Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
♥️🥀🌺🔥🥰💯❣️
पहचानिए इस हस्ती को!❤️💪🙏
वृंदावन में करीब 54 एकड़ परिसर में माँ साध्वी ऋतंभरा जी का 'वात्सल्य ग्राम' आश्रम है!
आश्रम के विशाल दरवाजे के बाईं ओर एक पालना है!
जहां कोई भी व्यक्ति, किसी भी समय अनचाहा या अनाथ शिशु को रखकर जा सकता है!🙏
पालने में बच्चा छोड़कर जाने वाले व्यक्ति को आश्रम से संबंधित सदस्य किसी भी प्रकार का प्रश्न नहीं पूछता!
पालने में कोई बच्चा रखते ही पालने पर लगा सेंसर आश्रम के व्यवस्थापन को इसकी सूचना देता है और आश्रम का कोई अधिकारी आकर उस बच्चे को आश्रम ले आता है!
आश्रम में प्रवेश होते ही वह बच्चा वात्सल्य ग्राम परिवार का सदस्य हो जाता है!
अब वह अनाथ नहीं कहलाता!
उसे आश्रम में ही माँ, मौसी, दादा-दादी; सब रिश्तेदार मिल जाते हैं!
इसके बाद सीबीएसई की पढ़ाई .... प्राकृतिक चिकत्सा, योग, मिलिट्री ट्रेनिंग सब देते हुए उसकी शादी तक करवाई जाती है!
ये है हिंदुत्व का एक दर्शन ..🚩🙏
मैं इन को शत् शत् नमन, प्रणाम करता हुँ!!❤️🙏
सैल्यूट 🔥 ❤️
जय हिंद जय भारत
साभार सोशल मीडिया 👏
एक अमीर आदमी अपनी गाड़ी में कहीं जा रहा था कि अचानक उसकी कार खराब हो गई। उसे बेहद जरूरी काम पर पहुंचना था। आसपास देखने पर उसने एक पेड़ के नीचे एक रिक्शा खड़ा देखा। वहां जाकर उसने देखा कि रिक्शा वाला बड़े आराम से अपनी सीट पर लेटा गाना गुनगुना रहा था।
उसकी सहजता देखकर अमीर आदमी चकित रह गया। उसने रिक्शा वाले से पूछा, "भाई, मुझे जल्दी जाना है। क्या चलोगे?" रिक्शा वाला तुरंत उठ खड़ा हुआ और कहा, "बिलकुल साहब, बीस रुपए देंगे तो चलूंगा।"
रास्ते में वह रिक्शा वाला गुनगुनाता रहा, जैसे उसे किसी बात की चिंता ही न हो। अमीर आदमी सोचने लगा कि यह व्यक्ति इतने कम पैसे में इतना खुश कैसे है। उत्सुकता में उसने रिक्शा वाले को अपने घर रात के खाने पर बुला लिया।
अमीर आदमी ने उसे शानदार दावत दी। सूप, आइसक्रीम, मिठाई, और तमाम पकवानों की भरमार थी। लेकिन रिक्शा वाला बड़े सादगी से गुनगुनाते हुए खाना खाता रहा। कोई घबराहट नहीं, कोई चकित होने की प्रतिक्रिया नहीं। अमीर आदमी की हैरानी और बढ़ गई।
फिर उसने उसे कुछ दिन अपने बंगले पर रुकने का प्रस्ताव दिया। वहां उसने रिक्शा वाले को हर तरह की सुविधा दी – नौकरों की सेवा, बड़ा टीवी, आरामदायक बिस्तर। लेकिन रिक्शा वाला तब भी वैसा ही था। वही मुस्कान, वही गुनगुनाना।
अमीर आदमी अब और चकित था। उसने उससे पूछा, "क्या तुम खुश हो?"
रिक्शा वाला बोला, "जी साहब, बहुत खुश हूं।"
अमीर आदमी ने उसे वापस उसके रिक्शे पर छोड़ने का फैसला किया। उसे लगा कि जब यह व्यक्ति वापस अपनी कठिन जिंदगी में जाएगा, तो उसे इन सुख-सुविधाओं की कमी महसूस होगी।
वापस जाकर रिक्शा वाले ने अपने रिक्शे को साफ किया, आराम से अपनी सीट पर बैठा और फिर वही गाना गुनगुनाने लगा।
अमीर आदमी ने अपने सेक्रेटरी से कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा, इसे किसी बात का फर्क क्यों नहीं पड़ रहा।"
सेक्रेटरी मुस्कुराया और बोला, "सर, यह एक कामयाब इंसान की पहचान है। वह अपने वर्तमान को पूरी तरह जीता है। अच्छे दिनों में भी वह खुश रहता है और कठिन दिनों में भी। उसे अपनी परिस्थितियों से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह हर हाल में खुशी ढूंढ लेता है।"
**जीवन का पाठ*
जो हमारे पास है, वही हमारे लिए पर्याप्त है। बेहतर दिनों की आस में अपने वर्तमान को व्यर्थ न करें। और कठिन दिनों में अच्छे दिनों को याद करके दुखी न हों। हमेशा प्रसन्न रहें और हर स्थिति में जीवन का आनंद लें।
**सदैव प्रसन्न रहिए। जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है।**
जय हिंद जय भारत 🇮🇳
हिरण 🦌को अकेला पाकर 🐩भेड़ियों ने पूरा नोच डाला😳
यह हमें सिखाता है कि अकेलेपन में अपनी सुरक्षा को समझो, और साथियों की ताकत का महत्व जानो।
जीवन में जब हम अकेले होते हैं, तब मुश्किलें बड़ी लगती हैं, लेकिन सच्चे साथियों और समर्थन से हम हर चुनौती का सामना कर सकते हैं
हमेशा अपने सहयोगियों और मित्रों के साथ रहें, क्योंकि अकेले का रास्ता अक्सर खतरनाक होता है