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आज #makarsankranti है। राज्य के एक अंचल में #घुघुतिया त्योहार, पकवान के रूप में #घुघुते बनते हैं जो बहुत शुभ पकवान माने जाते हैं। इस दिन सरयू, गोमती के संगम पर बागेश्वर के बगड़ में कुली बेगार प्रथा रद्द करो के आवाह्न के साथ अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने श्री बद्री दत्त पांडे, श्री मोहन सिंह मेहता, चन्द्र सिंह शाही, श्यामलाल शाह, लक्ष्मण सिंह नेगी आदि लोगों ने और गढ़वाल में गढ़ केसरी अनुसूया प्रसाद जी ने कुली बेगार के रजिस्टरों को न केवल जलाया बल्कि उनको सरयू और अलकनंदा के जल में प्रवाहित कर दिया।
यहीं से स्वतंत्रता आंदोलन की ललक व धधक गांव-गांव में फैली गई तो आज का दिन प्रत्येक दृष्टिकोण से महान व पवित्र दिन है। मैं इस महान दिन के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए परिवारों को प्रणाम करता हूं और घुघुतिया त्योहार के मौके पर, मकर संक्रांति के पावन अवसर पर आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं और उन राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी बधाई देता हूं जो इस दिवस को मनाने के लिए बागेश्वर की बागड़ में आज भी जनसभाएं करते हैं, अपनी-अपनी पार्टी के झंडे के नीचे स्मरण करते हैं कुली बेगार आंदोलन को और उसमें बागेश्वर के एक योगदान को।
भगवान बागनाथ की जय हो
#uttarakhand
#happymakarsankranti2025
आज #makarsankranti है। राज्य के एक अंचल में #घुघुतिया त्योहार, पकवान के रूप में #घुघुते बनते हैं जो बहुत शुभ पकवान माने जाते हैं। इस दिन सरयू, गोमती के संगम पर बागेश्वर के बगड़ में कुली बेगार प्रथा रद्द करो के आवाह्न के साथ अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने श्री बद्री दत्त पांडे, श्री मोहन सिंह मेहता, चन्द्र सिंह शाही, श्यामलाल शाह, लक्ष्मण सिंह नेगी आदि लोगों ने और गढ़वाल में गढ़ केसरी अनुसूया प्रसाद जी ने कुली बेगार के रजिस्टरों को न केवल जलाया बल्कि उनको सरयू और अलकनंदा के जल में प्रवाहित कर दिया।
यहीं से स्वतंत्रता आंदोलन की ललक व धधक गांव-गांव में फैली गई तो आज का दिन प्रत्येक दृष्टिकोण से महान व पवित्र दिन है। मैं इस महान दिन के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए परिवारों को प्रणाम करता हूं और घुघुतिया त्योहार के मौके पर, मकर संक्रांति के पावन अवसर पर आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं और उन राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी बधाई देता हूं जो इस दिवस को मनाने के लिए बागेश्वर की बागड़ में आज भी जनसभाएं करते हैं, अपनी-अपनी पार्टी के झंडे के नीचे स्मरण करते हैं कुली बेगार आंदोलन को और उसमें बागेश्वर के एक योगदान को।
भगवान बागनाथ की जय हो
#uttarakhand
#happymakarsankranti2025
आज #makarsankranti है। राज्य के एक अंचल में #घुघुतिया त्योहार, पकवान के रूप में #घुघुते बनते हैं जो बहुत शुभ पकवान माने जाते हैं। इस दिन सरयू, गोमती के संगम पर बागेश्वर के बगड़ में कुली बेगार प्रथा रद्द करो के आवाह्न के साथ अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने श्री बद्री दत्त पांडे, श्री मोहन सिंह मेहता, चन्द्र सिंह शाही, श्यामलाल शाह, लक्ष्मण सिंह नेगी आदि लोगों ने और गढ़वाल में गढ़ केसरी अनुसूया प्रसाद जी ने कुली बेगार के रजिस्टरों को न केवल जलाया बल्कि उनको सरयू और अलकनंदा के जल में प्रवाहित कर दिया।
यहीं से स्वतंत्रता आंदोलन की ललक व धधक गांव-गांव में फैली गई तो आज का दिन प्रत्येक दृष्टिकोण से महान व पवित्र दिन है। मैं इस महान दिन के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए परिवारों को प्रणाम करता हूं और घुघुतिया त्योहार के मौके पर, मकर संक्रांति के पावन अवसर पर आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं और उन राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी बधाई देता हूं जो इस दिवस को मनाने के लिए बागेश्वर की बागड़ में आज भी जनसभाएं करते हैं, अपनी-अपनी पार्टी के झंडे के नीचे स्मरण करते हैं कुली बेगार आंदोलन को और उसमें बागेश्वर के एक योगदान को।
भगवान बागनाथ की जय हो
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