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चचा जी बहुत ही रोमांटिक और खुश मिजाज थे🤩
चच्चा साहब की एक रंगारंग कहानी तो पढ़िये इतिहास के गलियारों से एक रंगारंग प्रोग्राम………!!
वर्ष था १९६२ जब मार्च के महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति केनेडी की बेगम फर्स्ट लेडी जैकी केनेडी अपनी बहन और एक नौकरानी से साथ भारत यात्रा पर आई - साथ में पाँच सौ अमेरिकी पत्रकार भी लाई रही। भारत चीन युद्ध होने में अभी कुछ महीने शेष थे। इस यात्रा से पहले चच्चा साहब अमेरिका होके आए थे जहाँ उन्होंने केनेडी दंपति का आतिथ्य स्वीकारा था - आनंद उठाया था। इस अमेरिकी दौरे पे अनेक अमेरिकी पत्रकार ने चटखारे लेके लिखा था कि भारतीय प्राइम मिनिस्टर की क्रश थी जैकी केनेडी।
जैकी मात्र ३२ साल की थी जब वो भारत आई थी- बहुत सुंदर थी- किसी भी पुरुष का ईमान डगमगा जायें ऐसी सुंदरता थी। जैकी को लाने चच्चा साहब ने एक ख़ास मॉडिफाइड भारतीय विमान भेजा था जिसका आगे का हिस्सा जैकी और उनकी बहन हेतु था और पिछला हिस्सा इकॉनमी क्लास का - पत्रकार आदि के लिए। ये दौरा नौ दिन भारत में और चार दिन पाकिस्तान का था।
जैकी को लिए जब विमान दिल्ली के एयरस्पेस में घुसा तो जैकी उतरने के लिए तैयार ना थी- चुनांचे विमान हवा में घूमता रहा। जब जैकी तैयार हुई तो पालम अड्डे पे विमान उतरा जहाँ लाल कारपेट और अपना दिल बिछाये चच्चा साहब ब्रज नेहरू के साथ बेसब्री से इन्तेजार कर रहे थे। सौन्दर्य के इस पैमाने को अद्भुत कपड़ो में देख चच्चा साहब के दिल के गिटार के तार बज उठे। सीधे जैकी को लेके चच्चा साहब तीन मूर्ति भवन लेके गए जहाँ उनके स्वागत में भव्य भोज दिया गया। भोज के दौरान चच्चा साहब ने इनश्योर किया कि जैकी उनके दाहिनी तरफ़ बैठे और बीच में कोई ना हो।
अगले दिन जैकी का दल शेष भारत पर्यटन पे निकला- स्टेट वीआईपी गेस्ट प्रोटोकॉल समेत। जयपुर आगरा आदि घूमे गए- जयपुर में जैकी की मुलाकात चच्चा साहब की मानस पुत्री पामेला माउंटबेटन से हुई- खूब मिलेगा रंग जब बैठेंगे दो यारा । दौरे के अंतिम दिन जैकी फिर देहली आई जहाँ चच्चा साहब ने उन्हें ख़ुद शॉपिंग आदि करवाई- और अगले दिन अपने निवास में चच्चा साहब ने जैकी के साथ होली खेली।
जैकी ने इस दौरे पे २२ नए ड्रेस धारण किए जिन्हें बड़े बड़े डिज़ाइनर ने बनाया था- साड़ी नुमा ड्रेस भी थी। आगरे में ताज के समक्ष जैकी ने एक फ़ोटो खिंचवाई थी जो बड़ी अद्भुत थी। चच्चा साहब ने इस तस्वीर को अपने मरते दम तक अपनी प्राइवेट स्टडी में रखा। फ़ोटू में वो छवि आप भी देखें- आप भी चच्चा होने का ये आंशिक लुत्फ लें।
इस दौरे के बाद जैकी को पाकिस्तान जाने हेतु चच्चा ने भाव भीनी विदाई दी। शेर पढ़ा-
ठंडी ठंडी हवा चमन में ,डाल रही है जान सी तन में
डाली डाली हरी भरी है ,बूटा है या सब्ज़ परी है!
चच्चा का इक़बाल बुलंद रहें।
जब तक सूरज चाँद रहेगा - चच्चा आपका नाम रहेगा!
साभार 👏 सोशल मीडिया 👏 कॉपी
जय हिंद जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
चचा जी बहुत ही रोमांटिक और खुश मिजाज थे🤩
चच्चा साहब की एक रंगारंग कहानी तो पढ़िये इतिहास के गलियारों से एक रंगारंग प्रोग्राम………!!
