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ये पिछले साल 31 दिसंबर की तस्वीरें हैं। साल के आखिरी दिन अपने स्कूल के दिनों यानि कि साल 1980 के दशक को जीने का मौका मिला था। उस रोज़ मैंने साल का आखिरी दिन अपने स्कूल में बिताया था जहां से निकल कर आपके बीच पहुंचने तक का सफर तय किया। अपने जूनियर्स, सीनियर्स, अध्यापकों से लंबे समय के बाद मिला। अपने पुराने क्लास रूम में गया। सच कहूं तो मुझ जैसे एक बैक बेंचर को उसके पुराने दिन याद आ गए थे।
वो भी क्या दिन थे!!
वो दिन अब ऐसे ही महसूस होंगे, यादों में।
आप बड़े होने के बाद कभी अपने स्कूल लौटे हैं? कोई तस्वीर हो तो साझा करिए।
आइए, पुरानी यादों की शॉल ओढ़ाकर नए साल का स्वागत करते हैं।
ये पिछले साल 31 दिसंबर की तस्वीरें हैं। साल के आखिरी दिन अपने स्कूल के दिनों यानि कि साल 1980 के दशक को जीने का मौका मिला था। उस रोज़ मैंने साल का आखिरी दिन अपने स्कूल में बिताया था जहां से निकल कर आपके बीच पहुंचने तक का सफर तय किया। अपने जूनियर्स, सीनियर्स, अध्यापकों से लंबे समय के बाद मिला। अपने पुराने क्लास रूम में गया। सच कहूं तो मुझ जैसे एक बैक बेंचर को उसके पुराने दिन याद आ गए थे।
वो भी क्या दिन थे!!
वो दिन अब ऐसे ही महसूस होंगे, यादों में।
आप बड़े होने के बाद कभी अपने स्कूल लौटे हैं? कोई तस्वीर हो तो साझा करिए।
आइए, पुरानी यादों की शॉल ओढ़ाकर नए साल का स्वागत करते हैं।
ये पिछले साल 31 दिसंबर की तस्वीरें हैं। साल के आखिरी दिन अपने स्कूल के दिनों यानि कि साल 1980 के दशक को जीने का मौका मिला था। उस रोज़ मैंने साल का आखिरी दिन अपने स्कूल में बिताया था जहां से निकल कर आपके बीच पहुंचने तक का सफर तय किया। अपने जूनियर्स, सीनियर्स, अध्यापकों से लंबे समय के बाद मिला। अपने पुराने क्लास रूम में गया। सच कहूं तो मुझ जैसे एक बैक बेंचर को उसके पुराने दिन याद आ गए थे।
वो भी क्या दिन थे!!
वो दिन अब ऐसे ही महसूस होंगे, यादों में।
आप बड़े होने के बाद कभी अपने स्कूल लौटे हैं? कोई तस्वीर हो तो साझा करिए।
आइए, पुरानी यादों की शॉल ओढ़ाकर नए साल का स्वागत करते हैं।