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देश के लिए अपूर्ण क्षति समाजवाद के महान नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री #श्री_शरद_यादव_जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उनका निधन राजनीतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
नीदरलैंड के फ़ुटबॉल खिलाड़ी "डेवी वेन डर बर्ग" अभी तीन महीने पहले ही दीन-ए-इस्लाम में शामिल हुए हैं और अल्लाह के करम से उमरा की सआदत हासिल कर चुके हैं।
महज़ 22 साल की उम्र में मुसलमान हुए हैं वो भी उस देश नीदरलैंड में जहां से इस्लाम को मिटाने के लिए बाक़ायदा एक पॉलिटिकल पार्टी ने अभियान चलाया हुआ है।
अल्लाह उनके इस अमल को क़बूल फ़रमाए और दुनिया के हर इंसान को हिदायत दे।
~ सलाहुद्दीन परवेज़
आज ही के दिन 11 जनवरी 630 ईस्वी (20 रमज़ान 8 हिजरी) को पैग़म्बर-ए-इस्लाम मुहम्मद ﷺ की क़यादत में इस्लाम और मुसलमानों का सबसे मुक़द्दस शहर मक्का फ़तह हुआ था।
यह फ़तह बग़ैर किसी ख़ून ख़राबे और तशद्दूद के हासिल हुई थी। इस शहर मक्का के कुफ़्फ़ार ने पैग़म्बर-ए-इस्लाम, उनके असहाब और दीगर मुसलमानों पर बहुत ज़ुल्म किया था। ज़ुल्म ऐसी थी कि अल्लाह के रसूल ने मक्का से हिजरत कर मदीने की तरफ़ रुख़ किया था। अल्लाह के रसूल जब मक्का छोड़कर मदीना जाने लगे थे तब उन्होंने पलटकर मक्का की तरफ़ देखा और हाथ उठाकर कहा था- "ऐ मक्का तू मुझे बहुत अज़ीज़ है लेकिन तेरे फ़रज़ंद मुझे यहां रहने नहीं देते"
कुर्बान जाइए पैग़म्बर-ए-इस्लाम की नर्मदिली पर इतनी ज़ुल्म-ओ-ज़्यादती के बावजूद जब मक्का फ़तह हुई तब आम मआफ़ी का ऐलान कर दिया। हर दीन धर्म के मानने वालों के साथ साथ हमदर्दी और रहम दिली का इज़हार किया गया।