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100%Right 👎🤜👍🤛

ये लाइन 2014 से पहले लगती थी याद है ना🤔

कितना प्यारा 😛😂😀😆🤠उनकी सरकार🤓😛

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👏🙏🙋
फिट होने की कोशिश करना बंद करो। ।।।
इस तथ्य को स्वीकार करो कि तुम अलग हो।।।

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अपना तो पूरा का पूरा नंबर 🤜🤛
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकार के 8 साल पूरे होने पर लखनऊ में सोमवार को अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया है. उन्होंने रिपोर्ट कार्ड के जरिए सरकार की उपलब्धियां गिनाई हैं. आप उनके कार्यकाल को 10 में से कितने नंबर देंगे ? कमेंट कर बताएं....
#cmyogi #uttarpradesh #bjp #lucknow #latestupdates #myogiadityanath #up #indian

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गांव_के_बियाह
पहले गाँव मे न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग
थी तो बस सामाजिकता ।।
गांव में जब कोई शादी ब्याह होते तो घर घर से चारपाई आ
जाती थी,
हर घर से थरिया, लोटा, कलछुल, कराही इकट्ठा हो जाता था
और गाँव की ही महिलाएं एकत्र हो कर खाना बना देती थीं ।।
औरते ही मिलकर दुलहिन तैयार कर देती थीं और हर रसम का
गीत गारी वगैरह भी खुद ही गा डालती थी ।।
तब DJ अनिल-DJ सुनील जैसी चीज नही होती थी और न ही
कोई आरकेस्ट्रा वाले फूहड़ गाने ।।
गांव के सभी चौधरी टाइप के लोग पूरे दिन काम करने के लिए
इकट्ठे रहते थे ।।
हंसी ठिठोली चलती रहती और समारोह का कामकाज भी।
शादी ब्याह मे गांव के लोग बारातियों के खाने से पहले खाना
नहीं खाते थे क्योंकि यह घरातियों की इज्ज़त का सवाल होता
था ।।
गांव की महिलाएं गीत गाती जाती और अपना काम करती
रहती ।।
सच कहु तो उस समय गांव मे सामाजिकता के साथ समरसता होती थी ।।
खाना परसने के लिए गाँव के लौंडों का गैंग ontime इज्जत
सम्हाल लेते थे ।

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इस स्मारक को बिना किसी एडवांस टेक्नोलॉजी के बनाना असंभव है पत्थर के बने इस द्वारा को ध्यान से देखें हिंडोला तोराना मध्य प्रदेश के ग्यारसपुर में स्थित अद्वातीय स्मारक है इसकी जटिल नक्काशी हजारों साल पहले पत्थर पर किस प्रकार बनाई गई होगी

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सरल-सौम्य व्यक्तित्व के धनी #लोकसभा अध्यक्ष आदरणीय श्री ओम बिरला जी से #शिष्टाचार भेंटकर अनेक विषयों पर #मार्गदर्शन प्राप्त किया।
Om Birla

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"बेशक़ होगा शाह वो, मैं अलमस्त फ़क़ीर
उसका पीर कुबेर है, मेरा पीर कबीर!"
-- नरेश शांडिल्य
कबीर की फक्कड़ मस्ती, उनकी बेबाक शैली और गहरी आत्मदृष्टि को अपने दोहों में आत्मसात करने वाले प्रसिद्ध कवि नरेश शांडिल्य के दोहे केवल पढ़े नहीं जाते, जिये जाते हैं। श्वेतवर्णा प्रकाशन से सद्य प्रकाशित उनका दोहा-संग्रह 'मेरी अपनी सोच' आत्मबोध और सत्य की खोज का साक्षी है।
हिंदी विभाग, शिवाजी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय एवं साहित्यिक संस्था ‘वयम्’ के संयुक्त तत्वावधान में नरेश शांडिल्य की इस पुस्तक पर चर्चा का आयोजन किया जा रहा है:-
दिनांक : सोमवार, 24 मार्च 2025
समय : प्रातः 11 बजे
स्थान : पेशवा बाजीराव सभागार, शिवाजी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय
आइए, इस काव्य-यात्रा के सहभागी बनें! 💐💐

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ਹਜ਼ੂਰੀ ਰਾਗੀ ਸਾਹਿਬਾਨ ਸੱਚਖੰਡ ਸ਼੍ਰੀ ਦਰਬਾਰ ਸਾਹਿਬ ਸ਼੍ਰੀ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਸਾਹਿਬ, ਦੀਆਂ ਰਸ-ਭਿੰਨੀਆਂ ਅਵਾਜ਼ਾਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਬਦ ਗੁਰਬਾਣੀ ਕੀਰਤਨ ਦਾ ਗੁਲਦਸਤਾ ਬਹੁਤ ਜਲਦੀ ਆਪ ਸੰਗਤਾਂ ਦੇ ਸਨਮੁਖ ਭੇਟ ਕਰਨ ਜਾ ਰਹੇ ਹਾਂ ॥ https://youtube.com/@th_records?feature=shared

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