नहीं है, जिस कारण आने वाले दिनों में यह कारोबार प्रभावित हो सकता है।
लोहे के कारोबार पर होगा असर
मंडी गोबिंदगढ़ स्माल स्केल इंडस्ट्री के प्रवक्ता प्रदीप भल्ला ने कहा कि यूक्रेन में लोहे के कारोबार पर असर होगा। एक्सपोर्ट माल की दिक्कत होगी, मंडी गोबिंदगढ़ से तैयार आयरन फ्लैट और राउंड पहले लुधियाना जाता है जहां से साइकिल, मोटरसाइकिल, गरारी और अन्य तरह के पार्ट्स बनकर आयात होते हैं। यह सारा काम मंडी गोबिंदगढ़ की एमएसएमई से तैयार होकर जाता है। दोनों देशों की आपसी लड़ाई से जहां इंडस्ट्री प्रयोग के लिए कोयले व गैस के रेट बढ़ेंगे वहीं फ्लैट, रॉ मटीरियल के दाम बढ़ सकते हैं।
वहीं मंडी गोबिंदगढ़ की फर्नेस सेमी प्रोडक्ट बनाती है, जहां से तैयार आयरन फ्लैट से आगे विभिन्न तरह का सामान बनता है। बाहरी देशों में हमारे स्टील से सामान बनकर जा रहा है वह प्रभावित होगा, रॉ मटीरियल की कमी आएगी, फ्यूल की कमी आएगी और वह महंगा होगा। अगर चल रहे युद्ध का जल्दी समाधान न निकला तो 15 दिनों तक सभी कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
यूक्रेन-रूस युद्ध: मंडी गोबिंदगढ़ के कारोबारी बोले-हालात न सुधरे तो 15 दिन में स्टील उद्योगों पर आएगा बड़ा संकट
ऑल इंडिया स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद वशिष्ट ने बताया कि यूक्रेन-रूस युद्ध से जहां स्टील के दाम बढ़ेंगे वहीं आयात और निर्यात पर गहरा असर होगा। वशिष्ट ने कहा कि स्टील से तैयार विभिन्न माल यूक्रेन रशिया में निर्यात होता है जो अब कम हो गया है। स्टील की मांग कब बढ़ेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। फिलहाल स्टील कारोबार को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर हालात ऐसे रहे तो लोहा कारोबार को इसका नुकसान हो सकता है। लड़ाई से जूझ रहे देशों से कब स्टील की मांग शुरू होगी इसका कोई अनुमान नहीं है, जिस कारण आने वाले दिनों में यह कारोबार प्रभावित हो सकता है।
लोहे के कारोबार पर होगा असर
मंडी गोबिंदगढ़ स्माल स्केल इंडस्ट्री के प्रवक्ता प्रदीप भल्ला ने कहा कि यूक्रेन में लोहे के कारोबार पर असर होगा। एक्सपोर्ट माल की दिक्कत होगी, मंडी गोबिंदगढ़ से तैयार आयरन फ्लैट और राउंड पहले लुधियाना जाता है जहां से साइकिल, मोटरसाइकिल, गरारी और अन्य तरह के पार्ट्स बनकर आयात होते हैं। यह सारा काम मंडी गोबिंदगढ़ की एमएसएमई से तैयार होकर जाता है। दोनों देशों की आपसी लड़ाई से जहां इंडस्ट्री प्रयोग के लिए कोयले व गैस के रेट बढ़ेंगे वहीं फ्लैट, रॉ मटीरियल के दाम बढ़ सकते हैं।
वहीं मंडी गोबिंदगढ़ की फर्नेस सेमी प्रोडक्ट बनाती है, जहां से तैयार आयरन फ्लैट से आगे विभिन्न तरह का सामान बनता है। बाहरी देशों में हमारे स्टील से सामान बनकर जा रहा है वह प्रभावित होगा, रॉ मटीरियल की कमी आएगी, फ्यूल की कमी आएगी और वह महंगा होगा। अगर चल रहे युद्ध का जल्दी समाधान न निकला तो 15 दिनों तक सभी कार्य प्रभावित हो सकते हैं।