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9 महीने 9 दिन गर्भ में बच्चा क्यों रहता है?
गर्भ में बच्चे का 9 महीने और 9 दिन तक रहना एक अद्भुत प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसका वैज्ञानिक और ज्योतिषीय आधार है।
#लेखांक अंत तक अवश्य पढ़े
हमारे ब्रह्मांड के नौ ग्रह अपनी किरणों से गर्भ में पल रहे बच्चे को विकसित करते हैं। हर ग्रह अपने स्वभाव के अनुसार बच्चे के शरीर के विभिन्न अंगों और गुणों को आकार देता है। यदि गर्भावस्था के दौरान कोई ग्रह कमजोर हो, तो उसे उपायों से संतुलित किया जा सकता है।
ग्रहों का प्रभाव और गर्भावस्था के चरण
1. पहला महीना – शुक्र का प्रभाव
पहले महीने में शुक्र ग्रह का प्रभाव रहता है। यदि शुक्र मजबूत हो, तो बच्चा सुंदर और आकर्षक होगा।
क्या करें: स्त्री को चटपटी चीजें खानी चाहिए। शुक्र का दान न करें, क्योंकि इससे शुक्र कमजोर हो सकता है।
सावधानी: अधूरे ज्ञान वाले ज्योतिषियों के कहने पर शुक्र का दान न करें। केवल पापी और क्रूर ग्रह का ही दान किया जाना चाहिए।
2. दूसरा महीना – मंगल का प्रभाव
दूसरे महीने में मंगल का प्रभाव होता है।
क्या करें: मीठा खाएं और लाल वस्त्र अधिक धारण करें।
3. तीसरा महीना – गुरु का प्रभाव
तीसरे महीने में गुरु ग्रह का प्रभाव रहता है।
क्या करें: दूध और मीठे से बने पकवान खाएं, और पीले वस्त्र अधिक पहनें।
4. चौथा महीना – सूर्य का प्रभाव
चौथे महीने में सूर्य का प्रभाव होता है।
क्या करें: रसों का सेवन करें और महरून रंग के वस्त्र पहनें।
5. पांचवां महीना – चंद्रमा का प्रभाव
पांचवे महीने में चंद्रमा का प्रभाव रहता है।
क्या करें: दूध, दही, चावल और सफेद चीजों का सेवन करें। सफेद वस्त्र धारण करें।
6. छठा महीना – शनि का प्रभाव
छठे महीने में शनि ग्रह का प्रभाव होता है।
क्या करें: कसैली चीजों, कैल्शियम और रसों का सेवन करें। आसमानी रंग के वस्त्र पहनें।
7. सातवां महीना – बुध का प्रभाव
सातवें महीने में बुध का प्रभाव रहता है।
क्या करें: जूस और फलों का सेवन करें। हरे रंग के वस्त्र पहनें।
8. आठवां और नौवां महीना – चंद्र और सूर्य का प्रभाव
आठवें महीने में चंद्र का और नौवें महीने में सूर्य का प्रभाव रहता है।
क्या करें: यदि कोई ग्रह नीच राशि में हो, तो पूरे महीने यज्ञ करवाना चाहिए।
ग्रहों की किरणों से गर्भ का तपना
गर्भ में बच्चे का विकास ग्रहों की किरणों से होता है। जैसे मुर्गी अपने अंडे को जितनी अधिक हीट देती है, उसका बच्चा उतना ही मजबूत होता है, वैसे ही माँ का गर्भ भी ग्रहों की किरणों से जितना तपेगा, बच्चा उतना ही मेधावी और महान होगा।
उदाहरण के लिए, गांधारी की आंखों की किरणों के तेज़ से दुर्योधन का शरीर वज्र का हो गया था। इसी प्रकार, ग्रहों का संतुलन और उचित उपाय बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक होता है।
गर्भावस्था के दौरान ग्रहों का प्रभाव समझना और उनके अनुसार उपाय करना न केवल बच्चे को स्वस्थ और मजबूत बनाता है, बल्कि उसे महानता की ओर ले जा सकता है। यह सनातन संस्कृति और ज्योतिष के अद्भुत विज्ञान का उदाहरण है।
जय हिंद जय भारत 🇮🇳
साभार रीपोस्ट
पुष्पा 2 ♥️♥️
कुछ लोग कह रहे हैं कि
अगर आप पढ़े लिखे हैं तो Pushpa 2 देखने मत जाना क्योंकि इसमें ओवरएक्टिंग है,
फिर यही कुछ लोग हॉलीवुड की एवेंजर्स जैसी तमाम फ़िल्मों को मास्टरपीस बताते हैं,
अबे चिरकुटों अगर ओवरएक्टिंग की बात की जाए तो हॉलीवुड का 1 बटा 100 भी हमारी फ़िल्मों में ओवरएक्टिंग नहीं होती है।
इन्हें अल्लू अर्जुन का दांत से काटना पसंद नहीं आता मगर हॉलीवुड वालों का एक हाथ से बिल्डिंग गिरा देना इन्हें कूल लगता है।
इस पर आप का क्या कहना है ??
रंगोली प्रयागराज कुंभ मेला ♥️✊🔥
भारतीय संस्कृति में रंगोली निर्माण प्राचीन काल से होता आया है। इसी कला की भव्य और विराट प्रस्तुति करते हुए महाकुम्भ में 55 हजार वर्ग फुट में रंगोली का निर्माण किया गया है, जिसमें 11 टन रंग उपयोग हुए हैं।
वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना....
रंगोली के द्वारा देश की आध्यात्मिकता, आस्था और भक्ति के विषयों से संबंधित दृश्यों को दर्शाया गया है।
♥️🔥🙏
बच्चा लाइन के अंत में बैठा है सिर्फ इसलिये कि उसका मजाक न उड़े, उसको पता है वो अपने माँ पिता का लाडला है पर वोह चाहकर भी उसको नई शर्ट नहीं दिला सकते , पर इस बच्चे को नई शर्ट नहीं नई जिंदगी जीने की जिद है और मुझे यकीन है ईश्वर इसकी मदद करेंगे। एक वाक्या मुझे भी याद आया , उस जमाने में एक्शन शूज का बड़ा जलवा होता था , मैंने अपने मामा जी के यहां था , मामा जी के लड़के के पुराने एक्शन शूज रैक में रखे हुए थे , बालक मन था, मैं एक दिन पहन कर चला गया (1 महीने की कोचिंग थी दिल्ली में , वोह कर रहा था) मेरे पास वाली कुर्सी पर एक लड़का बार बार बोले जा रहा था किसी के शूज में छेद है, और आस पास के लड़के मुस्करा रहे थे, मैंने सोचा पता नहीं किसके लिये कह रहा है , मेरी निगाह उसके शूज पर गई, शानदार शूज थे उसके, फिर अपने मंगनई के एक्शन शूज पर गयी , पेट में सर्राटा सा हो गया , मेरे ही जूते में छेद था, यकीन मानिए पूरे 2 घंटे की क्लास में मेरा फोकस सिर्फ इस पर था कि मेरे जूते के छेद पर किसी की निगाह न जाये , मैं इतना नर्वस हो गया था , पर अच्छा करूँगा, करने की जिद और बढ़ गई थी
इसीलिए बच्चे जिद पाल ईश्वर तेरी मदद करेंगे , तू जीवन मे बहुत अच्छा करेगा
जय हो♥️