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योगी जी कब्रिस्तानों से किराया वसूलना शुरू कीजिए... जिहादी रंगबाजी ख़त्म करने का यही तरीका है !
वक्फ संशोधन विधेयक पर बनी जेपीसी ने 21 जनवरी को लखनऊ में यूपी सरकार के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की । ये स्वाभाविक प्रक्रिया है जगदंबिका पाल के नेतृत्व में गठित जेपीसी हर राज्य में जाकर सरकारों से रिपोर्ट ले रही है कि वक्फ की कितनी जमीन वैध है कितनी अवैध है । इस कमेटी में ओवैसी भी शामिल हैं । लखनऊ की बैठक में इस कमेटी के सामने यूपी सरकार के प्रतिनिधियों ने जो तथ्य रखे हैं वो बहुत चौंकाने वाले हैं ।
बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जेपीसी को बताया कि यूपी के अंदर करीब 60 हजार कब्रिस्तान, दरगाह और मस्जिदें, सरकारी और ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से बनी हुई है । सिर्फ ये आकंड़ा जानकर चौंक गए तो ठहरिए, वक्फ की फर्जी संपत्तियों का आंकड़ा इससे भी कहीं बड़ा है । दरअसल यूपी के अंदर शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कुल 55,812 बीघा जमीन पर अपना दावा ठोंका है । लेकिन यूपी सरकार की पड़ताल से पता लगा है कि इसें से 43,852 बीघा जमीन के कागज ही नहीं हैं ये सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा है । वक्फ के पास सिर्फ 11,962 बीघा जमीन के ही कागज हैं । अगर हम इसे किलोमीटर में बदलें तो आंकड़े निम्नलिखित हैं...
शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड का यूपी में कुल दावा- 140 वर्ग किलोमीटर
सरकारी जमीन पर वक्फ का अवैध कब्जा - 117 वर्ग किलोमीटर
जिसके कागज वक्फ बोर्ड के पास हैं- सिर्फ 23 वर्ग किलोमीटर
(जेपीसी को दिए गए सरकारी आंकड़े)
- आंकड़ा चौंकाने वाला हैं सिर्फ यूपी के अंदर ही कितने बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है । जेपीसी के मेंबर इमरान मसूद ने योगी सरकार पर खीझ निकालते हुए कहा है कि ये बड़ी ज्यादती है कि यूपी सरकार कब्रिस्तान की जमीन को भी वक्फ की जमीन नहीं मान रही है ।
- अब ज़रा दोबारा राजस्व विभाग के अधिकारियों के बयानों पर गौर कीजिए दरअसल कब्रिस्तान, दरगाह और मस्जिद के नाम पर मुसलमानों ने यूपी की बेहिसाब सरकारी जमीन कब्जा कर ली है और बहुत ही चालाकी से इन्हें सेकुलर पार्टियों के राज में वक्फ संपत्ति रजिस्टर करवा लिया गया है ।
- एक एक मुसलमान 10-10 बच्चे पैदा करता है और कब्र को लेकर इस्लाम की मान्यता ये है कि कयामत के रोज मुर्दा कब्र से उठेगा फिर हिसाब किताब होगा यानी हर मुसलमान को अलग कब्र चाहिए और जमीन का एक टुकड़ा भी चाहिए । अब ऐसे में अरबों मुर्दे धीरे धीरे हिंदुस्तान की ही जमीन निगलते चले जाएंगे । ऐसे में योगी आदित्यनाथ सरकार और देश की समस्त सरकारों को उन सभी कब्रिस्तानों का किराया वसूलना चाहिए जो सरकारी जमीनों पर बन गए हैं । जिन परिवारों के मुर्दे दफन हैं वो किराया सरकार को दें ।
- योगी जी भी वक्फ पर संधोधन लेकर आए हैं और इसमें ये प्रावधान है कि अगर अवैध तरीके से वक्फ के नाम पर सरकारी संपत्ति पर कब्जा है तो कब्जे की तारीख से पूरा हर्जाना वसूला जाएगा । जितनी भी कमाई हुई है वो सब सरकार के खाते में जमा होनी चाहिए ।
65 करोड़ टूरिस्ट घूमने पहुंचे!
राम मंदिर की वजह से UP में पर्यटकों का टूटा रिकॉर्ड!
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2024 में कुल 64.90 करोड़ पर्यटक आए।
जबकि 2023 में कुल 48 करोड़ पर्यटकों का आना हुआ था।
उत्तर प्रदेश की लोकप्रियता पर्यटकों के बीच निरंतर बढ़ रही है।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग आंकड़ों ने इस बात का प्रमाण दिया है।
राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में साल 2023 की तुलना में साल 2024 में लगभग 17 करोड़ की बढ़त दर्ज की गई है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि में श्री रामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में तेज गति से वृद्धि दर्ज की गई है।
खास बात यह है कि देश के साथ-साथ विदेशों में भी यूपी का आकर्षण बढ़ा है।
एक साल में विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगभग 7 लाख की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
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ISIS मॉड्यूल पर तगड़ा प्रहार!
केरल-तमिलनाडु में 16 ठिकानों पर NIA की छापेमारी, चौंकाने वाला खुलासा!
ISIS के खिलाफ छापेमारी में NIA को PFI और इस्लामिक स्टेट के बीच लिंक का भी पता चला है।
ये छापेमारी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और विदेश आतंकी संगठनों से लिंक की छानबीन के लिए की जा रही है।
‘बौद्ध बहुल अरुणाचल आज ईसाई बहुल।
ये प्रजनन दर से संभव नहीं’
2001 तक बुद्धिस्ट बहुल राज्य रहा अरुणाचल प्रदेश 2011 में ईसाई बहुल हो गया।
प्रजनन क्षमता से आगे कन्वर्जन की समस्या है।
: कन्वर्जन पर PM की सलाहकार का बयान
देश में डेमोग्राफी चेंज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ शमिका रवि ने कहा कि डेमोग्राफी बदलने के पीछे प्रजनन दर नहीं, बल्कि कन्वर्ज बड़ा कारण है।