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एक किसान ने कनाडा में ताजा दूध किसी को बेच दिया तो उसको 6 वर्ष की कैद हो गई । जो लोग कहते हैं कि सरकार उनका ध्यान नहीं रखती यह उनके मुंह पर तमाचा है । पछमी देशों की सरकारों के इन्हीं प्रयासों के चलते अमेरिका कनाडा ऑस्ट्रेलिया , यूके आदि देश कैंसर ,मुधमेह रोगों में भारत से बहुत आगे निकल गए हैं । पता नही भारत कब इतना develop होगा ।
देहरादून की 47 वर्षीय अनीशा मदान ने पिछले 12-13 सालों में अपनी जीवनशैली को पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल बना लिया है। ग्राफिक डिज़ाइनर अनीशा अपने घर में प्लास्टिक और केमिकल का इस्तेमाल न के बराबर करती हैं। कचरे को अलग करना, गीले कचरे से खाद बनाना, बांस के टूथब्रश और मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग करना, और सौर ऊर्जा अपनाना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
अनीशा ने अपने घर में उगाए गए जैविक साग-सब्जियों से परिवार का खान-पान भी बदल दिया है। उनके घर का बिजली बिल अब महज़ 400-700 रुपए आता है। वह लोगों को सस्टेनेबल जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं।
साभार
"विश्व दिव्यांग दिवस" के अवसर पर राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण एवं मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान हेतु लोक भवन, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित रहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री श्री MYogiAdityanath जी ने इस अवसर पर घाटमपुर, कानपुर देहात के मनीषी जन्मान्ध डॉ रामकिशुन गुप्ता जी को सम्मानित किया।
अंधे होने के बावजूद, डबल MA, PHD श्री रामकिशुन जी से पूज्य पिताजी की भेंट ट्रेन में हुई थी, जब वह मूंगफली बेच रहे थे। पिताजी ने उन्हें प्रेरित किया, सहयोग किया। और भी लोग आगे आए और देखते देखते उन्होंने दिव्यांगों के लिए एक संस्थान ही खड़ा कर दिया।
गुप्ता जी के पास दृष्टि नही थी, पर उन्होंने कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया। मूंगफली बेची, मंजन बेचा, मिट्टी के बर्तन बेचे, कोयला ढोया। उनका जीवन हम सभी के लिए अत्यन्त प्रेरणादायक है।
कार्यक्रम में मंत्रीद्वय श्री नरेन्द्र कश्यप जी व श्री संजीव गौड़ जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
"विश्व दिव्यांग दिवस" के अवसर पर राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण एवं मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान हेतु लोक भवन, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित रहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री श्री MYogiAdityanath जी ने इस अवसर पर घाटमपुर, कानपुर देहात के मनीषी जन्मान्ध डॉ रामकिशुन गुप्ता जी को सम्मानित किया।
अंधे होने के बावजूद, डबल MA, PHD श्री रामकिशुन जी से पूज्य पिताजी की भेंट ट्रेन में हुई थी, जब वह मूंगफली बेच रहे थे। पिताजी ने उन्हें प्रेरित किया, सहयोग किया। और भी लोग आगे आए और देखते देखते उन्होंने दिव्यांगों के लिए एक संस्थान ही खड़ा कर दिया।
गुप्ता जी के पास दृष्टि नही थी, पर उन्होंने कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया। मूंगफली बेची, मंजन बेचा, मिट्टी के बर्तन बेचे, कोयला ढोया। उनका जीवन हम सभी के लिए अत्यन्त प्रेरणादायक है।
कार्यक्रम में मंत्रीद्वय श्री नरेन्द्र कश्यप जी व श्री संजीव गौड़ जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।