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पेरिस ओलिम्पिक में शूटिंग में दो कांस्य पदक विजेता मनु भाकर एक कोल्ड ड्रिंक के विज्ञापन में बता रही है कि ये कांस्य पदक उन्हें अमुक कोल्ड ड्रिंक पीने की वजह से मिला है।
मनु दरअसल एक हद तक सही बोल रही है।
फर्क इतना है कि ये पदक उन्हें किसी एकलव्य का अंगूठा कटवाने के बाद मिला है ।
इस एकलव्य का नाम है चिंकी यादव जो मध्यप्रदेश के अत्यंत साधारण परिवार से संबंध रखती है ।
इस कहानी की शुरुआत 2019 से होती है जब चिंकी यादव ने दोहा में शूटिंग स्वर्ण पदक जीतकर टोक्यो ओलिम्पिक के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया था ।
शूटिंग में दो बार की विश्व विजेता ये लड़की मध्य्प्रदेश की पहली विश्वविजेता खिलाड़ी थी ।
उस समय चिंकी की 25 मीटर पिस्टल वर्ग में वर्ल्ड रैंकिंग 1st थी ।
2021 में दिल्ली में हुए शूटिंग के विश्वकप के 25 मीटर व्यक्तिगत पिस्टल स्पर्धा में चिंकी पहले स्थान पर रही थी जबकि मनु भाकर तीसरे स्थान पर । दूसरा स्थान सरनोबत को मिला था ।
इस कामयाबी ने चिंकी के टोक्यो ओलिम्पिक में भाग लेने के दावे पर अंतिम मुहर लगा दी ।
लेकिन चिंकी के भाग्य में दूसरा नरसिंह यादव होना लिखा था ।
कुश्ती की तरह शूटिंग में भी हावी दिल्ली- हरियाणा लॉबी ने चिंकी यादव को टोक्यो ओलिम्पिक में भेजने से मना कर दिया । उसकी जगह पर सरनोबत और मनु भाकर को भेजा गया ।
मनु भाकर 2022 के टोक्यो ओलिम्पिक में 15 वे स्थान पर रही थी । तब शायद उन्हें कोला पीने को नही मिला होगा।
इस घटना के बाद देश की नंबर एक निशानेबाज लड़की डिप्रेशन में चली गई ।
जिस देश मे खेलो का सबसे बड़ा पुरस्कार ही उसके एकलव्यों के सपनों के हत्यारे के नाम पर हो उस देश मे ऐसी घटनाएं बहुत सामान्य होती है।
मनोज रैदास कबीर

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पेरिस ओलिम्पिक में शूटिंग में दो कांस्य पदक विजेता मनु भाकर एक कोल्ड ड्रिंक के विज्ञापन में बता रही है कि ये कांस्य पदक उन्हें अमुक कोल्ड ड्रिंक पीने की वजह से मिला है।
मनु दरअसल एक हद तक सही बोल रही है।
फर्क इतना है कि ये पदक उन्हें किसी एकलव्य का अंगूठा कटवाने के बाद मिला है ।
इस एकलव्य का नाम है चिंकी यादव जो मध्यप्रदेश के अत्यंत साधारण परिवार से संबंध रखती है ।
इस कहानी की शुरुआत 2019 से होती है जब चिंकी यादव ने दोहा में शूटिंग स्वर्ण पदक जीतकर टोक्यो ओलिम्पिक के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया था ।
शूटिंग में दो बार की विश्व विजेता ये लड़की मध्य्प्रदेश की पहली विश्वविजेता खिलाड़ी थी ।
उस समय चिंकी की 25 मीटर पिस्टल वर्ग में वर्ल्ड रैंकिंग 1st थी ।
2021 में दिल्ली में हुए शूटिंग के विश्वकप के 25 मीटर व्यक्तिगत पिस्टल स्पर्धा में चिंकी पहले स्थान पर रही थी जबकि मनु भाकर तीसरे स्थान पर । दूसरा स्थान सरनोबत को मिला था ।
इस कामयाबी ने चिंकी के टोक्यो ओलिम्पिक में भाग लेने के दावे पर अंतिम मुहर लगा दी ।
लेकिन चिंकी के भाग्य में दूसरा नरसिंह यादव होना लिखा था ।
कुश्ती की तरह शूटिंग में भी हावी दिल्ली- हरियाणा लॉबी ने चिंकी यादव को टोक्यो ओलिम्पिक में भेजने से मना कर दिया । उसकी जगह पर सरनोबत और मनु भाकर को भेजा गया ।
मनु भाकर 2022 के टोक्यो ओलिम्पिक में 15 वे स्थान पर रही थी । तब शायद उन्हें कोला पीने को नही मिला होगा।
इस घटना के बाद देश की नंबर एक निशानेबाज लड़की डिप्रेशन में चली गई ।
जिस देश मे खेलो का सबसे बड़ा पुरस्कार ही उसके एकलव्यों के सपनों के हत्यारे के नाम पर हो उस देश मे ऐसी घटनाएं बहुत सामान्य होती है।
मनोज रैदास कबीर