वर्ष था १९६२ जब मार्च के महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति केनेडी की बेगम फर्स्ट लेडी जैकी केनेडी अपनी बहन और एक नौकरानी से साथ भारत यात्रा पर आई - साथ में पाँच सौ अमेरिकी पत्रकार भी लाई रही। भारत चीन युद्ध होने में अभी कुछ महीने शेष थे। इस यात्रा से पहले चच्चा साहब अमेरिका होके आए थे जहाँ उन्होंने केनेडी दंपति का आतिथ्य स्वीकारा था - आनंद उठाया था। इस अमेरिकी दौरे पे अनेक अमेरिकी पत्रकार ने चटखारे लेके लिखा था कि भारतीय प्राइम मिनिस्टर की क्रश थी जैकी केनेडी।
जैकी मात्र ३२ साल की थी जब वो भारत आई थी- बहुत सुंदर थी- किसी भी पुरुष का ईमान डगमगा जायें ऐसी सुंदरता थी। जैकी को लाने चच्चा साहब ने एक ख़ास मॉडिफाइड भारतीय विमान भेजा था जिसका आगे का हिस्सा जैकी और उनकी बहन हेतु था और पिछला हिस्सा इकॉनमी क्लास का - पत्रकार आदि के लिए। ये दौरा नौ दिन भारत में और चार दिन पाकिस्तान का था।
जैकी को लिए जब विमान दिल्ली के एयरस्पेस में घुसा तो जैकी उतरने के लिए तैयार ना थी- चुनांचे विमान हवा में घूमता रहा। जब जैकी तैयार हुई तो पालम अड्डे पे विमान उतरा जहाँ लाल कारपेट और अपना दिल बिछाये चच्चा साहब ब्रज नेहरू के साथ बेसब्री से इन्तेजार कर रहे थे। सौन्दर्य के इस पैमाने को अद्भुत कपड़ो में देख चच्चा साहब के दिल के गिटार के तार बज उठे। सीधे जैकी को लेके चच्चा साहब तीन मूर्ति भवन लेके गए जहाँ उनके स्वागत में भव्य भोज दिया गया। भोज के दौरान चच्चा साहब ने इनश्योर किया कि जैकी उनके दाहिनी तरफ़ बैठे और बीच में कोई ना हो।
अगले दिन जैकी का दल शेष भारत पर्यटन पे निकला- स्टेट वीआईपी गेस्ट प्रोटोकॉल समेत। जयपुर आगरा आदि घूमे गए- जयपुर में जैकी की मुलाकात चच्चा साहब की मानस पुत्री पामेला माउंटबेटन से हुई- खूब मिलेगा रंग जब बैठेंगे दो यारा । दौरे के अंतिम दिन जैकी फिर देहली आई जहाँ चच्चा साहब ने उन्हें ख़ुद शॉपिंग आदि करवाई- और अगले दिन अपने निवास में चच्चा साहब ने जैकी के साथ होली खेली।
जैकी ने इस दौरे पे २२ नए ड्रेस धारण किए जिन्हें बड़े बड़े डिज़ाइनर ने बनाया था- साड़ी नुमा ड्रेस भी थी। आगरे में ताज के समक्ष जैकी ने एक फ़ोटो खिंचवाई थी जो बड़ी अद्भुत थी। चच्चा साहब ने इस तस्वीर को अपने मरते दम तक अपनी प्राइवेट स्टडी में रखा। फ़ोटू में वो छवि आप भी देखें- आप भी चच्चा होने का ये आंशिक लुत्फ लें।
इस दौरे के बाद जैकी को पाकिस्तान जाने हेतु चच्चा ने भाव भीनी विदाई दी। शेर पढ़ा-
ठंडी ठंडी हवा चमन में ,डाल रही है जान सी तन में
डाली डाली हरी भरी है ,बूटा है या सब्ज़ परी है!
चच्चा का इक़बाल बुलंद रहें।
जब तक सूरज चाँद रहेगा - चच्चा आपका नाम रहेगा!
साभार 👏 सोशल मीडिया 👏 कॉपी
जय हिंद जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
चचा जी बहुत ही रोमांटिक और खुश मिजाज थे🤩
चच्चा साहब की एक रंगारंग कहानी तो पढ़िये इतिहास के गलियारों से एक रंगारंग प्रोग्राम………!!
