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जो कथित विद्वान होता है, वह तर्क वितर्क करता है। न्याय अन्याय, धर्म अधर्म में उलझता है।
उसका निर्णय तब आता है, जब उस निर्णय का महत्व ही नहीं रह जाता।
जो सरल है !
वह धर्म अधर्म, न्याय अन्याय ईश्वर पर छोड़कर तुरंत निर्णय लेता है।
हस्तिनापुर की सभा, वीरों से अधिक विद्वानों की सभा थी।
एक से बढ़कर एक विद्वान, आचार्य, गुरु, मंत्री सब थे।
यह जान रहे थे कि गलत हो रहा है, लेकिन निर्णय नहीं लिये।
उसमें से एक खड़ा हो जाता कि द्रोपदी के साथ दुर्व्यवहार न करो। दुर्योधन में इतनी क्षमता न थी कि कुछ करता।
जटायु जी, वृद्ध हो चले हैं।
वह जगतजननी की आर्द पुकार सुने, उठ खड़े हुये।
वह जान रहे थे कि रावण के पास इतनी शक्ति है कि मार देगा।
लेकिन उन्होंने रावण को ललकारा।
हे पुत्री, मैं आ रहा हूँ।
इस पापी को अभी यमलोक पहुँचाता हूँ।
घनघोर युद्ध किये।
युद्ध उनके पक्ष में भी था।
चंद्रहास से पंख कट गये।
राम राम कहते नीचे आ गिरे।
परिणति क्या हुई.........................? ?

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#ब्राह्मण तो देश छोड़कर जा ही रहे हैं।
मैं जाति कि बात नहीं कर रहा हूँ। उसमें अब कोई रस बचा नहीं है।
ब्राह्मण शब्द का जो अर्थ है।
विद्वता, ज्ञान, अध्ययन, शिक्षा।
इस समय भारत के जो प्रसिद्ध संस्थान हैं, उनमें विदेशी कम्पनियां टूट पड़ी हैं।
सभी योग्य शोध करने वाले छात्र, IIT के इंजीनियर, IIM से विदेश जा रहे हैं।
अच्छे बच्चों का तो दो तीन संस्थान में हो रहा है।
येल यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल सामाजिक विज्ञान के प्रोफ़ेसर डॉ सादिक खान ने अपने इंटरव्यू में कहा, अरब देशों की स्थिति तो यह हो गई है कि यदि भारतीय निकल जायें तो इनकी अर्थव्यवस्था कोलैप्स हो जाये।
वर्ल्डबैंक की रिपोर्ट दो दिन पहले आई है।
भारत का रेमिटेंस 100 अरब डॉलर हो गया है।
रेमिटेंस का अर्थ है, जो विदेश से भारतीय पैसा भेजते हैं।
इसमें महत्वपूर्ण यह है कि 23 अरब डॉलर अमेरिका से आये हैं। मजदूर नहीं, उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों ने भेजे हैं।
चीन 50 अरब डॉलर पर है।
भारत को अब शोध, खोज की आवश्यकता नहीं है। वह शेष दुनिया के लिये सप्लायर बन रहा है।
हमारे एक छोटे भ्राता जैसे मित्र हैं अवनीश सिंह , आज मिलने आये थे। IIT से PHD कर रहे थे।

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बाहर हवा थी।
धूप थी।
घास थी।
मैने कहा आज़ादी.......... फिर सब धूमिल।

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दल गुलामी छोड़िए अच्छे कानून की मांग करिए।
आज के अच्छे नेता 25 वर्ष बाद अलगाववाद कट्टरवाद जिहाद मजहबी उन्माद और धर्मांतरण की आग से आपके बच्चे को बचाने नही आयेंगे।
लेकिन आज का अच्छा कानून 25 वर्ष बाद अलगाववाद कट्टरवाद जिहाद मजहबी उन्माद और धर्मांतरण की आग से आपके बच्चो को बचाएगा।

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