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मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना का वर्तमान में प्रदेश की करीब 37 हजार से अधिक महिलाएं लाभ उठा रही हैं। बीते एक वर्ष में योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों ने संपूर्ण प्रदेश में ₹318.98 लाख का कारोबार किया है। बीते वर्ष रक्षाबंधन पर 24 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री ने इस योजना की शुरुआत की थी। योजना का लक्ष्य महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध करना था। इसके लिए सरकार द्वारा महिला समूहों द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों की ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शनी लगाई जाती है साथ ही उत्पादों के विपणन की व्यवस्था की जाती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की पैकेजिंग से लेकर ब्रांडिंग तक की व्यवस्था की जा रही है। स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर (मार्केटिंग) रोहित सिंह ने बताया कि योजना के तहत अगस्त 2023 से जून 2024 की समयावधि के दौरान प्रदेश के 95 ब्लॉकों में कुल 1428 स्टॉलों के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ₹318.98 लाख का कारोबार किया गया।

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सशक्त जनपद, समृद्ध उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नाबार्ड मद से पौडी गढ़वाल के विकासखण्ड दुगड्डा के कोटद्वार क्षेत्र में नहर के पुनर्निर्माण हेतु ₹463.16 लाख की स्वीकृति दी है।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी में केदारघाटी में किए गए रेस्क्यू अभियान में हजारों श्रद्धालुओं एवं स्थानीय जनता को हेली सेवा के साथ साथ पैदल आवाजाही से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग को तेजी के साथ दुरुस्त करने की चुनौती थी। जिसे जिला प्रशासन ने बना लिया है। केदारनाथ पैदल मार्ग को श्रमिकों की कड़ी मेहनत से दुरुस्त कर लिया गया है। 15 दिन बाद पैदल चलकर यूपी, गुजरात और हरियाणा के तीर्थयात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। 260 श्रमिकों की कड़ी मेहनत के बाद पैदल मार्ग को बनाया गया है। इस दौरान केदारनाथ धाम पहुंच रहे तीर्थयात्रियों ने प्रशासन से मिल रहे सहयोग पर आभार जताया। आपदा से 19 किलोमीटर पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। तेजी से काम होने के चलते अब पैदल मार्ग में एक-दो जगहों पर ही परेशानी बनी हुई है, जहाँ पर सुरक्षा बल के जवान तीर्थयात्रियों को पार करवा रहे हैं। ऐसे में पैदल चलकर धाम पहुंच रहे देश के विभिन्न राज्यों के भक्तों में भी ख़ुशी देखने को मिल रही है। अब तक 10 लाख 93 हजार 632 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। इन दिनों 150 से 200 के करीब तीर्थ यात्री प्रतिदिन श्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। हेली सेवाओं के साथ साथ पैदल मार्ग से भी बाबा के भक्त धाम पहुंच रहे हैं। पैदल मार्ग के डेंजर वाली जगहों पर सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं, जो भक्तों को सुरक्षित यात्रा करवा रहे हैं। जिला प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द पैदल मार्ग को और अधिक दुरुस्त किया जाए, जिससे ज्यादा संख्या में भक्त श्री केदारनाथ धाम पहुंच सकें। पैदल मार्ग पर सैकड़ों की संख्या में लोनिवि गुप्तकाशी के श्रमिक मार्ग का ट्रीटमेंट करने में लगे हुए हैं। इसके अलावा सोनप्रयाग-गौरीकुण्ड राजमार्ग को भी दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है।

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