वर्ष था १९६२ जब मार्च के महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति केनेडी की बेगम फर्स्ट लेडी जैकी केनेडी अपनी बहन और एक नौकरानी से साथ भारत यात्रा पर आई - साथ में पाँच सौ अमेरिकी पत्रकार भी लाई रही। भारत चीन युद्ध होने में अभी कुछ महीने शेष थे। इस यात्रा से पहले चच्चा साहब अमेरिका होके आए थे जहाँ उन्होंने केनेडी दंपति का आतिथ्य स्वीकारा था - आनंद उठाया था। इस अमेरिकी दौरे पे अनेक अमेरिकी पत्रकार ने चटखारे लेके लिखा था कि भारतीय प्राइम मिनिस्टर की क्रश थी जैकी केनेडी।
जैकी मात्र ३२ साल की थी जब वो भारत आई थी- बहुत सुंदर थी- किसी भी पुरुष का ईमान डगमगा जायें ऐसी सुंदरता थी। जैकी को लाने चच्चा साहब ने एक ख़ास मॉडिफाइड भारतीय विमान भेजा था जिसका आगे का हिस्सा जैकी और उनकी बहन हेतु था और पिछला हिस्सा इकॉनमी क्लास का - पत्रकार आदि के लिए। ये दौरा नौ दिन भारत में और चार दिन पाकिस्तान का था।
जैकी को लिए जब विमान दिल्ली के एयरस्पेस में घुसा तो जैकी उतरने के लिए तैयार ना थी- चुनांचे विमान हवा में घूमता रहा। जब जैकी तैयार हुई तो पालम अड्डे पे विमान उतरा जहाँ लाल कारपेट और अपना दिल बिछाये चच्चा साहब ब्रज नेहरू के साथ बेसब्री से इन्तेजार कर रहे थे। सौन्दर्य के इस पैमाने को अद्भुत कपड़ो में देख चच्चा साहब के दिल के गिटार के तार बज उठे। सीधे जैकी को लेके चच्चा साहब तीन मूर्ति भवन लेके गए जहाँ उनके स्वागत में भव्य भोज दिया गया। भोज के दौरान चच्चा साहब ने इनश्योर किया कि जैकी उनके दाहिनी तरफ़ बैठे और बीच में कोई ना हो।
अगले दिन जैकी का दल शेष भारत पर्यटन पे निकला- स्टेट वीआईपी गेस्ट प्रोटोकॉल समेत। जयपुर आगरा आदि घूमे गए- जयपुर में जैकी की मुलाकात चच्चा साहब की मानस पुत्री पामेला माउंटबेटन से हुई- खूब मिलेगा रंग जब बैठेंगे दो यारा । दौरे के अंतिम दिन जैकी फिर देहली आई जहाँ चच्चा साहब ने उन्हें ख़ुद शॉपिंग आदि करवाई- और अगले दिन अपने निवास में चच्चा साहब ने जैकी के साथ होली खेली।
जैकी ने इस दौरे पे २२ नए ड्रेस धारण किए जिन्हें बड़े बड़े डिज़ाइनर ने बनाया था- साड़ी नुमा ड्रेस भी थी। आगरे में ताज के समक्ष जैकी ने एक फ़ोटो खिंचवाई थी जो बड़ी अद्भुत थी। चच्चा साहब ने इस तस्वीर को अपने मरते दम तक अपनी प्राइवेट स्टडी में रखा। फ़ोटू में वो छवि आप भी देखें- आप भी चच्चा होने का ये आंशिक लुत्फ लें।
इस दौरे के बाद जैकी को पाकिस्तान जाने हेतु चच्चा ने भाव भीनी विदाई दी। शेर पढ़ा-
ठंडी ठंडी हवा चमन में ,डाल रही है जान सी तन में
डाली डाली हरी भरी है ,बूटा है या सब्ज़ परी है!
चच्चा का इक़बाल बुलंद रहें।
जब तक सूरज चाँद रहेगा - चच्चा आपका नाम रहेगा!
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जय हिंद जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
बॉलीवुड अभिनेता आदित्य पंचोली एक बार फिर सुर्खियों में हैं और इस बार उनकी चर्चा उनकी अपकमिंग फिल्मों या प्रोजेक्ट्स की वजह से नहीं, बल्कि उनके असल जिंदगी के हीरो होने के कारण हो रही है। आदित्य पंचोली ने हाल ही में घोषणा की कि वे मरने के बाद अपना शरीर मेडिकल साइंस और रिसर्च के लिए दान करेंगे। आदित्य ने यह फैसला समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी और मानवता के लिए लिया है। उनका कहना है कि फिल्मी पर्दे पर हर कोई हीरो नजर आता है, लेकिन असल जिंदगी में हीरो वही बनता है जो समाज के लिए कुछ योगदान देता है। अपने शरीर को दान करके वह दूसरों को प्रेरित करना चाहते हैं, ताकि लोग भी इस नेक काम के बारे में सोचें और एकता के साथ समाज की भलाई में योगदान दें। आदित्य पंचोली इस फैसले की घोषणा 13 दिसंबर को होने वाले लॉयन गोल्ड अवार्ड्स में करेंगे।