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जाने को तो एक दिन मैं इस दुनिया से चला ही जाऊँगा, लेकिन मेरे लहू से कुश्ती कभी नहीं जायेगी
-मास्टर चंदगीराम (गांव सिसाय,गोत्र कालीरामण)
(9 नवम्बर, 1937 – 29 जून, 201
एशियन चैम्पियन, महान भारत केसरी, हिंद केसरी, वरिष्ठ फ़िल्म अभिनेता, भारतीय शैली मिट्टी की कुश्ती के पुरोधा, देश को कुश्ती में अनेकों ओलम्पियन और अर्जुन अवार्डी पहलवान देने वाले विश्व विजयी पद्मश्री पहलवान मास्टर चंदगीराम जी की 15वीं पुण्यतिथि के अवसर पर चरणों में शत-शत नमन!!