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मास्को. यूक्रेन में चल रहे युद्ध में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अस्थायी युद्धविराम की घोषणा की है।

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Supreme Court ने 'Court of Kazi', 'Sharia Court' (शरिया कोर्ट) और 'Darul Kaja' जैसे संस्थानों को लेकर स्पष्ट किया कि इनके फैसलों की कोई कानूनी वैधता नहीं है। जानें पूरा मामला और सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय।

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मोदी सरकार का बड़ा फैसला — अब होगी जाति आधारित जनगणना, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी। कांग्रेस पर लगाया विरोध का आरोप।
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Discover the best indoor games for kids that are fun, educational, and perfect for rainy days or playtime at home. Boost creativity and learning with these engaging indoor activities!

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ये दोनों भैया लोग मेरे ही गांव के हैं,, और दोनों लोगों की उम्र लगभग 50 हैं,, और ये दोनों शायद मेरे गांव के आखिरी पीढ़ी हैं, जिन्हें सुंदर और आकृषित लाठी रखने का सौंख है,, ये हमें बता रहे थे, की गांव में लोग पहले कैसे रहते थे, न पहले बिजली रहती थी,, नहीं छत वाली मकान थी अधिक लोगों का घर फुस का हुआ करता था,, किसी किसी का ही घर खपड़ा का था,, जिसे साल दो साल पर टूटे हुए खपड़े को बदलना होता था,, लेकिन एक बात थी, उन घरों में एक खासियत थी गर्मी के दिनों में घर शीतल होता था, और ठंड के दिनों में गर्म होता था,,बस दिक्कत आती थी, तो बरसात में घर से पानी चुने लगता था,, और फिर किसी बर्तन में छानना होता था,,,शादी विवाह या किसी कराज़ प्रयोजन में रौशनी के लिए लालटेन और गैस का उपयोग किया जाता था,, किसी के घर अगर शादी विवाह या भोज होता था तो उसमें गांव के लोग खुद खाना बनाते थे और मुझे भी याद है,, बर्तन सामाजिक होता था, अगर किसी के यहां भोज होता था, तो वहीं बर्तन काम में लिया जाता था और फिर बर्तन को साफ कर रख दिया जाता था,, फिर अगला किसी के घर भोज होने पर वो बर्तन जाता था, कई तरह के चीजें गांव के लोग सामाजिक पैसों से खरीद कर रखते थे,, जिसमें बर्तन,दरी, गैस इत्यादि ऐसा नहीं था, कि पहले के लोग बहुत गरीब थे,, पहले के लोगों के पास इतना कुछ था, अगर शहर कई वर्षों तक बंद हो भी जाए तो गांव वाले को कुछ खाश फर्क पड़ने की बात नहीं थी, सभी जरूरत की चीजें लोग खुद उपजाते थे,, जिससे जीना आसान था,, आज अगर शहर बंद हो जाएं तो लोग भूखे मरने लगेंगे😊

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